राजकाज सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक होना चाहिए: Nirmala Sitharaman

वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि राजकाज को सरल, पारदर्शी और लोगों की सुविधा बढ़ाने वाला होना चाहिए। उन्होंने कंपनी पंजीयकों और क्षेत्रीय निदेशालयों के काम की समीक्षा करते हुए यह बात कही। वित्त मंत्री ने विकसित भारत 2047 के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रक्रियाओं को अधिक सरल तथा व्यवस्था को आम लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) जैसे कानूनी सुधार यह दिखाते हैं कि भारत बदलते समय के साथ कदम मिलाकर चल रहा है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए मंत्री ने एक लाइव डैशबोर्ड बनाने का सुझाव दिया और अधिकारियों से कहा कि वे लोगों तक कानूनी जरूरतों की जानकारी प्रभावी तरीके से पहुंचाने के रास्ते तलाशें। एक आधिकारिक बयान के अनुसार सीतारमण ने कहा कि राजकाज सरल, पारदर्शी और सुविधा देने वाला होना चाहिए। मंत्रालय को भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा, ताकि सभी हितधारकों को समय से सेवाएं मिल सकें। उन्होंने कंपनी पंजीयकों और क्षेत्रीय निदेशालयों के साथ विस्तार से चर्चा की। इसमें फॉर्म के प्रसंस्करण, तेज गति से विलय, कंपनी और एलएलपी के पंजीकरण या स्वैच्छिक बंदी, ई-शासन, जांच-पड़ताल की प्रक्रिया, अभियोजन और अपील जैसे विषय शामिल थे। कंपनी पंजीयक और क्षेत्रीय निदेशालय कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन आते हैं, जो कंपनी कानून और अन्य कानूनों को लागू करता है। मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने बदलते समय के साथ कदम मिलाने के लिए कंपनी अधिनियम और नियमों में बार-बार जरूरी संशोधन किए हैं। उन्होंने भारतीय कॉरपोरेट संचालन व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि पारदर्शी वित्तीय जानकारी देने से लोगों का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने साथ ही मंत्रालय की भूमिका पर जोर दिया कि कंपनियों को सही मार्गदर्शन और नियमन देकर उनके शासन ढांचे को मजबूत बनाना चाहिए। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की सचिव दीप्ति गौर मुखर्जी ने मंत्री को बताया कि मंत्रालय ने प्रवर्तन से जुड़े अपने नियमों को एकसमान कर लिया है। सेवाओं को अधिक पारदर्शी तथा समयबद्ध बनाने के लिए प्रक्रियाओं और नियमों को सरल बनाने का काम भी चल रहा है।

Nov 26, 2025 - 11:37
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राजकाज सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक होना चाहिए:  Nirmala Sitharaman

वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि राजकाज को सरल, पारदर्शी और लोगों की सुविधा बढ़ाने वाला होना चाहिए। उन्होंने कंपनी पंजीयकों और क्षेत्रीय निदेशालयों के काम की समीक्षा करते हुए यह बात कही।

वित्त मंत्री ने विकसित भारत 2047 के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रक्रियाओं को अधिक सरल तथा व्यवस्था को आम लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) जैसे कानूनी सुधार यह दिखाते हैं कि भारत बदलते समय के साथ कदम मिलाकर चल रहा है।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए मंत्री ने एक लाइव डैशबोर्ड बनाने का सुझाव दिया और अधिकारियों से कहा कि वे लोगों तक कानूनी जरूरतों की जानकारी प्रभावी तरीके से पहुंचाने के रास्ते तलाशें।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार सीतारमण ने कहा कि राजकाज सरल, पारदर्शी और सुविधा देने वाला होना चाहिए। मंत्रालय को भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा, ताकि सभी हितधारकों को समय से सेवाएं मिल सकें।

उन्होंने कंपनी पंजीयकों और क्षेत्रीय निदेशालयों के साथ विस्तार से चर्चा की। इसमें फॉर्म के प्रसंस्करण, तेज गति से विलय, कंपनी और एलएलपी के पंजीकरण या स्वैच्छिक बंदी, ई-शासन, जांच-पड़ताल की प्रक्रिया, अभियोजन और अपील जैसे विषय शामिल थे।

कंपनी पंजीयक और क्षेत्रीय निदेशालय कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन आते हैं, जो कंपनी कानून और अन्य कानूनों को लागू करता है। मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने बदलते समय के साथ कदम मिलाने के लिए कंपनी अधिनियम और नियमों में बार-बार जरूरी संशोधन किए हैं।

उन्होंने भारतीय कॉरपोरेट संचालन व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि पारदर्शी वित्तीय जानकारी देने से लोगों का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने साथ ही मंत्रालय की भूमिका पर जोर दिया कि कंपनियों को सही मार्गदर्शन और नियमन देकर उनके शासन ढांचे को मजबूत बनाना चाहिए।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की सचिव दीप्ति गौर मुखर्जी ने मंत्री को बताया कि मंत्रालय ने प्रवर्तन से जुड़े अपने नियमों को एकसमान कर लिया है। सेवाओं को अधिक पारदर्शी तथा समयबद्ध बनाने के लिए प्रक्रियाओं और नियमों को सरल बनाने का काम भी चल रहा है।