मिशन 2047: बीमारू राज्य से विकसित और आत्मनिर्भर राज्य की तरफ कैसे चल पड़ा उत्तर प्रदेश
Mission 2047 in UP : वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रेदश को बीमारू राज्य की श्रेणी में रखा जाता था। लेकिन, वर्तमान में राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व में कई बदलाव देखने को मिले हैं। योगी सरकार का मिशन 2047 भारत सरकार के 'विकसित भारत 2047' के ...

Mission 2047 in UP : वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रेदश को बीमारू राज्य की श्रेणी में रखा जाता था। लेकिन, वर्तमान में राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व में कई बदलाव देखने को मिले हैं। योगी सरकार का मिशन 2047 भारत सरकार के 'विकसित भारत 2047' के विजन से प्रेरित एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका मुख्य लक्ष्य भारत की स्वतंत्रता के 100 साल यानी 2047 तक, यूपी को आर्थिक और सामाजिक रूप से एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाना है।
यह मिशन तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है, जिन्हें 'अर्थ शक्ति', 'सृजन शक्ति' और 'जीवन शक्ति' नाम दिया गया है। अर्थ शक्ति से तात्पर्य आर्थिक सशक्तिकरण से है, जबकि सृजन शक्ति का संबंध मानव संसाधन विकास से है। इसी तरह जीवन शक्ति का उद्देश्य राज्य का सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान करना है।
अर्थ शक्ति :
6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था : सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य राज्य को 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके लिए 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर का अंतरिम लक्ष्य भी रखा गया है। सरकार प्रदेश के 12 प्रमुख सेक्टर (कृषि, औद्योगिक विकास, आईटी व इमर्जिंग टेक, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, नगर व ग्राम्य विकास, सतत विकास, पशुधन, पर्यटन, अवस्थापना और सुरक्षा-सुशासन) के जरिए भविष्य के उद्योगों की रूपरेखा तैयार करने में जुटी हुई है। इस व्यापक खाके का आर्थिक लक्ष्य 2030 तक प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि : इस मिशन का उद्देश्य प्रति व्यक्ति आय को राष्ट्रीय औसत के बराबर या उससे अधिक करना है, ताकि हर नागरिक की सालाना आय 26 लाख रुपये तक पहुंच सके। हालांकि 2017 से पहले और बाद की बात करें तो इसमें काफी सुधार हुआ है। 2011-12 में प्रति व्यक्ति सालाना आय 32000 के लगभग थी, जो कि 2023-24 में लगभग 4 गुना बढ़कर बढ़कर 93 हजार 422 हो गई।
आर्थिक विकास के इंजन : अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए AI, बायोटेक, ग्रीन एनर्जी, एग्रीटेक और डिफेंस जैसे भविष्य के उद्योगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड टेस्ट सेंटर, लखनऊ ने अमौसी परिसर में एक यह महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) तथा स्टार्ट-अप्स को रक्षा अनुसंधान एवं विकास तथा उत्पादन गतिविधियों से जोड़ना था। इसके साथ ही डीआरडीओ ने अपने इस प्रयास से उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के विकास को गति देने का काम किया है। डीआरडीओ प्रमुख ने आश्वासन दिया कि डीआरडीओ, एमएसएमई को हर संभव सहयोग प्रदान करेगा ताकि देश 'आत्मनिर्भर भारत' बन सके और वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
सृजन शक्ति :
शिक्षा : ग्रामीण युवाओं को उच्च शिक्षा से जोड़ना, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना और कौशल विकास पर जोर देना। कौशल सतरंग योजना के तहत सरकार ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देती है ताकि उन्हें नौकरी मिल सके। इसके अंतर्गत 2.37 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। यूपी सरकार ने आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों को बेहतर बनाकर ग्रामीण युवाओं को इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान जैसे विषयों में व्यावहारिक प्रशिक्षण देना शुरू किया है।
रोजगार : निवेश और उद्योगों को बढ़ावा देकर लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना। 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' (ODOP) जैसी योजनाएं भी स्थानीय रोजगार को मजबूत कर रही हैं। इसके साथ ही दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के तहत ग्रामीण युवाओं को 250 से अधिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण और रोजगार दिया जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
टेक्नोलॉजी और इनोवेशन : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देकर यूपी को ग्लोबल रिसर्च और इनोवेशन का केंद्र बनाना। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार का विजन है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डीप टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन का वैश्विक केंद्र बनाने का है। उनका मानना है कि तकनीक के सहारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाकर न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि यूपी भारत के डिजिटल भविष्य की धुरी बनेगा।
जीवन शक्ति :
ग्रामीण विकास : ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना। इसके तहत ग्रामीण विकास विभाग स्व-रोजगार एवं मजदूरी रोजगार के सृजन, ग्रामीण निर्धनों के लिए आवास एवं सिंचाई परिसम्पत्ति के प्रावधान, निराश्रितों को सामाजिक सहायता एवं ग्रामीण सड़कों हेतु स्कीमों का कार्यान्वयन करता है। इसके अतिरिक्त, विभाग डीआरडीए प्रशासन को सुदृढ़ करने हेतु सहायता, पंचायती राज संस्थान, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान, मानव संसाधन विकास, स्वैच्छिक कार्यवाही का विकास आदि कार्य भी करता है।
शहरों का विकास : 5 विश्व स्तरीय स्मार्ट सिटी बनाना और शहरी जीवन स्तर को बेहतर बनाना। ‘विकसित यूपी 2047’ विजन के तहत हर शहर को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य बनाया गया है। स्वच्छ पेयजल और 24 घंटे बिजली देना, पक्के मकान और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन, मेट्रो और लाइट मेट्रो सुविधाएं हर नागरिक तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
आपदा प्रबंधन : आधुनिक तकनीक का उपयोग करके आपदा प्रबंधन और सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करना। आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में योगी सरकार ने कार्य किए हैं। पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह साझेदारी राज्य के सभी 75 जिलों में लागू की जाएगी। इसे तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। प्रदेश में आपदा प्रबंधन तंत्र को नया रूप देने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सरकार ने इस मिशन को सफल बनाने के लिए जनता से सुझाव भी मांगे हैं। इसके लिए एक विशेष पोर्टल भी बनाया गया है, जहां नागरिक अपनी राय दे सकते हैं। दरअसल, केवल सरकार ही नहीं, बल्कि राज्य के 25 करोड़ लोगों की भागीदारी से ही यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। योग सरकार का मिशन 2047 केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक समग्र दृष्टिकोण है जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और सामाजिक न्याय जैसे सभी पहलू शामिल हैं। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल भारत का सबसे विकसित राज्य बनाना है, बल्कि इसे विश्व स्तर पर एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करना भी है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala