Google Accel Partnership: भारत के AI स्टार्टअप्स को मिलेगी 2 मिलियन डॉलर की बड़ी सौगात, नवाचार को मिलेगी नई उड़ान

गूगल ने एक्सेल के साथ मिलकर भारत के शुरुआती चरण के एआई स्टार्टअप्स को ढूंढने और फंड देने की एक खास पहल शुरू की है। मौजूद जानकारी के अनुसार यह साझेदारी गूगल के एआई फ्यूचर्स फंड के तहत की गई है, जिसे इसी साल लॉन्च किया गया था और अब इसका पहला बड़ा सहयोग भारत में देखने को मिला है।बता दें कि एक्सेल और गूगल ने घोषणा की है कि वे एक्सेल के Atoms प्रोग्राम के ज़रिए प्रत्येक चुने गए स्टार्टअप में मिलकर 2 मिलियन डॉलर तक का निवेश करेंगे, जिसमें दोनों कंपनियां 1-1 मिलियन डॉलर देंगी। यह कदम खासतौर पर 2026 कोहोर्ट के लिए है, जिसमें भारत और भारतीय मूल के एआई फाउंडर्स को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा जो शुरू से ही एआई-आधारित उत्पाद बना रहे हैं।गौरतलब है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट और स्मार्टफोन बाज़ार है और यहां इंजीनियरिंग टैलेंट की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद, फ्रंटियर मॉडल डेवलपमेंट में भारत की पकड़ अभी उतनी मजबूत नहीं मानी जाती। हालांकि, हाल के महीनों में ओपनएआई और एंथ्रोपिक जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा भारत में ऑफिस खोलने और ग्लोबल निवेशकों की बढ़ती रुचि से माहौल बदलता दिख रहा है।मौजूद जानकारी के अनुसार यह प्रोग्राम क्रिएटिविटी, एंटरटेनमेंट, कोडिंग, वर्कफ्लो और यहां तक कि फाउंडेशनल मॉडल जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्टअप्स को शामिल करेगा। एक्सेल पार्टनर प्रयंक स्वरूप के मुताबिक, आने वाले 12 से 24 महीनों में जिन क्षेत्रों में बड़े एआई मॉडल तेज़ी से बढ़ने वाले हैं, उन्हें ध्यान में रखकर भारतीय स्टार्टअप्स को चुना जाएगा।स्टार्टअप्स को सिर्फ पूंजी ही नहीं मिलेगी, बल्कि गूगल क्लाउड, Gemini और DeepMind के लिए 3.5 लाख डॉलर तक के कंप्यूट क्रेडिट, रिसर्च टीमों का सहयोग, शुरुआती एक्सेस, को-डेवलपमेंट के अवसर, मेंटरशिप, लंदन और बे एरिया में इमर्शन सेशन और ग्लोबल मार्केटिंग सपोर्ट भी दिया जाएगा। साथ ही, एक्सेल के Atoms फाउंडर नेटवर्क और गूगल के एआई बिल्डर इकोसिस्टम तक पहुंच भी उपलब्ध कराई जाएगी।गूगल एआई फ्यूचर्स फंड के को-फाउंडर जोनाथन सिल्बर ने कहा है कि भारत हमेशा से नवाचार का केंद्र रहा है और आने वाले समय में यहां के फाउंडर्स एआई-आधारित तकनीक में वैश्विक नेतृत्व कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह फंड का दुनिया का पहला ऐसा सहयोग है जो भारत में शुरू किया गया है, और इसकी वजह भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की तेज़ी और गूगल की लंबे समय से चल रही प्रतिबद्धता है।बता दें कि हाल ही में गूगल ने भारत में 1 गीगावॉट डेटा सेंटर और एआई हब स्थापित करने के लिए 15 बिलियन डॉलर की योजना की घोषणा की थी। साथ ही 2020 में लॉन्च किए गए 10 बिलियन डॉलर के डिजिटाइजेशन फंड के ज़रिए जियो, एयरटेल और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों में भी निवेश किया गया था।कंपनी के अनुसार इस साझेदारी का उद्देश्य स्टार्टअप्स को भविष्य में अधिग्रहण का रास्ता देना नहीं है, बल्कि भारत से उभरती अगली एआई इनोवेशन वेव को समर्थन देना है। स्टार्टअप्स को गूगल की तकनीक का उपयोग करने की बाध्यता भी नहीं रखी गई है, बल्कि कंपनियों को स्वतंत्र रूप से अपनी दिशा चुनने की आज़ादी दी गई है।मौजूदा हालात साफ बताते हैं कि भारत में एआई स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से आगे बढ़ रहा है और गूगल-एक्सेल की यह संयुक्त पहल आने वाले वर्षों में देश के तकनीकी भविष्य को और मजबूत करने वाली है, जिसकी वजह से युवा फाउंडर्स को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने में बड़ी मदद मिलने वाली हैं।

Nov 26, 2025 - 11:37
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Google Accel Partnership: भारत के AI स्टार्टअप्स को मिलेगी 2 मिलियन डॉलर की बड़ी सौगात, नवाचार को मिलेगी नई उड़ान
गूगल ने एक्सेल के साथ मिलकर भारत के शुरुआती चरण के एआई स्टार्टअप्स को ढूंढने और फंड देने की एक खास पहल शुरू की है। मौजूद जानकारी के अनुसार यह साझेदारी गूगल के एआई फ्यूचर्स फंड के तहत की गई है, जिसे इसी साल लॉन्च किया गया था और अब इसका पहला बड़ा सहयोग भारत में देखने को मिला है।

बता दें कि एक्सेल और गूगल ने घोषणा की है कि वे एक्सेल के Atoms प्रोग्राम के ज़रिए प्रत्येक चुने गए स्टार्टअप में मिलकर 2 मिलियन डॉलर तक का निवेश करेंगे, जिसमें दोनों कंपनियां 1-1 मिलियन डॉलर देंगी। यह कदम खासतौर पर 2026 कोहोर्ट के लिए है, जिसमें भारत और भारतीय मूल के एआई फाउंडर्स को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा जो शुरू से ही एआई-आधारित उत्पाद बना रहे हैं।

गौरतलब है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट और स्मार्टफोन बाज़ार है और यहां इंजीनियरिंग टैलेंट की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद, फ्रंटियर मॉडल डेवलपमेंट में भारत की पकड़ अभी उतनी मजबूत नहीं मानी जाती। हालांकि, हाल के महीनों में ओपनएआई और एंथ्रोपिक जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा भारत में ऑफिस खोलने और ग्लोबल निवेशकों की बढ़ती रुचि से माहौल बदलता दिख रहा है।

मौजूद जानकारी के अनुसार यह प्रोग्राम क्रिएटिविटी, एंटरटेनमेंट, कोडिंग, वर्कफ्लो और यहां तक कि फाउंडेशनल मॉडल जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्टअप्स को शामिल करेगा। एक्सेल पार्टनर प्रयंक स्वरूप के मुताबिक, आने वाले 12 से 24 महीनों में जिन क्षेत्रों में बड़े एआई मॉडल तेज़ी से बढ़ने वाले हैं, उन्हें ध्यान में रखकर भारतीय स्टार्टअप्स को चुना जाएगा।

स्टार्टअप्स को सिर्फ पूंजी ही नहीं मिलेगी, बल्कि गूगल क्लाउड, Gemini और DeepMind के लिए 3.5 लाख डॉलर तक के कंप्यूट क्रेडिट, रिसर्च टीमों का सहयोग, शुरुआती एक्सेस, को-डेवलपमेंट के अवसर, मेंटरशिप, लंदन और बे एरिया में इमर्शन सेशन और ग्लोबल मार्केटिंग सपोर्ट भी दिया जाएगा। साथ ही, एक्सेल के Atoms फाउंडर नेटवर्क और गूगल के एआई बिल्डर इकोसिस्टम तक पहुंच भी उपलब्ध कराई जाएगी।

गूगल एआई फ्यूचर्स फंड के को-फाउंडर जोनाथन सिल्बर ने कहा है कि भारत हमेशा से नवाचार का केंद्र रहा है और आने वाले समय में यहां के फाउंडर्स एआई-आधारित तकनीक में वैश्विक नेतृत्व कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह फंड का दुनिया का पहला ऐसा सहयोग है जो भारत में शुरू किया गया है, और इसकी वजह भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की तेज़ी और गूगल की लंबे समय से चल रही प्रतिबद्धता है।

बता दें कि हाल ही में गूगल ने भारत में 1 गीगावॉट डेटा सेंटर और एआई हब स्थापित करने के लिए 15 बिलियन डॉलर की योजना की घोषणा की थी। साथ ही 2020 में लॉन्च किए गए 10 बिलियन डॉलर के डिजिटाइजेशन फंड के ज़रिए जियो, एयरटेल और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों में भी निवेश किया गया था।

कंपनी के अनुसार इस साझेदारी का उद्देश्य स्टार्टअप्स को भविष्य में अधिग्रहण का रास्ता देना नहीं है, बल्कि भारत से उभरती अगली एआई इनोवेशन वेव को समर्थन देना है। स्टार्टअप्स को गूगल की तकनीक का उपयोग करने की बाध्यता भी नहीं रखी गई है, बल्कि कंपनियों को स्वतंत्र रूप से अपनी दिशा चुनने की आज़ादी दी गई है।

मौजूदा हालात साफ बताते हैं कि भारत में एआई स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से आगे बढ़ रहा है और गूगल-एक्सेल की यह संयुक्त पहल आने वाले वर्षों में देश के तकनीकी भविष्य को और मजबूत करने वाली है, जिसकी वजह से युवा फाउंडर्स को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने में बड़ी मदद मिलने वाली हैं।