आप ले तो ठीक, हमल लें तो...मीटिंग में मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा, अपने जवाब से पीयूष गोयल ने ब्रिटेन-जर्मनी को रूला दिया

जर्मनी के बर्लिन में हुई एक अंतरराष्ट्रीय बैठक में सैकड़ों कैमरों के सामने भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति होती है। उनके सामने अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के बड़े नेताओं की मौजूदगी होती है। तभी पीयूष गोयल के एक बयान से पूरा हॉल खामोश हो जाता है। उन्होंने साफ कहा कि माथे पर बंदूक रखकर हम काम नहीं करते। एक पल के लिए सबके चेहरे खामोश हो जाते हैं। ये महज एक जवाब भर नहीं था बल्कि भारत का सख्त रूख भी था। जो किसी दबाव में नहीं झुकता। अब पीयूष गोयल ने बर्लिन ग्लोबल डॉयलाग में अमेरिका और ब्रिटेन की बोलती बंद कर दी है। उन्होंने साफ किया कि आप तेल लो तो ठीक और हम ले तो ये कैसे खराब हो गया। गोयल की बात सुन पश्चिमी देश सन्न रह गए। इसे भी पढ़ें: बंदूक की नोक पर ट्रेड डील नहीं करते हम, बर्लिन में पीयूष गोयल की दो टूकजब से ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तभी से तेल का खेल जारी है। ट्रंप इस समय दादा की भूमिका में हैं। उनके सहयोगी तेल लेंगे तो ठीक है लेकिन अगर कोई दूसरा ऐसा करेगा तो वो नाराज हो जाते हैं। इसका कारण अमेरिका की अपने लोगों के लिए सॉफ्ट नीति और दूसरों के लिए कड़ी नीती। चीन पर टैरिफ नहीं लगाएंगे क्योंकि वो तोकरारा जवाब देता है। इसलिए ट्रंप टैरिफ के लिए टाइम बढ़ा देते हैं और चाहते हैं कि बातचीत चलती रहे। लेकिन भारत पर बयान देना और टैरिफ लगाना हो तो ट्रंप बिना कुछ भी सोचे बोल देते हैं और टैरिफ भी लगा देते हैं। लेकिन भारत भी अमेरिका की गीदड़भभकी से अब डरने वाला नहीं है। जैसे अमेरिका चल रहा है। भारत भी वैसे ही चल रहा है। इसे भी पढ़ें: वित्त मंत्री का दावा: GST कटौती का बंपर लाभ, उपभोक्ताओं को उम्मीद से अधिक बचतपहले विदेश मंत्रालय ने कह दिया कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं और मोदी से कोई बात हुई ही नहीं और अब अपनी शर्तों पर तेल खरीदते रहेंगे। लेकिन पेंटागन और ट्रंप भारत को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। वो ये चाहते हैं कि भारत तेल खरीदना बंद कर दे और इसके लिए अमेरिका हर स्तर पर भारत को घेरना चाहता है। इसके लिए वो एक ऐसे देश का सहारा ले रहा है, जिसकी हैसियत भारत के सामने कुछ भी नहीं है। भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान को अपनी गोद में बिठाकर निशाना बना रहे हैं। लेकिन ये तो सभी को पता है कि कर्ज पर जीने वाले देश पाकिस्तान की हैसियत नहीं है कि वो कुछ कर सके। पहले ही वो पांच युद्ध हार चुका है। इधर भारत भी ठान चुका है कि वो किसी भी किस्म के दवाब में झुकने वाला नहीं है। इसे भी पढ़ें: अमेरिकी टैरिफ पर 'अच्छी खबर' कब? गोयल बोले- भारत का आत्मविश्वास बढ़ा, अब पहले जैसी बात नहींजर्मनी पहुंचे भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका और ब्रिटेन की जमकर क्लास लगाई है। गोयल ने कहा कि जब जर्मनी खुद ही अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मांग रहा है और ब्रिटेन को पहले ही मिल चुका है। तो भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है। गोयल की ये बात सुनकर वहां मौजूद यूके की ट्रेड मंत्री क्रिस ब्रायंट ने कहा कि उनकी छूट केवल रॉसनेफ्ट की एक सहायक कंपनी के लिए है। इस पर गोयल ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत के पास भी तो रॉसनेफ्ट की एक सहायक कंपनी है। फिर हमें क्यों? उनकी बात सुनकर बैठक में नेता कुछ देर के लिए चुप हो गए। 

Oct 28, 2025 - 18:45
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आप ले तो ठीक, हमल लें तो...मीटिंग में मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा, अपने जवाब से पीयूष गोयल ने ब्रिटेन-जर्मनी को रूला दिया

जर्मनी के बर्लिन में हुई एक अंतरराष्ट्रीय बैठक में सैकड़ों कैमरों के सामने भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति होती है। उनके सामने अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के बड़े नेताओं की मौजूदगी होती है। तभी पीयूष गोयल के एक बयान से पूरा हॉल खामोश हो जाता है। उन्होंने साफ कहा कि माथे पर बंदूक रखकर हम काम नहीं करते। एक पल के लिए सबके चेहरे खामोश हो जाते हैं। ये महज एक जवाब भर नहीं था बल्कि भारत का सख्त रूख भी था। जो किसी दबाव में नहीं झुकता। अब पीयूष गोयल ने बर्लिन ग्लोबल डॉयलाग में अमेरिका और ब्रिटेन की बोलती बंद कर दी है। उन्होंने साफ किया कि आप तेल लो तो ठीक और हम ले तो ये कैसे खराब हो गया। गोयल की बात सुन पश्चिमी देश सन्न रह गए। 

इसे भी पढ़ें: बंदूक की नोक पर ट्रेड डील नहीं करते हम, बर्लिन में पीयूष गोयल की दो टूक

जब से ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तभी से तेल का खेल जारी है। ट्रंप इस समय दादा की भूमिका में हैं। उनके सहयोगी तेल लेंगे तो ठीक है लेकिन अगर कोई दूसरा ऐसा करेगा तो वो नाराज हो जाते हैं। इसका कारण अमेरिका की अपने लोगों के लिए सॉफ्ट नीति और दूसरों के लिए कड़ी नीती। चीन पर टैरिफ नहीं लगाएंगे क्योंकि वो तोकरारा जवाब देता है। इसलिए ट्रंप टैरिफ के लिए टाइम बढ़ा देते हैं और चाहते हैं कि बातचीत चलती रहे। लेकिन भारत पर बयान देना और टैरिफ लगाना हो तो ट्रंप बिना कुछ भी सोचे बोल देते हैं और टैरिफ भी लगा देते हैं। लेकिन भारत भी अमेरिका की गीदड़भभकी से अब डरने वाला नहीं है। जैसे अमेरिका चल रहा है। भारत भी वैसे ही चल रहा है। 

इसे भी पढ़ें: वित्त मंत्री का दावा: GST कटौती का बंपर लाभ, उपभोक्ताओं को उम्मीद से अधिक बचत

पहले विदेश मंत्रालय ने कह दिया कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं और मोदी से कोई बात हुई ही नहीं और अब अपनी शर्तों पर तेल खरीदते रहेंगे। लेकिन पेंटागन और ट्रंप भारत को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। वो ये चाहते हैं कि भारत तेल खरीदना बंद कर दे और इसके लिए अमेरिका हर स्तर पर भारत को घेरना चाहता है। इसके लिए वो एक ऐसे देश का सहारा ले रहा है, जिसकी हैसियत भारत के सामने कुछ भी नहीं है। भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान को अपनी गोद में बिठाकर निशाना बना रहे हैं। लेकिन ये तो सभी को पता है कि कर्ज पर जीने वाले देश पाकिस्तान की हैसियत नहीं है कि वो कुछ कर सके। पहले ही वो पांच युद्ध हार चुका है। इधर भारत भी ठान चुका है कि वो किसी भी किस्म के दवाब में झुकने वाला नहीं है। 

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जर्मनी पहुंचे भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका और ब्रिटेन की जमकर क्लास लगाई है। गोयल ने कहा कि जब जर्मनी खुद ही अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मांग रहा है और ब्रिटेन को पहले ही मिल चुका है। तो भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है। गोयल की ये बात सुनकर वहां मौजूद यूके की ट्रेड मंत्री क्रिस ब्रायंट ने कहा कि उनकी छूट केवल रॉसनेफ्ट की एक सहायक कंपनी के लिए है। इस पर गोयल ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत के पास भी तो रॉसनेफ्ट की एक सहायक कंपनी है। फिर हमें क्यों? उनकी बात सुनकर बैठक में नेता कुछ देर के लिए चुप हो गए।