भारत जल्दबाजी में या ‘दबाव में आकर’ व्यापार समझौते नहीं करता: गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत जल्दबाजी में या ‘किसी तरह के दबाव में आकर’ व्यापार समझौते नहीं करता है। गोयल ने कहा कि भारत की यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका सहित विभिन्न देशों एवं समूहों के साथ व्यापार समझौतों पर सक्रिय रूप से बातचीत चल रही है। गोयल ने जर्मनी में आयोजित ‘बर्लिन संवाद’ में कहा, ‘‘हम यूरोपीय संघ के साथ सक्रिय बातचीत कर रहे हैं। हम अमेरिका से भी बात कर रहे हैं लेकिन हम जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करते और न ही कोई समयसीमा तय करके या फिर किसी तरह के दबाव में आकर कोई समझौता करते हैं।’’ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री इस संवाद कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बर्लिन में हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी भी व्यापार समझौते को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। गोयल ने कहा कि भारत कभी भी जल्दबाजी या उकसावे में आकर कोई निर्णय नहीं लेता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका में लगाए गए उच्च सीमा शुल्क से निपटने के लिए नए बाजारों की तलाश कर रहा है। भारत के साथ दीर्घकालिक निष्पक्ष व्यापार समझौता शर्तों पर किए जाने के सवाल पर गोयल ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि भारत ने कभी भी राष्ट्रीय हित के अलावा किसी अन्य आधार पर यह निर्णय लिया है कि उसके मित्र कौन होंगे। यदि कोई मुझसे कहता है कि आप यूरोपीय संघ के मित्र नहीं हो सकते, तो मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगा या कोई कल मुझसे कहता है कि मैं केन्या के साथ काम नहीं कर सकता, तो यह भी स्वीकार्य नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि किसी देश से कोई भी विशेष उत्पाद खरीदने का निर्णय पूरी दुनिया का होगा। गोयल की यह टिप्पणी रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए भारत पर अमेरिका द्वारा बनाए जा रहे दबाव को देखते हुए महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले एक हफ्ते में कई बार यह दावा कर चुके हैं कि भारत रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए राजी है। हालांकि भारत ने इससे इनकार किया है।

Oct 25, 2025 - 08:00
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भारत जल्दबाजी में या ‘दबाव में आकर’ व्यापार समझौते नहीं करता: गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत जल्दबाजी में या ‘किसी तरह के दबाव में आकर’ व्यापार समझौते नहीं करता है। गोयल ने कहा कि भारत की यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका सहित विभिन्न देशों एवं समूहों के साथ व्यापार समझौतों पर सक्रिय रूप से बातचीत चल रही है।

गोयल ने जर्मनी में आयोजित ‘बर्लिन संवाद’ में कहा, ‘‘हम यूरोपीय संघ के साथ सक्रिय बातचीत कर रहे हैं। हम अमेरिका से भी बात कर रहे हैं लेकिन हम जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करते और न ही कोई समयसीमा तय करके या फिर किसी तरह के दबाव में आकर कोई समझौता करते हैं।’’

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री इस संवाद कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बर्लिन में हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी भी व्यापार समझौते को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।

गोयल ने कहा कि भारत कभी भी जल्दबाजी या उकसावे में आकर कोई निर्णय नहीं लेता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका में लगाए गए उच्च सीमा शुल्क से निपटने के लिए नए बाजारों की तलाश कर रहा है।

भारत के साथ दीर्घकालिक निष्पक्ष व्यापार समझौता शर्तों पर किए जाने के सवाल पर गोयल ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि भारत ने कभी भी राष्ट्रीय हित के अलावा किसी अन्य आधार पर यह निर्णय लिया है कि उसके मित्र कौन होंगे। यदि कोई मुझसे कहता है कि आप यूरोपीय संघ के मित्र नहीं हो सकते, तो मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगा या कोई कल मुझसे कहता है कि मैं केन्या के साथ काम नहीं कर सकता, तो यह भी स्वीकार्य नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि किसी देश से कोई भी विशेष उत्पाद खरीदने का निर्णय पूरी दुनिया का होगा। गोयल की यह टिप्पणी रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए भारत पर अमेरिका द्वारा बनाए जा रहे दबाव को देखते हुए महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले एक हफ्ते में कई बार यह दावा कर चुके हैं कि भारत रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए राजी है। हालांकि भारत ने इससे इनकार किया है।