सरकार ने कहा कि गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियाँ पाकिस्तान के इतिहास के अनुरूप हैं। यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए दी गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण करने वाले देशों में शामिल है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियाँ पाकिस्तान के इतिहास के अनुरूप हैं, जो दशकों से तस्करी, निर्यात नियंत्रण उल्लंघन, गुप्त साझेदारियों, अल-क़ायदा ख़ान नेटवर्क और परमाणु प्रसार पर केंद्रित है। भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान के इतिहास के इन पहलुओं की ओर आकर्षित किया है। इस पृष्ठभूमि में हमने राष्ट्रपति ट्रंप की पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण संबंधी टिप्पणी पर ध्यान दिया है।
ट्रम्प ने 2 नवम्बर को सीबीएस के 60 मिनट्स कार्यक्रम के साथ एक साक्षात्कार में इस बात पर जोर दिया कि रूस, चीन और पाकिस्तान परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं, इस दावे से ऑनलाइन व्यापक अटकलें लगाई जाने लगीं। रूस परीक्षण कर रहा है, और चीन परीक्षण कर रहा है, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते। ट्रंप ने बिना कोई ब्यौरा दिए कहा था हम परीक्षण करेंगे, क्योंकि वे परीक्षण करते हैं और दूसरे भी परीक्षण करते हैं। और निश्चित रूप से उत्तर कोरिया परीक्षण कर रहा है। पाकिस्तान भी परीक्षण कर रहा है। उनकी टिप्पणी से यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आए भूकंपों की एक श्रृंखला के बाद, पाकिस्तान ने इस साल अप्रैल और मई के बीच गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण किए होंगे।
30 अप्रैल और 12 मई के बीच आए ये भूकंप, जिनकी तीव्रता 4.0 से 4.7 के बीच थी, 28 और 30 मई, 1998 को पाकिस्तान के चगाई-I और चगाई-II परमाणु परीक्षणों के दौरान उत्पन्न तीव्रता के समान पाए गए। पाकिस्तान ने पहले किसी भी परमाणु परीक्षण से इनकार किया था। एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी ने सीबीएस न्यूज़ को बताया कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण दोबारा शुरू करने वाला पहला देश नहीं होगा। अधिकारी ने आगे कहा पाकिस्तान परमाणु परीक्षण करने वाला पहला देश नहीं था और न ही परमाणु परीक्षण दोबारा शुरू करने वाला पहला देश होगा।