बद्रीनाथ दर्शन का अंतिम मौका! कपाट बंद होने से पहले पंच पूजा का शेड्यूल और यात्रा अपडेट।

अगर आप बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं, तो एक बार इस लेख को जरुर पढ़ लें। आपको बता दें कि, बद्रीनाथ धाम के कपाट इस साल 4 मई 2025 को खुले थे और बढ़ती ठंड व बर्फबारी को देखते हुए कपाट बंद होने की तारीख तय हो चुकी है। इस साल 25 नवंबर 2025 को दोपहर 2:56 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। अब श्रद्धालुओं के पास बाबा के दर्शन के लिए केवल कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में कई लोग जल्दबाजी में यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन ऐसा करना जोखिम भरा साबित हो सकता है। नवंबर की शुरुआत में बद्रीनाथ और केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे क्षेत्र में ठंड बढ़ गई है। भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बर्फ हटाने का काम लगातार जारी है। यदि आप यहां जाने की योजना बना रही हैं, तो यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें, क्योंकि अधिक बर्फबारी की स्थिति में सड़कें बंद हो जाती हैं और यात्रियों को कई दिनों तक होटल में रुकना पड़ सकता है।बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले पंच पूजा का शेड्यूलयदि आप पंच पूजा यानी कपाट बंद होने से पहले होने वाली पूजा में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको समय का बिल्कुल ध्यान रखना है। बता दें कि, 21 नवंबर से पंच पूजा की शुरुआत होगी और यह पंच पूजा का पहला दिन है, जो कि प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा होती है। शाम को भगवान गणेश की पूजा होने बाद कपाट बंद हो जाते हैं। - इसके अगले दिन 22 नवंबर को केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य की पूजा की जाती है। इसके बाद आरती के कपाट बंद हो जाते है। - तीसरे दिन 23 नवंबर को बद्रीनाथ धाम में खडग और पवित्र पुस्तकों की पूजा होती है। इसे पूजा-अर्चना की अंतिम प्रक्रिया मानी जाती है। इसके बाद कपाट बंद होने की तैयारियां तेजी से शुरु हो जाती है। - 24 नवंबर को चौथे दिन माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन उन्हें कढ़ाई का भोग अर्पित किया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी को शुद्ध घी, मेवे और चावल से बने कढ़ाई भोग का प्रसाद अर्पित किया जाता है। - 25 नवंबर वह दिन, जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाते है। 2 बजकर 56 मिनट पर श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के चलते बंद कर दिए जाते हैं, ताकि भक्त खराब मौसम में यहां दर्शन करने न आएं। धाम के पुजारी भगवान को भोग लगाकर अंतिम आरती करते हैं। - अगर आप भीड़ में नहीं दर्शन करना चाहते हैं, तो अभी भी आप दर्शन के लिए जा सकते हैं। पंच पूजा के दौरान यहां भक्त ज्यादा पहुंचते हैं, इस दौरान भक्तों को परेशानी भी होती है।इन बातों का रखें ध्यान - अपने साथ गर्म कपड़ें ले जाएं। नवंबर में तापमान शून्य से नीचे पहुंच जाता है। इसलिए गर्म ऊनी और सही जूते पहन कर जाएं। - निजी वाहन ले जाने वाले अपने गाड़ी की सर्विसिंग का पहले से ही ध्यान रखें। बर्फ में कई गाड़ियां अच्छे से नहीं चल पाती। - यहां पर पुलिस या प्रशासन द्वारा दिए गए किसी भी सुरक्षा के आदेश को जरुर पालन करें। क्योंकि यह बेहद ही जरुरी है। - बर्फबारी के दौरान होटल महंगे हो जाते हैं, तो आप समय से पहले ही बुकिंग करा लें। कई बार होटल भी नहीं मिलता। - बद्रीनाथ मंदिर के पास रात में ध्यान के लिए धर्मशाली में एक रात गुजार सकते हैं। - आपको बता दें कि, इस साल चार धाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल 2025 से शुरु हुई थी।

Nov 12, 2025 - 19:24
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बद्रीनाथ दर्शन का अंतिम मौका! कपाट बंद होने से पहले पंच पूजा का शेड्यूल और यात्रा अपडेट।

अगर आप बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं, तो एक बार इस लेख को जरुर पढ़ लें। आपको बता दें कि, बद्रीनाथ धाम के कपाट इस साल 4 मई 2025 को खुले थे और बढ़ती ठंड व बर्फबारी को देखते हुए कपाट बंद होने की तारीख तय हो चुकी है। इस साल 25 नवंबर 2025 को दोपहर 2:56 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। अब श्रद्धालुओं के पास बाबा के दर्शन के लिए केवल कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में कई लोग जल्दबाजी में यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन ऐसा करना जोखिम भरा साबित हो सकता है। नवंबर की शुरुआत में बद्रीनाथ और केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे क्षेत्र में ठंड बढ़ गई है। भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बर्फ हटाने का काम लगातार जारी है। यदि आप यहां जाने की योजना बना रही हैं, तो यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें, क्योंकि अधिक बर्फबारी की स्थिति में सड़कें बंद हो जाती हैं और यात्रियों को कई दिनों तक होटल में रुकना पड़ सकता है।

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले पंच पूजा का शेड्यूल

यदि आप पंच पूजा यानी कपाट बंद होने से पहले होने वाली पूजा में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको समय का बिल्कुल ध्यान रखना है। बता दें कि, 21 नवंबर से पंच पूजा की शुरुआत होगी और यह पंच पूजा का पहला दिन है, जो कि प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा होती है। शाम को भगवान गणेश की पूजा होने बाद कपाट बंद हो जाते हैं।

- इसके अगले दिन 22 नवंबर को केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य की पूजा की जाती है। इसके बाद आरती के कपाट बंद हो जाते है।

- तीसरे दिन 23 नवंबर को बद्रीनाथ धाम में खडग और पवित्र पुस्तकों की पूजा होती है। इसे पूजा-अर्चना की अंतिम प्रक्रिया मानी जाती है। इसके बाद कपाट बंद होने की तैयारियां तेजी से शुरु हो जाती है।

- 24 नवंबर को चौथे दिन माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन उन्हें कढ़ाई का भोग अर्पित किया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी को शुद्ध घी, मेवे और चावल से बने कढ़ाई भोग का प्रसाद अर्पित किया जाता है।

- 25 नवंबर वह दिन, जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाते है। 2 बजकर 56 मिनट पर श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के चलते बंद कर दिए जाते हैं, ताकि भक्त खराब मौसम में यहां दर्शन करने न आएं। धाम के पुजारी भगवान को भोग लगाकर अंतिम आरती करते हैं।

- अगर आप भीड़ में नहीं दर्शन करना चाहते हैं, तो अभी भी आप दर्शन के लिए जा सकते हैं। पंच पूजा के दौरान यहां भक्त ज्यादा पहुंचते हैं, इस दौरान भक्तों को परेशानी भी होती है।

इन बातों का रखें ध्यान

- अपने साथ गर्म कपड़ें ले जाएं। नवंबर में तापमान शून्य से नीचे पहुंच जाता है। इसलिए गर्म ऊनी और सही जूते पहन कर जाएं।

- निजी वाहन ले जाने वाले अपने गाड़ी की सर्विसिंग का पहले से ही ध्यान रखें। बर्फ में कई गाड़ियां अच्छे से नहीं चल पाती।

- यहां पर पुलिस या प्रशासन द्वारा दिए गए किसी भी सुरक्षा के आदेश को जरुर पालन करें। क्योंकि यह बेहद ही जरुरी है।

- बर्फबारी के दौरान होटल महंगे हो जाते हैं, तो आप समय से पहले ही बुकिंग करा लें। कई बार होटल भी नहीं मिलता।

- बद्रीनाथ मंदिर के पास रात में ध्यान के लिए धर्मशाली में एक रात गुजार सकते हैं।

- आपको बता दें कि, इस साल चार धाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल 2025 से शुरु हुई थी।