साधारण कारोबारी सत्र की शुरुआत में ही व्हर्लपूल ऑफ इंडिया के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली है। शुरुआती ट्रेड में शेयर कीमत करीब 11.6% टूटकर 1,061.20 रुपये तक पहुंच गई हैं। मौजूद जानकारी के अनुसार बाज़ार में यह गिरावट इसलिए आई क्योंकि कंपनी के प्रमोटर ने 95 लाख शेयर बेचने का फैसला किया है, जो कंपनी में करीब 7.5% हिस्सेदारी है।
बता दें कि इस ब्लॉक डील के लिए 1,030 रुपये प्रति शेयर का फ्लोर प्राइस तय किया गया है, जो मौजूदा बाजार मूल्य के मुकाबले लगभग 14% कम है। शुरुआती अनुमान बताते हैं कि यह पूरा सौदा करीब 965 करोड़ रुपये का हो सकता है। रिपोर्टों में बताया गया है कि इस बिक्री के बाद प्रमोटर पर 90 दिन का लॉक-अप पीरियड भी लागू होगा, जिसमें वे कोई और शेयर नहीं बेच सकेंगे हैं।
गौरतलब है कि कंपनी पहले भी बड़े स्तर पर हिस्सेदारी में बदलाव का सामना कर चुकी है। जनवरी 2025 में भी इसी तरह शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी, जब खबर आई थी कि अमेरिकी होम अप्लायंसेज दिग्गज व्हर्लपूल कॉरपोरेशन अपनी भारतीय कंपनी में हिस्सेदारी को घटाकर लगभग 20% तक लाने की योजना बना रही है। यह जानकारी कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग में दी गई थी।
ध्यान देने वाली बात है कि फरवरी 2024 में भी व्हर्लपूल कॉरपोरेशन ने व्हर्लपूल ऑफ इंडिया में अपनी 24% हिस्सेदारी ब्लॉक डील के जरिए बेचकर लगभग 468 मिलियन डॉलर जुटाए थे। कंपनी के मुताबिक, वे अभी भी भारतीय यूनिट में सबसे बड़े शेयरधारक बने रहने की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि फिलहाल उनके पास लगभग 51% हिस्सेदारी मौजूद है और भविष्य की बिक्री के बाद भी उनकी प्रमुख पकड़ बनी रहने की संभावना है।
इन घटनाओं के चलते बाजार में निवेशकों की भावना थोड़ी कमजोर हुई है और शेयरों में अस्थिरता देखी जा रही है। हालांकि कंपनी की ओर से यह साफ किया गया है कि लंबे समय में वे भारत में अपने संचालन और बाजार में उपस्थिति को मजबूत बनाए रखने की दिशा में काम जारी रखेंगे हैं।