Tesla से मिलते-जुलते नाम वाली भारतीय कंपनी पर लगी अस्थायी ट्रेडमार्क रोक
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला इंक के पक्ष में अंतरिम आदेश जारी करते हुए भारतीय कंपनी ‘टेस्ला पावर इंडिया’ को मिलते-जुलते नाम एवं ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। भारतीय कंपनी पर यह रोक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने, बेचने या किसी भी रूप में प्रचार करने पर भी लागू होगी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि भारतीय कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि उसका इलेक्ट्रिक वाहन बनाने या दूसरों के ईवी के विपणन का कोई इरादा नहीं है। कंपनी ने यह भी कहा है कि मुकदमे के अंतिम निपटान तक वह ‘टेस्ला पावर’ एवं ‘टेस्ला पावर यूएसए’ या इससे मिलते-जुलते किसी भी नाम का उपयोग नहीं करेगी। उच्च न्यायालय ने यह रोक ‘टेस्ला पावर इंडिया’ के अन्य उत्पादों और सेवाओं पर भी लागू की। कंपनी वाहन बैटरी, इन्वर्टर और यूपीएस की बिक्री या विज्ञापन करते समय भी ‘टेस्ला’ शब्द या इससे मिलते-जुलते किसी नाम का उपयोग नहीं कर सकेगी। यह निर्देश इंटरनेट, ई-कॉमर्स मंच और किसी भी प्रचार माध्यम पर लागू रहेगा। न्यायमूर्ति तेजस करिया ने 52 पृष्ठों के अपने फैसले में कहा कि टेस्ला इंक ने यह साबित कर दिया है कि वह ‘टेस्ला’ ट्रेडमार्क की मूल एवं प्रामाणिक उपयोगकर्ता है और उसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान एवं प्रतिष्ठा है। इसलिए इस मामले में उसे अंतरिम राहत देना उचित है। अदालत ने कहा कि अगर रोक नहीं लगाई गई तो अमेरिकी कंपनी को गंभीर नुकसान हो सकता है। अदालत ने माना कि भारतीय कंपनी द्वारा ‘टेस्ला पावर यूएसए’ नाम का इस्तेमाल उपभोक्ताओं को भ्रमित करने की कोशिश की तरह दिखता है। टेस्ला इंक ने अदालत में भारतीय कंपनी को इन ट्रेडमार्क और डोमेन नामों के उपयोग पर स्थायी रोक लगाने की गुहार लगाई थी। यह आदेश 24 नवंबर को पारित किया गया था और 26 नवंबर की रात उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला इंक के पक्ष में अंतरिम आदेश जारी करते हुए भारतीय कंपनी ‘टेस्ला पावर इंडिया’ को मिलते-जुलते नाम एवं ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से रोक दिया है।
भारतीय कंपनी पर यह रोक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने, बेचने या किसी भी रूप में प्रचार करने पर भी लागू होगी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि भारतीय कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि उसका इलेक्ट्रिक वाहन बनाने या दूसरों के ईवी के विपणन का कोई इरादा नहीं है।
कंपनी ने यह भी कहा है कि मुकदमे के अंतिम निपटान तक वह ‘टेस्ला पावर’ एवं ‘टेस्ला पावर यूएसए’ या इससे मिलते-जुलते किसी भी नाम का उपयोग नहीं करेगी। उच्च न्यायालय ने यह रोक ‘टेस्ला पावर इंडिया’ के अन्य उत्पादों और सेवाओं पर भी लागू की।
कंपनी वाहन बैटरी, इन्वर्टर और यूपीएस की बिक्री या विज्ञापन करते समय भी ‘टेस्ला’ शब्द या इससे मिलते-जुलते किसी नाम का उपयोग नहीं कर सकेगी। यह निर्देश इंटरनेट, ई-कॉमर्स मंच और किसी भी प्रचार माध्यम पर लागू रहेगा।
न्यायमूर्ति तेजस करिया ने 52 पृष्ठों के अपने फैसले में कहा कि टेस्ला इंक ने यह साबित कर दिया है कि वह ‘टेस्ला’ ट्रेडमार्क की मूल एवं प्रामाणिक उपयोगकर्ता है और उसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान एवं प्रतिष्ठा है। इसलिए इस मामले में उसे अंतरिम राहत देना उचित है। अदालत ने कहा कि अगर रोक नहीं लगाई गई तो अमेरिकी कंपनी को गंभीर नुकसान हो सकता है।
अदालत ने माना कि भारतीय कंपनी द्वारा ‘टेस्ला पावर यूएसए’ नाम का इस्तेमाल उपभोक्ताओं को भ्रमित करने की कोशिश की तरह दिखता है। टेस्ला इंक ने अदालत में भारतीय कंपनी को इन ट्रेडमार्क और डोमेन नामों के उपयोग पर स्थायी रोक लगाने की गुहार लगाई थी। यह आदेश 24 नवंबर को पारित किया गया था और 26 नवंबर की रात उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।



