लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पर सीमित एंट्री:तीन स्थानों से ही वाहन चढ़ सकेंगे, बाइक-ऑटो पर रोक; अगस्त में खुलेगा

लगभग तीन साल से बन रहे लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पर अब सफर और भी सुगम होने जा रहा है। हालांकि जिले के नागरिकों को इस एक्सप्रेसवे पर प्रवेश के लिए केवल तीन ही स्थानों से चढ़ने की सुविधा मिल सकेगी। कुल 63 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का बड़ा भाग करीब 47 किलोमीटर जिले की सीमा में आता है। हरे-भरे ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरने की वजह से इसे ‘ग्रीन कॉरिडोर’ भी कहा जा रहा है। इसका आधिकारिक नाम एनई-6 (NE-6) रखा गया है। सुरक्षा के लिहाज से इस एक्सप्रेसवे पर दोपहिया और छोटे तिपहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है। कार्यकारी अधिकारी उदित जैन के मुताबिक जिले में कोरारी मोड़, आजाद मार्ग चौराहा और बनी के समीप बने सर्विस लेन से ही वाहन इस हाईस्पीड एक्सप्रेसवे पर चढ़ सकेंगे। जुलाई अंत तक पूरा होगा काम इस परियोजना के पूरा होते ही लखनऊ से कानपुर की दूरी बेहद कम समय में तय हो सकेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टीम दिन-रात काम में जुटी है। एलिवेटेड और ग्रीनफील्ड सेक्शन का लगभग 90% निर्माण कार्य 15 जून तक पूर्ण हो चुका है। शेष निर्माण एवं अंतिम रूप देने का कार्य जुलाई अंत तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है। प्रमाणन प्रक्रिया पूरी होते ही टोल वसूली भी आरंभ कर दी जाएगी। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो अगस्त के अंत तक आम जनता के लिए यह एक्सप्रेसवे खोल दिया जाएगा। पहली बार एआईएमजीसी तकनीक से बन रहा करीब 2800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा यह एक्सप्रेसवे भारत में पहली बार एआईएमजीसी तकनीक से बनाया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा जहां पर बाइक, ऑटो, टेंपो, लोडर आदि छोटे वाहनों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। अधिकारियों के अनुसार तेज गति वाले वाहनों (120 किलोमीटर प्रति घंटे) के बीच छोटे वाहनों की मौजूदगी हादसों का खतरा बढ़ा सकती है। इसी वजह से इन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। एनएचएआई की टीम काम में लगी कार्यकारी अधिकारी उदित जैन ने बताया कि जिसमें एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन कोरारी मोड़, आजाद मार्ग चौराहे और तीसरा बनी के पास चढ़ने का रास्ता दिया गया है। राजधानी लखनऊ से कानपुर का सफर जल्द ही कम समय में पूरा हो सकेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टीम लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के काम को पूरा करने में दिन-रात लगी है।

Jun 23, 2025 - 14:23
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लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पर सीमित एंट्री:तीन स्थानों से ही वाहन चढ़ सकेंगे, बाइक-ऑटो पर रोक; अगस्त में खुलेगा
लगभग तीन साल से बन रहे लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पर अब सफर और भी सुगम होने जा रहा है। हालांकि जिले के नागरिकों को इस एक्सप्रेसवे पर प्रवेश के लिए केवल तीन ही स्थानों से चढ़ने की सुविधा मिल सकेगी। कुल 63 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का बड़ा भाग करीब 47 किलोमीटर जिले की सीमा में आता है। हरे-भरे ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरने की वजह से इसे ‘ग्रीन कॉरिडोर’ भी कहा जा रहा है। इसका आधिकारिक नाम एनई-6 (NE-6) रखा गया है। सुरक्षा के लिहाज से इस एक्सप्रेसवे पर दोपहिया और छोटे तिपहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है। कार्यकारी अधिकारी उदित जैन के मुताबिक जिले में कोरारी मोड़, आजाद मार्ग चौराहा और बनी के समीप बने सर्विस लेन से ही वाहन इस हाईस्पीड एक्सप्रेसवे पर चढ़ सकेंगे। जुलाई अंत तक पूरा होगा काम इस परियोजना के पूरा होते ही लखनऊ से कानपुर की दूरी बेहद कम समय में तय हो सकेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टीम दिन-रात काम में जुटी है। एलिवेटेड और ग्रीनफील्ड सेक्शन का लगभग 90% निर्माण कार्य 15 जून तक पूर्ण हो चुका है। शेष निर्माण एवं अंतिम रूप देने का कार्य जुलाई अंत तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है। प्रमाणन प्रक्रिया पूरी होते ही टोल वसूली भी आरंभ कर दी जाएगी। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो अगस्त के अंत तक आम जनता के लिए यह एक्सप्रेसवे खोल दिया जाएगा। पहली बार एआईएमजीसी तकनीक से बन रहा करीब 2800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा यह एक्सप्रेसवे भारत में पहली बार एआईएमजीसी तकनीक से बनाया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा जहां पर बाइक, ऑटो, टेंपो, लोडर आदि छोटे वाहनों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। अधिकारियों के अनुसार तेज गति वाले वाहनों (120 किलोमीटर प्रति घंटे) के बीच छोटे वाहनों की मौजूदगी हादसों का खतरा बढ़ा सकती है। इसी वजह से इन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। एनएचएआई की टीम काम में लगी कार्यकारी अधिकारी उदित जैन ने बताया कि जिसमें एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन कोरारी मोड़, आजाद मार्ग चौराहे और तीसरा बनी के पास चढ़ने का रास्ता दिया गया है। राजधानी लखनऊ से कानपुर का सफर जल्द ही कम समय में पूरा हो सकेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टीम लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के काम को पूरा करने में दिन-रात लगी है।