चोरमारा गांव में 25 साल बाद बना वोटिंग सेंटर:ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों से मतदान कर्मियों का किया स्वागत, कहा-शत % करेंगे मतदान
जमुई के बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के तहत मंगलवार को जिले की चारों विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इसी क्रम में सोमवार को मतदान कर्मियों का दल नक्सल प्रभावित रहे बरहट प्रखंड के चोरमारा गांव पहुंचा। करीब 25 साल बाद पहली बार गांव में मतदान केंद्र स्थापित होने से पूरे इलाके में उत्सव का माहौल बन गया। मतदान कर्मियों के गांव पहुंचने के बाद का माहौल देखें.... मतदान कर्मी वोटिंग मशीन और अन्य सामग्रियों के साथ पहुंचे गांव मतदान कर्मी वोटिंग मशीन और अन्य चुनावी सामग्रियों के साथ गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों, पारंपरिक गीतों और फूलों की मालाओं से उनका अभिनंदन किया गया। गांव में देर शाम तक उल्लास का माहौल बना रहा। जिला प्रशासन के अनुसार, चोरमारा मतदान केंद्र को मॉडल बूथ के रूप में तैयार किया गया है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। अब तक सुरक्षा कारणों से मतदान गांव के बाहर कराया जाता था शासन ने इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त घोषित करने के बाद 28 ऐसे इलाकों में मतदान केंद्र स्थापित किए हैं, जहां वर्षों तक सुरक्षा कारणों से मतदान गांव के बाहर कराया जाता था। चोरमारा के ग्रामीण अब तक बरहट प्रखंड के कोयबा इलाके में स्थित बूथ पर वोट डालने के लिए लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तय करते थे। इस बार अपने ही गांव में मतदान केंद्र बनने से स्थानीय लोगों में भारी उत्साह है। ग्रामीणों ने बताया कि 25 वर्षों में पहली बार लोकतंत्र का वास्तविक उत्सव उनके द्वार तक पहुंचा है। गांव की गलियों में चुनावी रौनक लौट आई है, और लोग मंगलवार को रिकॉर्ड मतदान करने का मन बना चुके हैं।
Nov 10, 2025 - 20:31
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जमुई के बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के तहत मंगलवार को जिले की चारों विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इसी क्रम में सोमवार को मतदान कर्मियों का दल नक्सल प्रभावित रहे बरहट प्रखंड के चोरमारा गांव पहुंचा। करीब 25 साल बाद पहली बार गांव में मतदान केंद्र स्थापित होने से पूरे इलाके में उत्सव का माहौल बन गया। मतदान कर्मियों के गांव पहुंचने के बाद का माहौल देखें.... मतदान कर्मी वोटिंग मशीन और अन्य सामग्रियों के साथ पहुंचे गांव मतदान कर्मी वोटिंग मशीन और अन्य चुनावी सामग्रियों के साथ गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों, पारंपरिक गीतों और फूलों की मालाओं से उनका अभिनंदन किया गया। गांव में देर शाम तक उल्लास का माहौल बना रहा। जिला प्रशासन के अनुसार, चोरमारा मतदान केंद्र को मॉडल बूथ के रूप में तैयार किया गया है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। अब तक सुरक्षा कारणों से मतदान गांव के बाहर कराया जाता था शासन ने इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त घोषित करने के बाद 28 ऐसे इलाकों में मतदान केंद्र स्थापित किए हैं, जहां वर्षों तक सुरक्षा कारणों से मतदान गांव के बाहर कराया जाता था। चोरमारा के ग्रामीण अब तक बरहट प्रखंड के कोयबा इलाके में स्थित बूथ पर वोट डालने के लिए लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तय करते थे। इस बार अपने ही गांव में मतदान केंद्र बनने से स्थानीय लोगों में भारी उत्साह है। ग्रामीणों ने बताया कि 25 वर्षों में पहली बार लोकतंत्र का वास्तविक उत्सव उनके द्वार तक पहुंचा है। गांव की गलियों में चुनावी रौनक लौट आई है, और लोग मंगलवार को रिकॉर्ड मतदान करने का मन बना चुके हैं।
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