'भारत नंबर-1 मगर प्रति पशु दूध उत्पादन में पीछे':लुवास के वैज्ञानिक बोले- खनिज की कमी से बांझपन बढ़ा, संतुलित आहार से उत्पादन बढ़ेगा
हिसार की लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के पशु पोषण विभाग में 7 दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। यह कार्यक्रम “संतुलित आहार एवं खनिज मिश्रण का पशुपालन में महत्व” विषय पर आधारित था, जिसमें कुल 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य पशुपालन के माध्यम से युवाओं एवं किसानों की आय में वृद्धि करना है। समापन समारोह में विभागाध्यक्ष डॉ. सज्जन सिहाग ने प्रतिभागियों को पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि भारत विश्व में कुल दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है, फिर भी प्रति पशु दूध उत्पादन में कई देशों से पीछे है। उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को प्रतिदिन 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य दें। खनिज की कमी से बांझपन बढ़ रहा डॉ. सिहाग ने बताया कि पिछले एक दशक में पशुपालन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, लेकिन अधिकांश पशुपालक अपने पशुओं को खनिज मिश्रण नहीं खिला रहे हैं, जिसके कारण बांझपन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं और दूध उत्पादन अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि पशुओं को उचित मात्रा में संतुलित आहार एवं खनिज मिश्रण देने से दूध उत्पादन, प्रजनन क्षमता एवं पशुओं के समग्र स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार होता है। डॉ. सिहाग ने कहा कि भारत विश्व में कुल दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है, फिर भी प्रति पशु दूध उत्पादन में कई देशों से पीछे है। उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को प्रतिदिन 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य दें। पशु पोषण विभाग सस्ते दाम पर खनिज उपलब्ध करवा रहा उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पशु पोषण विभाग पशुओं में विशिष्ट खनिजों की कमी को ध्यान में रखते हुए उत्तम गुणवत्ता का खनिज मिश्रण तैयार कर किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध करवा रहा है, जिससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। डॉ. सिहाग ने प्रशिक्षणार्थियों को आश्वस्त किया कि विभाग भविष्य में भी उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान करता रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पशु आहार एवं पशु उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं और इन्हें व्यवसाय के रूप में अपनाना आज की आवश्यकता है। उन्होंने आगे बताया कि संतुलित आहार से पशुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ती है, जिससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होती है। पशुपालकों को कई जानकारियां दी प्रशिक्षण संयोजक डॉ. नैंसी श्योराण एवं सह-संयोजक डॉ. ज्योत्सना ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को खनिज मिश्रण एवं संतुलित आहार तैयार करने, पशु आहार निर्माण और पशु पोषण के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. निलेश सिंधु ने बताया कि लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर ऐसे उपयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना एवं पशुपालन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है।
हिसार की लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के पशु पोषण विभाग में 7 दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। यह कार्यक्रम “संतुलित आहार एवं खनिज मिश्रण का पशुपालन में महत्व” विषय पर आधारित था, जिसमें कुल 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य पशुपालन के माध्यम से युवाओं एवं किसानों की आय में वृद्धि करना है। समापन समारोह में विभागाध्यक्ष डॉ. सज्जन सिहाग ने प्रतिभागियों को पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि भारत विश्व में कुल दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है, फिर भी प्रति पशु दूध उत्पादन में कई देशों से पीछे है। उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को प्रतिदिन 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य दें। खनिज की कमी से बांझपन बढ़ रहा डॉ. सिहाग ने बताया कि पिछले एक दशक में पशुपालन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, लेकिन अधिकांश पशुपालक अपने पशुओं को खनिज मिश्रण नहीं खिला रहे हैं, जिसके कारण बांझपन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं और दूध उत्पादन अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि पशुओं को उचित मात्रा में संतुलित आहार एवं खनिज मिश्रण देने से दूध उत्पादन, प्रजनन क्षमता एवं पशुओं के समग्र स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार होता है। डॉ. सिहाग ने कहा कि भारत विश्व में कुल दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है, फिर भी प्रति पशु दूध उत्पादन में कई देशों से पीछे है। उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को प्रतिदिन 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य दें। पशु पोषण विभाग सस्ते दाम पर खनिज उपलब्ध करवा रहा उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पशु पोषण विभाग पशुओं में विशिष्ट खनिजों की कमी को ध्यान में रखते हुए उत्तम गुणवत्ता का खनिज मिश्रण तैयार कर किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध करवा रहा है, जिससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। डॉ. सिहाग ने प्रशिक्षणार्थियों को आश्वस्त किया कि विभाग भविष्य में भी उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान करता रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पशु आहार एवं पशु उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं और इन्हें व्यवसाय के रूप में अपनाना आज की आवश्यकता है। उन्होंने आगे बताया कि संतुलित आहार से पशुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ती है, जिससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होती है। पशुपालकों को कई जानकारियां दी प्रशिक्षण संयोजक डॉ. नैंसी श्योराण एवं सह-संयोजक डॉ. ज्योत्सना ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को खनिज मिश्रण एवं संतुलित आहार तैयार करने, पशु आहार निर्माण और पशु पोषण के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. निलेश सिंधु ने बताया कि लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर ऐसे उपयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना एवं पशुपालन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है।