भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर चर्चा तेज है, लेकिन इसी बीच टेस्ला की बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ रही है। मौजूद जानकारी के अनुसार कंपनी ने गुरुग्राम में अपना अब तक का सबसे बड़ा सेल्स और सर्विस सेंटर खोल दिया है, जिसमें शो रूम, चार्जिंग पॉइंट और आफ्टर-सेल्स सर्विस सभी एक ही जगह उपलब्ध कराए गए हैं।
बता दें कि जुलाई में बड़ी चर्चाओं के बीच भारतीय बाजार में प्रवेश करने के बाद से टेस्ला केवल सौ से थोड़ी ज़्यादा कारें ही बेच पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि कंपनी को शुरुआत में लगभग 600 बुकिंग मिली थीं, लेकिन इनमें से कम संख्या ही बिक्री में बदल सकीं हैं। वहीं दूसरी तरफ इसी प्रीमियम सेगमेंट में बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज़ और BYD जैसी कंपनियों ने त्योहारी मांग और टैक्स में कटौती की वजह से बेहतर बिक्री दर्ज की है।
गौरतलब है कि कंपनी के नज़दीकी सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि टेस्ला अब भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए तीन चरणों वाली रणनीति पर काम कर रही है। इसमें ईवी को अपनाने की रफ्तार बढ़ाना, बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना और ग्राहक अनुभव को सुधारना शामिल है। कंपनी ने यह भी स्वीकार किया है कि ऊंचा टैक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी स्वीकार्यता भारत में बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं।
इसी कार्यक्रम में टेस्ला इंडिया के प्रमुख शरद अग्रवाल ने कहा कि कंपनी की कारों का रखरखाव ज्यादातर रिमोट और सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए किया जाता है, जिससे खर्च काफी कम होता है। उन्होंने यह भी बताया कि घर पर चार्जिंग की लागत पेट्रोल की तुलना में लगभग दस गुना कम होती है और ग्राहक चार साल में करीब 20 लाख रुपये तक बचा सकते हैं, जो मॉडल Y की कीमत के लगभग एक-तिहाई के बराबर हैं।
उद्योग के जानकारों के अनुसार टेस्ला की भारत में बिक्री अभी कम है, लेकिन कई विशेषज्ञ इसे कंपनी की शुरुआती रणनीति का हिस्सा मानते हैं। उनका कहना है कि कंपनी धीरे-धीरे बाजार समझकर आगे बढ़ रही है, इसलिए आने वाले समय में बिक्री में सुधार देखने की संभावना है।
भारत में अभी इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी कुल यात्री वाहन बाजार का लगभग 3% ही है और पूरे देश में केवल 25,000 चार्जिंग स्टेशन मौजूद हैं। टेस्ला का कहना है कि उसकी गाड़ियां घर पर भी चार्ज हो सकती हैं और एक घंटे में लगभग 70 किलोमीटर की रेंज मिल जाती है। कंपनी सुपरचार्जर नेटवर्क बढ़ाने पर भी काम कर रही है, जिससे 15 मिनट में लगभग 170 मील की रेंज मिल सकती है।
दुनिया भर में बिक्री सुस्त रहने की वजह से कंपनी को अन्य बड़े बाजार अमेरिका, चीन और यूरोप में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सितंबर तक की तिमाही में कंपनी की आमदनी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, लेकिन मुनाफा 37% गिर गया, जिसका कारण बढ़ते आयात शुल्क और रिसर्च खर्च बताए जा रहे हैं।
भारत में सरकार ने पिछले साल ग्लोबल ईवी निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए थे, लेकिन मौजूद जानकारी के अनुसार एलन मस्क अभी भी भारत में स्थानीय निर्माण पर ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं और आयात-आधारित रणनीति पर ही आगे बढ़ रहे हैं।
इन सभी कारणों के बीच टेस्ला की भारत में धीमी शुरुआत जारी है, लेकिन कंपनी का मानना है कि जैसे-जैसे चार्जिंग ढांचा और ग्राहक सुविधा बढ़ेगी, बाजार में गति भी बढ़ेगी और भविष्य में बिक्री में सुधार देखने को मिलेगा हैं।