यूपी में मूर्तिकार को भूषण अवॉर्ड देने आई महाराष्ट्र सरकार:100 साल के राम सुतार ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई थी, बीमार चल रहे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजीत पवार शुक्रवार शाम नोएडा पहुंचे। उन्होंने सेक्टर-19 स्थित मूर्तिकार राम सुतार के आवास पर उन्हें 'महाराष्ट्र भूषण 2024' से सम्मानित किया। 100 साल के राम सुतार इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों से वह मुंबई में आयोजित सम्मान समारोह में नहीं जा सके थे। मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, संस्कृति मंत्री आशीष सैलार खुद उनके घर पहुंचे और उन्हें राज्य का सबसे बड़ा सम्मान दिया। देवेंद्र फडणवीस ने 20 मार्च को विधानसभा में मूर्तिकार राम सुतार को राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'महाराष्ट्र भूषण' देने की घोषणा की थी। इसके तहत 25 लाख रुपए और एक स्मृति चिह्न दिया गया। CM फडणवीस ने कहा, अपनी कला के बूते राम सुतार ने पूरी दुनिया में अलग पहचान बनाई। इस दौरान गौतमबुद्धनगर के भाजपा सांसद डॉक्टर महेश शर्मा भी साथ थे। 2 फोटो देखिए... मूर्तिकार राम सुतार धुले महाराष्ट्र के रहने वाले राम सुतार के बेटे और मूर्तिकार अनिल सुतार ने कहा, पिता को घर आकर सम्मानित करने के लिए वह महाराष्ट्र सरकार के आभारी हैं। पिता राम सुतार ने इसी साल फरवरी में 100 साल की आयु पूरी की है। महाराष्ट्र के गोंडूर गांव में एक गरीब परिवार में 19 फरवरी 1925 को जन्मे राम सुतार ने अपना स्टूडियो नोएडा में ही बनाया है। वह वर्ष 1990 से यहीं रह रहे। पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्‍मानित राम सुतार ने कई ऐतिहासिक मूर्तियां और स्मारक बनाए। महात्‍मा गांधी की साढ़े तीन सौ से अधिक मूर्तियां उन्होंने गढ़ी हैं। अजंता-एलोरा की गुफाओं में कई प्राचीन मूर्तियों के जीर्णोद्धार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मूर्तिकार राम सुतार को पद्म भूषण (2018), पद्म श्री (1999) और टैगोर पुरस्कार (2018) से सम्मानित किया जा चुका है। राम सुतार ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ( सरदार पटेल 182 मीटर गुजरात), महात्मा गांधी की प्रतिशत प्रतिमा (भारतीय सांसद सहित 450 शहरों में) और उसके अलावा काफी प्रसिद्ध मूर्तियां तैयार की हैं। मूर्तिकार राम सुतार धुले महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार महाराष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार महाराष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इस सम्मान के तहत स्मृति चिन्ह और 25 लाख रुपए नगद का पुरस्कार दिया जाता है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति के द्वारा इसका चयन किया जाता है। अब से पहले यह पुरस्कार लता मंगेशकर (1997), सचिन तेंदुलकर (2001), रतन टाटा (2006) और अशोक सराफ (2023) को मिल चुका है। बिहार में लोगों ने जंगलराज को नकार दिया बिहार चुनाव में भाजपा की जीत पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, 'लोगों ने जंगलराज को नकार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में विश्वास दिखाकर विकास को स्वीकार किया है। राहुल गांधी वहां मछली पकड़ने गए थे।' एकनाथ शिंदे ने कहा- वोट चोरी का आरोप लगाने वालों से मैं बस इतना कहूंगा कि लोगों ने करारा जवाब दिया है। महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया है। यही वजह है कि एनडीए को यह शानदार जीत मिली है। --------------------------- ये खबर भी पढ़ें... आनंदभवन नहीं है पंडित नेहरू की जन्मस्थली:प्रयागराज के मीरगंज में पैदा हुए थे, जो बाद में रेडलाइट एरिया बन गया इलाहाबाद के मीरगंज की तंग गलियों में एक घर था। ऊंची छत, लकड़ी की खिड़कियां और आंगन में नीम का एक पेड़। 14 नवंबर, 1889 की सुबह, इसी घर में एक बच्चे ने जन्म लिया, नाम रखा गया जवाहरलाल। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 17, 2025 - 21:09
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यूपी में मूर्तिकार को भूषण अवॉर्ड देने आई महाराष्ट्र सरकार:100 साल के राम सुतार ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई थी, बीमार चल रहे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजीत पवार शुक्रवार शाम नोएडा पहुंचे। उन्होंने सेक्टर-19 स्थित मूर्तिकार राम सुतार के आवास पर उन्हें 'महाराष्ट्र भूषण 2024' से सम्मानित किया। 100 साल के राम सुतार इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों से वह मुंबई में आयोजित सम्मान समारोह में नहीं जा सके थे। मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, संस्कृति मंत्री आशीष सैलार खुद उनके घर पहुंचे और उन्हें राज्य का सबसे बड़ा सम्मान दिया। देवेंद्र फडणवीस ने 20 मार्च को विधानसभा में मूर्तिकार राम सुतार को राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'महाराष्ट्र भूषण' देने की घोषणा की थी। इसके तहत 25 लाख रुपए और एक स्मृति चिह्न दिया गया। CM फडणवीस ने कहा, अपनी कला के बूते राम सुतार ने पूरी दुनिया में अलग पहचान बनाई। इस दौरान गौतमबुद्धनगर के भाजपा सांसद डॉक्टर महेश शर्मा भी साथ थे। 2 फोटो देखिए... मूर्तिकार राम सुतार धुले महाराष्ट्र के रहने वाले राम सुतार के बेटे और मूर्तिकार अनिल सुतार ने कहा, पिता को घर आकर सम्मानित करने के लिए वह महाराष्ट्र सरकार के आभारी हैं। पिता राम सुतार ने इसी साल फरवरी में 100 साल की आयु पूरी की है। महाराष्ट्र के गोंडूर गांव में एक गरीब परिवार में 19 फरवरी 1925 को जन्मे राम सुतार ने अपना स्टूडियो नोएडा में ही बनाया है। वह वर्ष 1990 से यहीं रह रहे। पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्‍मानित राम सुतार ने कई ऐतिहासिक मूर्तियां और स्मारक बनाए। महात्‍मा गांधी की साढ़े तीन सौ से अधिक मूर्तियां उन्होंने गढ़ी हैं। अजंता-एलोरा की गुफाओं में कई प्राचीन मूर्तियों के जीर्णोद्धार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मूर्तिकार राम सुतार को पद्म भूषण (2018), पद्म श्री (1999) और टैगोर पुरस्कार (2018) से सम्मानित किया जा चुका है। राम सुतार ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ( सरदार पटेल 182 मीटर गुजरात), महात्मा गांधी की प्रतिशत प्रतिमा (भारतीय सांसद सहित 450 शहरों में) और उसके अलावा काफी प्रसिद्ध मूर्तियां तैयार की हैं। मूर्तिकार राम सुतार धुले महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार महाराष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार महाराष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इस सम्मान के तहत स्मृति चिन्ह और 25 लाख रुपए नगद का पुरस्कार दिया जाता है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति के द्वारा इसका चयन किया जाता है। अब से पहले यह पुरस्कार लता मंगेशकर (1997), सचिन तेंदुलकर (2001), रतन टाटा (2006) और अशोक सराफ (2023) को मिल चुका है। बिहार में लोगों ने जंगलराज को नकार दिया बिहार चुनाव में भाजपा की जीत पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, 'लोगों ने जंगलराज को नकार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में विश्वास दिखाकर विकास को स्वीकार किया है। राहुल गांधी वहां मछली पकड़ने गए थे।' एकनाथ शिंदे ने कहा- वोट चोरी का आरोप लगाने वालों से मैं बस इतना कहूंगा कि लोगों ने करारा जवाब दिया है। महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया है। यही वजह है कि एनडीए को यह शानदार जीत मिली है। --------------------------- ये खबर भी पढ़ें... आनंदभवन नहीं है पंडित नेहरू की जन्मस्थली:प्रयागराज के मीरगंज में पैदा हुए थे, जो बाद में रेडलाइट एरिया बन गया इलाहाबाद के मीरगंज की तंग गलियों में एक घर था। ऊंची छत, लकड़ी की खिड़कियां और आंगन में नीम का एक पेड़। 14 नवंबर, 1889 की सुबह, इसी घर में एक बच्चे ने जन्म लिया, नाम रखा गया जवाहरलाल। पढ़ें पूरी खबर...