मशरूम प्रोडक्शन यूनिट को 105 करोड़ भरने का नोटिस:कुरुक्षेत्र में विरोध में उतरे संचालक; बोले- 5% GST भरते थे
हरियाणा की 11 मशरूम प्रोडक्शन यूनिट को 105 करोड़ रुपए का GST भरने का नोटिस मिलने से इन यूनिट के संचालक टेंशन में आ गए। मशरूम यूनिट संचालकों ने सरकार को इस सीजन में अपनी यूनिट बंद रखने और किसानों से मशरूम नहीं खरीदने की चेतावनी दी है। इसे लेकर आज (शनिवार को) संचालकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भौर सैयदां के मशरूम यूनिट संचालक हरपाल सिंह बाजवा ने बताया कि कैंड बटन मशरूम कोई रेडी टू इट फूड नहीं है। इसे HSN कोड 711 के तहत रखा जाना चाहिए। GST लागू होने पर संचालक 5% GST भरते थे, मगर 2019 से सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज में मशरूम को GST फ्री किया तो उन्होंने टैक्स भरना छोड़ दिया। अब अचानक भेज दिया नोटिस अब कुछ दिन पहले डिपार्टमेंट ने कुरुक्षेत्र जिले की 2 फर्म समेत प्रदेश की 11 यूनिट को 105 करोड़ रुपए का GST भरने का नोटिस थमा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि डिपार्टमेंट ने मशरूम को HSN 2003 में डालना दिया है, जो तैयार सब्जियों पर लागू होता है और जिस पर टैक्स देना पड़ता है। फिर चीन बेचेगा मशरूम अगर उनकी मशरूम पर 5% GST भरेंगे तो हर कैंड बटन मशरूम पर करीब 250 रुपए बढ़ जाएंगे, जिससे मशरूम का रेट भी बढ़ेगा। इससे भारतीय मशरूम महंगे हो जाएंगे और चाइना अपनी मशरूम सस्ते रेट में मार्केट में बेचेगा। उन्होंने बताया कि, कुरुक्षेत्र में उनको करीब 7.32 करोड़ और दूसरी फर्म को 12 करोड़ GST का नोटिस आया है। यूनिट बंद का फैसला हरपाल सिंह बाजवा ने कहा कि जब तक सरकार GST नोटिस वापस नहीं लेगी वे अपनी प्रोसेस यूनिट बंद रखेंगे। इसलिए किसान अपने मुताबिक मशरूम का प्रोडक्शन करें, क्योंकि वे इस बार मशरूम नहीं खरीदेंगे। सरकार से कैंड बटन मशरूम से GST हटाने की मांग की। मशरूम प्रोडक्शन पर संकट
अगर प्रोसेस यूनिट बंद हुई तो प्रदेश के साथ देश में मशरूम के प्रोडक्शन पर असर पड़ेगा। जिला कुरुक्षेत्र से करीब 8 हजार टन मशरूम का प्रोडक्शन होता है, जिसमें 90% प्रोडक्शन सिर्फ हरपाल सिंह की यूनिट करती है। हरपाल सिंह की 4 यूनिट चल रही है।
हरियाणा की 11 मशरूम प्रोडक्शन यूनिट को 105 करोड़ रुपए का GST भरने का नोटिस मिलने से इन यूनिट के संचालक टेंशन में आ गए। मशरूम यूनिट संचालकों ने सरकार को इस सीजन में अपनी यूनिट बंद रखने और किसानों से मशरूम नहीं खरीदने की चेतावनी दी है। इसे लेकर आज (शनिवार को) संचालकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भौर सैयदां के मशरूम यूनिट संचालक हरपाल सिंह बाजवा ने बताया कि कैंड बटन मशरूम कोई रेडी टू इट फूड नहीं है। इसे HSN कोड 711 के तहत रखा जाना चाहिए। GST लागू होने पर संचालक 5% GST भरते थे, मगर 2019 से सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज में मशरूम को GST फ्री किया तो उन्होंने टैक्स भरना छोड़ दिया। अब अचानक भेज दिया नोटिस अब कुछ दिन पहले डिपार्टमेंट ने कुरुक्षेत्र जिले की 2 फर्म समेत प्रदेश की 11 यूनिट को 105 करोड़ रुपए का GST भरने का नोटिस थमा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि डिपार्टमेंट ने मशरूम को HSN 2003 में डालना दिया है, जो तैयार सब्जियों पर लागू होता है और जिस पर टैक्स देना पड़ता है। फिर चीन बेचेगा मशरूम अगर उनकी मशरूम पर 5% GST भरेंगे तो हर कैंड बटन मशरूम पर करीब 250 रुपए बढ़ जाएंगे, जिससे मशरूम का रेट भी बढ़ेगा। इससे भारतीय मशरूम महंगे हो जाएंगे और चाइना अपनी मशरूम सस्ते रेट में मार्केट में बेचेगा। उन्होंने बताया कि, कुरुक्षेत्र में उनको करीब 7.32 करोड़ और दूसरी फर्म को 12 करोड़ GST का नोटिस आया है। यूनिट बंद का फैसला हरपाल सिंह बाजवा ने कहा कि जब तक सरकार GST नोटिस वापस नहीं लेगी वे अपनी प्रोसेस यूनिट बंद रखेंगे। इसलिए किसान अपने मुताबिक मशरूम का प्रोडक्शन करें, क्योंकि वे इस बार मशरूम नहीं खरीदेंगे। सरकार से कैंड बटन मशरूम से GST हटाने की मांग की। मशरूम प्रोडक्शन पर संकट
अगर प्रोसेस यूनिट बंद हुई तो प्रदेश के साथ देश में मशरूम के प्रोडक्शन पर असर पड़ेगा। जिला कुरुक्षेत्र से करीब 8 हजार टन मशरूम का प्रोडक्शन होता है, जिसमें 90% प्रोडक्शन सिर्फ हरपाल सिंह की यूनिट करती है। हरपाल सिंह की 4 यूनिट चल रही है।