हांसी-जुलाना रूट की निजी बसों संचालकों की मनमानी का विरोध:ग्रामीणों ने एसडीएम से की शिकायत, कहा शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

हिसार जिले के हांसी से जुलाना रूट पर चलने वाली निजी बस संचालकों की मनमानी के खिलाफ बास क्षेत्र के कई गांवों के सरपंचों और ग्रामीणों ने नारनौंद के एसडीएम विकास यादव को शिकायत सौंपी है। ग्रामीणों ने आरटीए हिसार द्वारा 25 अगस्त को जारी पत्र क्रमांक 3966 की पालना न होने का आरोप लगाते हुए निजी बस संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में बताया गया है कि हांसी-जुलाना रूट पर चलने वाली निजी बसें आरटीए के आदेशों की खुलेआम अवहेलना कर रही हैं। बस कर्मचारी छात्रों, बुजुर्गों और आम यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, और कई बार मारपीट की घटनाएं भी सामने आई हैं। बस संचालकों पर लगाया मनमानी का आरोप ग्रामीणों आरोप लगाया कि सरकार द्वारा छात्रों के लिए मुफ्त यात्रा और बुजुर्गों के लिए आधा किराया निर्धारित होने के बावजूद बस संचालक पूरा किराया वसूल रहे हैं। इसके अलावा, यात्रियों को कई बार बीच रास्ते में ही उतार दिया जाता है और बसों के समय भी मनमाने ढंग से बदले जाते हैं, जिससे रोजाना यात्रा करने वाले विद्यार्थियों और ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई भाटोल जाटान के सरपंच प्रतिनिधि जितेंद्र बामल, भाटोल रांगड़ान के सरपंच देवेंद्र लांबा, मोहला से सरपंच धर्मवीर फौजी, बडाला से सरपंच जोरा सिंह, जीतपुरा से सरपंच संदीप यादव, खरकड़ा से सरपंच वीरेंद्र बामल, ब्लॉक समिति सदस्य सुभाष सहित अन्य ग्रामीणों और प्रतिनिधियों ने बताया कि इस संबंध में पहले भी प्रशासन को अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि निजी बस मालिकों ने आरटीए के आदेश के खिलाफ कोर्ट में एक मामला दायर किया हुआ है, लेकिन उस पर कोई स्थगन आदेश (स्टे) नहीं है। इसके बावजूद, बस संचालक इन आदेशों को मानने से इनकार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने ज्ञापन के साथ आरटीए के पत्र और कोर्ट केस की प्रतियां भी संलग्न की हैं।

Dec 13, 2025 - 13:47
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हांसी-जुलाना रूट की निजी बसों संचालकों की मनमानी का विरोध:ग्रामीणों ने एसडीएम से की शिकायत, कहा शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई
हिसार जिले के हांसी से जुलाना रूट पर चलने वाली निजी बस संचालकों की मनमानी के खिलाफ बास क्षेत्र के कई गांवों के सरपंचों और ग्रामीणों ने नारनौंद के एसडीएम विकास यादव को शिकायत सौंपी है। ग्रामीणों ने आरटीए हिसार द्वारा 25 अगस्त को जारी पत्र क्रमांक 3966 की पालना न होने का आरोप लगाते हुए निजी बस संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में बताया गया है कि हांसी-जुलाना रूट पर चलने वाली निजी बसें आरटीए के आदेशों की खुलेआम अवहेलना कर रही हैं। बस कर्मचारी छात्रों, बुजुर्गों और आम यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, और कई बार मारपीट की घटनाएं भी सामने आई हैं। बस संचालकों पर लगाया मनमानी का आरोप ग्रामीणों आरोप लगाया कि सरकार द्वारा छात्रों के लिए मुफ्त यात्रा और बुजुर्गों के लिए आधा किराया निर्धारित होने के बावजूद बस संचालक पूरा किराया वसूल रहे हैं। इसके अलावा, यात्रियों को कई बार बीच रास्ते में ही उतार दिया जाता है और बसों के समय भी मनमाने ढंग से बदले जाते हैं, जिससे रोजाना यात्रा करने वाले विद्यार्थियों और ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई भाटोल जाटान के सरपंच प्रतिनिधि जितेंद्र बामल, भाटोल रांगड़ान के सरपंच देवेंद्र लांबा, मोहला से सरपंच धर्मवीर फौजी, बडाला से सरपंच जोरा सिंह, जीतपुरा से सरपंच संदीप यादव, खरकड़ा से सरपंच वीरेंद्र बामल, ब्लॉक समिति सदस्य सुभाष सहित अन्य ग्रामीणों और प्रतिनिधियों ने बताया कि इस संबंध में पहले भी प्रशासन को अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि निजी बस मालिकों ने आरटीए के आदेश के खिलाफ कोर्ट में एक मामला दायर किया हुआ है, लेकिन उस पर कोई स्थगन आदेश (स्टे) नहीं है। इसके बावजूद, बस संचालक इन आदेशों को मानने से इनकार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने ज्ञापन के साथ आरटीए के पत्र और कोर्ट केस की प्रतियां भी संलग्न की हैं।