रैपिडो ड्राइवर के खाते में 331 करोड़ रुपए आए:उदयपुर की रॉयल शादी में इस्तेमाल हुए, पूछताछ में बोला- मेरे पास घर ठीक कराने के पैसे भी नहीं
उदयपुर मे हुई एक रॉयल वेडिंग को लेकर ईडी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़कर एक रैपिडो ड्राइवर के बैंक खाते से 331 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन पकड़ा है। रैपिडो ड्राइवर के बैंक खाते से इतने बड़े अमाउंट के लेन-देन को मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़कर माना जा रहा है। इन रुपए का इस्तेमाल उदयपुर की होटल ताज अरावली में हुई एक शादी में हुआ था। दरअसल, ईडी को जब कई संदिग्ध खातों का जांच की तो सामने आया कि यह मनी ट्रेल एक बेटिंग एप से हुआ। उसे ट्रैक किया तो जांच में सामने आया कि 19 अगस्त 2024 से 14 अप्रैल 2025 के बीच रैपिड ड्राइवर के खाते में 331.36 करोड़ जमा हुए और फिर तुरंत आगे भेज दिए गए। जब ईडी ने ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने इस बड़ी रकम के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है। उसने बताया कि कभी भी उसने किसी को खाता चलाने की अनुमति नहीं दी। वो अपनी कमाई से घर की मरम्मत तक नहीं करा पा रहा है। ड्राइवर ने बताया- वह डिजिटल ट्रांजैक्शन बहुत कम करता था और अपने बैंक एप का भी नियमित इस्तेमाल नहीं करता था। काला धन सुरक्षित तरीके से घुमाने के लिए खाते का इस्तेमाल किया ईडी की जांच में सामने आया कि ये पूरा मनी ट्रेल एक बेटिंग ऐप से जुड़ा है। इस एप का नाम 1xBet है। इस एप से जुड़े लोगों ने अपना काला धन सुरक्षित तरीके से घुमाने के लिए उस ड्राइवर के बैंक खाते को म्यूल अकाउंट की तरह इस्तेमाल किया गया। म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट को कहा जाता है, जिनका इस्तेमाल साइबर ठग अपने अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए किया जाता है। इस तरह वे जांच एजेंसियों से बच जाते हैं। जांच में आगे पता चला कि यह रकम उदयपुर की एक हाई-प्रोफाइल लग्जरी वेडिंग से जुड़ी हुई है। इस शादी के पैमेंट (आयोजन, डेकोरेशन, होटल बुकिंग और वेंडर पेमेंट) का बड़ा हिस्सा इसी ड्राइवर के खाते से किया गया। कौन है असली नेटवर्क?
ईडी अब यह तलाश रही है कि यह पैसा किसके पास से आया, किसने इस खाते को ऑपरेट किया, खाते के असली लॉगिन किसके पास थे। और ड्राइवर तक यह लिंक कैसे पहुंचा। एजेंसी को बड़े नेटवर्क का शक ईडी को शक है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट ऐसे कई कमजोर वर्ग के लोगों के खातों को इस्तेमाल कर रहा था, ताकि बड़ी रकम को विभाजित करके आसानी से वैध दिखाया जा सके। कंपनियों, इवेंट मैनेजर्स और वेंडर्स को किए गए पेमेंट की ट्रेल एजेंसी खंगाल रही है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि शादी के आयोजकों और इस खाता-धारक के बीच कौन मीडियटर था। मामला सिर्फ एक खाते का नहीं उदयपुर की यह घटना के बाद एजेंसी को शक है कि कई बड़े बिजनेसमैन और अपराधी नेटवर्क अब सीधे गरीब तबके के बैंक खातों को टारगेट कर रहे हैं। जांच के दौरान और खातों और लोगों के नाम सामने आने की संभावना है।
उदयपुर मे हुई एक रॉयल वेडिंग को लेकर ईडी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़कर एक रैपिडो ड्राइवर के बैंक खाते से 331 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन पकड़ा है। रैपिडो ड्राइवर के बैंक खाते से इतने बड़े अमाउंट के लेन-देन को मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़कर माना जा रहा है। इन रुपए का इस्तेमाल उदयपुर की होटल ताज अरावली में हुई एक शादी में हुआ था। दरअसल, ईडी को जब कई संदिग्ध खातों का जांच की तो सामने आया कि यह मनी ट्रेल एक बेटिंग एप से हुआ। उसे ट्रैक किया तो जांच में सामने आया कि 19 अगस्त 2024 से 14 अप्रैल 2025 के बीच रैपिड ड्राइवर के खाते में 331.36 करोड़ जमा हुए और फिर तुरंत आगे भेज दिए गए। जब ईडी ने ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने इस बड़ी रकम के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है। उसने बताया कि कभी भी उसने किसी को खाता चलाने की अनुमति नहीं दी। वो अपनी कमाई से घर की मरम्मत तक नहीं करा पा रहा है। ड्राइवर ने बताया- वह डिजिटल ट्रांजैक्शन बहुत कम करता था और अपने बैंक एप का भी नियमित इस्तेमाल नहीं करता था। काला धन सुरक्षित तरीके से घुमाने के लिए खाते का इस्तेमाल किया ईडी की जांच में सामने आया कि ये पूरा मनी ट्रेल एक बेटिंग ऐप से जुड़ा है। इस एप का नाम 1xBet है। इस एप से जुड़े लोगों ने अपना काला धन सुरक्षित तरीके से घुमाने के लिए उस ड्राइवर के बैंक खाते को म्यूल अकाउंट की तरह इस्तेमाल किया गया। म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट को कहा जाता है, जिनका इस्तेमाल साइबर ठग अपने अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए किया जाता है। इस तरह वे जांच एजेंसियों से बच जाते हैं। जांच में आगे पता चला कि यह रकम उदयपुर की एक हाई-प्रोफाइल लग्जरी वेडिंग से जुड़ी हुई है। इस शादी के पैमेंट (आयोजन, डेकोरेशन, होटल बुकिंग और वेंडर पेमेंट) का बड़ा हिस्सा इसी ड्राइवर के खाते से किया गया। कौन है असली नेटवर्क?
ईडी अब यह तलाश रही है कि यह पैसा किसके पास से आया, किसने इस खाते को ऑपरेट किया, खाते के असली लॉगिन किसके पास थे। और ड्राइवर तक यह लिंक कैसे पहुंचा। एजेंसी को बड़े नेटवर्क का शक ईडी को शक है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट ऐसे कई कमजोर वर्ग के लोगों के खातों को इस्तेमाल कर रहा था, ताकि बड़ी रकम को विभाजित करके आसानी से वैध दिखाया जा सके। कंपनियों, इवेंट मैनेजर्स और वेंडर्स को किए गए पेमेंट की ट्रेल एजेंसी खंगाल रही है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि शादी के आयोजकों और इस खाता-धारक के बीच कौन मीडियटर था। मामला सिर्फ एक खाते का नहीं उदयपुर की यह घटना के बाद एजेंसी को शक है कि कई बड़े बिजनेसमैन और अपराधी नेटवर्क अब सीधे गरीब तबके के बैंक खातों को टारगेट कर रहे हैं। जांच के दौरान और खातों और लोगों के नाम सामने आने की संभावना है।