हरियाणा में डीएपी पर विपक्ष का एक सुर:कांग्रेस बोली- खाद की भारी कमी; अभय बोले- किसानों को मुजरिम बनाया, हाथों पर मुहर लगा रही

हरियाणा में डीएपी खाद को लेकर विपक्ष के नेताओं का एक सुर हो गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र ने प्रदेश में डीएपी खाद की कमी पर चिंता जाहिर की है। खाद की कमी से किसानों की परेशानी बढ़ रही है। वहीं अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि सरकार खाद के लिए किसानों के साथ मुजरिम जैसा व्यवहार कर रही है। खाद के लिए किसानों के हाथों पर मुहर लगाई जा रही है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राव नरेन्द्र सिंह ने राज्यभर में डीएपी खाद की भारी किल्लत और अनाज मंडियों में किसानों की लंबी कतारों को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि “हरियाणा का अन्नदाता आज खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, जबकि भाजपा सरकार तमाशबीन बनी हुई है।” कांग्रेस ने चार मांगे उठाई कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र ने कहा है कि सरकार तत्काल डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करे। दूसरी मांग उन्होंने किसानों को मंडियों में लाइन में खड़ा करने और हाथ पर मुहर लगाने जैसी अपमानजनक प्रक्रिया तुरंत बंद की जाए। वहीं तीसरी मांग खाद वितरण की जिम्मेदारी पारदर्शी ढंग से सहकारी समितियों को देने की है। चौथी और आखिरी मांग करते हुए राव ने कहा है कि इस पूरे मामले में लापरवाही के जिम्मेदार अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। अभय बोले- किसानों के साथ मुजरिम जैसा व्यवहार इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश में डीएपी की भारी किल्लत के कारण परेशानी झेल रहे किसानों की आवाज को बुलंद करते हुए कहा कि इसकी जिम्मेदार पूरी तरह से बीजेपी सरकार है। अन्नदाता की कैसे बेकद्री की जा रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुबह चार बजे से ही न केवल नौजवान किसान बल्कि उसके परिवार के बुजुर्ग और महिलाएं भी डीएपी लेने के लिए लाइन में लगे हैं। उसके बाद भी सभी को जरूरत के हिसाब से डीएपी नहीं मिल रहा है। कई किसान तो बिना डीएपी के खाली हाथ ही घर वापिस घर आते हैं। एक कार्ड पर सिर्फ दो कट्‌टे ही मिल रहे बीजेपी सरकार किसान विरोधी सरकार है यह इस बात से साफ हो जाती है कि सरकार के आदेशों पर पुलिस किसानों के साथ अत्याचार कर रही है। किसानों के हाथों पर मुहर लगाई जा रही है, ऐसा करके ऊको मुजरिमों जैसा एहसास करवाया जा रहा है। एक आधार कार्ड पर डीएपी के सिर्फ दो ही कट्टे दिए जा रहे हैं। किसानों पर इतने जुल्म और अत्याचार तो अंग्रेजों ने भी नहीं किए जितने आज बीजेपी सरकार कर रही है। अभी तक प्रदेश के कई जिलों में किसानों के खेतों में खड़े पानी की न तो निकासी की गई है और न ही जलभराव के कारण बर्बाद हुई फसलों का आज तक मुआवजा दिया गया है। ऊपर से डीएपी की भारी किल्लत के कारण किसान अपनी अगली फसल की बुआई भी नहीं कर पा रहा है।

Oct 28, 2025 - 18:44
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हरियाणा में डीएपी पर विपक्ष का एक सुर:कांग्रेस बोली- खाद की भारी कमी; अभय बोले- किसानों को मुजरिम बनाया, हाथों पर मुहर लगा रही
हरियाणा में डीएपी खाद को लेकर विपक्ष के नेताओं का एक सुर हो गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र ने प्रदेश में डीएपी खाद की कमी पर चिंता जाहिर की है। खाद की कमी से किसानों की परेशानी बढ़ रही है। वहीं अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि सरकार खाद के लिए किसानों के साथ मुजरिम जैसा व्यवहार कर रही है। खाद के लिए किसानों के हाथों पर मुहर लगाई जा रही है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राव नरेन्द्र सिंह ने राज्यभर में डीएपी खाद की भारी किल्लत और अनाज मंडियों में किसानों की लंबी कतारों को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि “हरियाणा का अन्नदाता आज खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, जबकि भाजपा सरकार तमाशबीन बनी हुई है।” कांग्रेस ने चार मांगे उठाई कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र ने कहा है कि सरकार तत्काल डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करे। दूसरी मांग उन्होंने किसानों को मंडियों में लाइन में खड़ा करने और हाथ पर मुहर लगाने जैसी अपमानजनक प्रक्रिया तुरंत बंद की जाए। वहीं तीसरी मांग खाद वितरण की जिम्मेदारी पारदर्शी ढंग से सहकारी समितियों को देने की है। चौथी और आखिरी मांग करते हुए राव ने कहा है कि इस पूरे मामले में लापरवाही के जिम्मेदार अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। अभय बोले- किसानों के साथ मुजरिम जैसा व्यवहार इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश में डीएपी की भारी किल्लत के कारण परेशानी झेल रहे किसानों की आवाज को बुलंद करते हुए कहा कि इसकी जिम्मेदार पूरी तरह से बीजेपी सरकार है। अन्नदाता की कैसे बेकद्री की जा रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुबह चार बजे से ही न केवल नौजवान किसान बल्कि उसके परिवार के बुजुर्ग और महिलाएं भी डीएपी लेने के लिए लाइन में लगे हैं। उसके बाद भी सभी को जरूरत के हिसाब से डीएपी नहीं मिल रहा है। कई किसान तो बिना डीएपी के खाली हाथ ही घर वापिस घर आते हैं। एक कार्ड पर सिर्फ दो कट्‌टे ही मिल रहे बीजेपी सरकार किसान विरोधी सरकार है यह इस बात से साफ हो जाती है कि सरकार के आदेशों पर पुलिस किसानों के साथ अत्याचार कर रही है। किसानों के हाथों पर मुहर लगाई जा रही है, ऐसा करके ऊको मुजरिमों जैसा एहसास करवाया जा रहा है। एक आधार कार्ड पर डीएपी के सिर्फ दो ही कट्टे दिए जा रहे हैं। किसानों पर इतने जुल्म और अत्याचार तो अंग्रेजों ने भी नहीं किए जितने आज बीजेपी सरकार कर रही है। अभी तक प्रदेश के कई जिलों में किसानों के खेतों में खड़े पानी की न तो निकासी की गई है और न ही जलभराव के कारण बर्बाद हुई फसलों का आज तक मुआवजा दिया गया है। ऊपर से डीएपी की भारी किल्लत के कारण किसान अपनी अगली फसल की बुआई भी नहीं कर पा रहा है।