Iran को 30 बिलियन डॉलर देने की खबर को ट्रंप ने किया खारिज, बताया फेक न्यूज मीडिया का एक और बीमार दुष्प्रचार

पांच दिन पहले ईरान पर बीटू बॉम्बर्स से बम बरसाने वाले ट्रम्प को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति का पारा चढ़ा दिया। दरअसल, सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ट्रम्प प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि वह ईरान को नागरिक (सिविलियन) एटमी प्रोग्राम के लिए लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए की मदद दिलाने को तैयार है। फोदों साइट के बदले नया एटमी केंद्र बनाने का प्रस्ताव भी है। ईरान को कुछ प्रतिबंधों में ढील देकर 50 हजार करोड़ की जब्त संपत्ति (फ्रोजेन एसेस्ट्स) जारी करने की भी योजना है। अगले हफ्ते प्रस्तावित बैठक में कतर मुख्य मध्यस्थ हो सकता है। हालांकि रिपोर्ट सामने आने के बाद इसको लेकर ट्रंप का रिएक्शन भी आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि उनके प्रशासन ने ईरान को असैन्य परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम विकसित करने के लिए 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक देने पर विचार किया था।इसे भी पढ़ें: Trump मुनीर को लंच खिलाते रह गए, इधर रूस दे रहा भारत को बड़ा तोहफबता दें कि हाल में ट्रम्प ने ईरान के तीन एटमी ठिकानों पर अमेरिकी बमबारी के बाद वहां पर भीषण नुकसान फिर बाद में सीमित नुकसान होने का बयान दिया था। अब इस रिपोर्ट के जवाब में ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर दावों की निंदा करते हुए रिपोर्ट को 'धोखा' बताया। उन्होंने लिखा, फेक न्यूज मीडिया में कौन सा बदमाश यह कह रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ईरान को गैर-सैन्य परमाणु सुविधाएं बनाने के लिए 30 बिलियन डॉलर देना चाहते हैं। इस हास्यास्पद विचार के बारे में कभी नहीं सुना। वाशिंगटन और तेहरान के बीच अप्रैल से ही अप्रत्यक्ष वार्ता चल रही है, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम के इर्द-गिर्द एक नई कूटनीतिक व्यवस्था बनाना है। जबकि ईरान का कहना है कि उसकी परमाणु गतिविधियाँ शांतिपूर्ण हैं, अमेरिका का कहना है कि उसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि तेहरान परमाणु बम न बना सके। इसे भी पढ़ें: हमले से घबराकर अपने डैडी के पास भागना पड़ा...Iran ने एक साथ अमेरिका-इजरायल दोनों को रगड़ दिया, ट्रंप को जुबान संभालकर बात करने की दी चेतावनीइस सप्ताह की शुरुआत में ट्रम्प ने शत्रुता को समाप्त करने के लिए इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम की घोषणा की। इजरायल, जिसे व्यापक रूप से मध्य पूर्व में एकमात्र परमाणु-सशस्त्र राज्य माना जाता है, ने कहा कि उसके आक्रमण का उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना था। इजरायल के विपरीत, ईरान परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षरकर्ता बना हुआ है। ईरान में सक्रिय, समन्वित परमाणु हथियार कार्यक्रम का कोई विश्वसनीय संकेत नहीं है। 

Jun 28, 2025 - 22:42
 0
Iran को 30 बिलियन डॉलर देने की खबर को ट्रंप ने किया खारिज, बताया फेक न्यूज मीडिया का एक और बीमार दुष्प्रचार
पांच दिन पहले ईरान पर बीटू बॉम्बर्स से बम बरसाने वाले ट्रम्प को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति का पारा चढ़ा दिया। दरअसल, सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ट्रम्प प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि वह ईरान को नागरिक (सिविलियन) एटमी प्रोग्राम के लिए लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए की मदद दिलाने को तैयार है। फोदों साइट के बदले नया एटमी केंद्र बनाने का प्रस्ताव भी है। ईरान को कुछ प्रतिबंधों में ढील देकर 50 हजार करोड़ की जब्त संपत्ति (फ्रोजेन एसेस्ट्स) जारी करने की भी योजना है। अगले हफ्ते प्रस्तावित बैठक में कतर मुख्य मध्यस्थ हो सकता है। हालांकि रिपोर्ट सामने आने के बाद इसको लेकर ट्रंप का रिएक्शन भी आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि उनके प्रशासन ने ईरान को असैन्य परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम विकसित करने के लिए 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक देने पर विचार किया था।

इसे भी पढ़ें: Trump मुनीर को लंच खिलाते रह गए, इधर रूस दे रहा भारत को बड़ा तोहफ

बता दें कि हाल में ट्रम्प ने ईरान के तीन एटमी ठिकानों पर अमेरिकी बमबारी के बाद वहां पर भीषण नुकसान फिर बाद में सीमित नुकसान होने का बयान दिया था। अब इस रिपोर्ट के जवाब में ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर दावों की निंदा करते हुए रिपोर्ट को 'धोखा' बताया। उन्होंने लिखा, फेक न्यूज मीडिया में कौन सा बदमाश यह कह रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ईरान को गैर-सैन्य परमाणु सुविधाएं बनाने के लिए 30 बिलियन डॉलर देना चाहते हैं। इस हास्यास्पद विचार के बारे में कभी नहीं सुना। वाशिंगटन और तेहरान के बीच अप्रैल से ही अप्रत्यक्ष वार्ता चल रही है, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम के इर्द-गिर्द एक नई कूटनीतिक व्यवस्था बनाना है। जबकि ईरान का कहना है कि उसकी परमाणु गतिविधियाँ शांतिपूर्ण हैं, अमेरिका का कहना है कि उसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि तेहरान परमाणु बम न बना सके। 

इसे भी पढ़ें: हमले से घबराकर अपने डैडी के पास भागना पड़ा...Iran ने एक साथ अमेरिका-इजरायल दोनों को रगड़ दिया, ट्रंप को जुबान संभालकर बात करने की दी चेतावनी

इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रम्प ने शत्रुता को समाप्त करने के लिए इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम की घोषणा की। इजरायल, जिसे व्यापक रूप से मध्य पूर्व में एकमात्र परमाणु-सशस्त्र राज्य माना जाता है, ने कहा कि उसके आक्रमण का उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना था। इजरायल के विपरीत, ईरान परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षरकर्ता बना हुआ है। ईरान में सक्रिय, समन्वित परमाणु हथियार कार्यक्रम का कोई विश्वसनीय संकेत नहीं है।