मेरठ में बस में बैठे-बैठे बुजुर्ग की मौत:दिल्ली से बेटे को बिना बताए निकले, भैंसाली बस अड्डे पर बस रुकने पर कंडक्टर ने देखा तो मिली लाश

मेरठ सदर बाजार थाना क्षेत्र में बुधवार को एक बुजुर्ग यात्री की रोडवेज बस में मौत हो गई। मृतक की पहचान सुभाष नगर निवासी सुरेश चंद्र के रूप में हुई। सुरेश चंद्र लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पांच दिन पहले उनका बेटा दीपक उन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले गया था। दीपक दिल्ली में प्राइवेट जॉब करता है। बुधवार सुबह सुरेश चंद्र बिना बेटे को बताए मोहननगर से मेरठ जाने वाली रोडवेज बस में सवार हो गए। बस जब भैसाली बस स्टैंड पहुंची, तब सभी यात्री उतर गए। एक यात्री के नहीं उतरने पर चालक ने आवाज दी। जब कोई जवाब नहीं मिला तो चालक सीट तक गया। वहां सुरेश चंद्र मृत मिले। चालक ने उनकी जेब में मिले आधार कार्ड से पुलिस ने एड्रेस देख कर परिवार वालों को सूचना दी। मृतक के एक बेटा और एक बेटी है। बेटा, बेटी दोनों दिल्ली में रहते हें। पत्नी मेरठ में रहती हैं। बताया कि बेटी की शादी हो चुकी है। जबकि बेटा मोबाइल शॉप या दुकान में काम करता है। आज मन नहीं लग रहा है कि बात कह कर वहां से बिना बताए मेरठ आ रहे थे। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौत का कारण बीमारी बताया और बिना किसी कानूनी कार्रवाई के शव को घर ले गए।

Jul 9, 2025 - 19:30
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मेरठ में बस में बैठे-बैठे बुजुर्ग की मौत:दिल्ली से बेटे को बिना बताए निकले, भैंसाली बस अड्डे पर बस रुकने पर कंडक्टर ने देखा तो मिली लाश
मेरठ सदर बाजार थाना क्षेत्र में बुधवार को एक बुजुर्ग यात्री की रोडवेज बस में मौत हो गई। मृतक की पहचान सुभाष नगर निवासी सुरेश चंद्र के रूप में हुई। सुरेश चंद्र लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पांच दिन पहले उनका बेटा दीपक उन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले गया था। दीपक दिल्ली में प्राइवेट जॉब करता है। बुधवार सुबह सुरेश चंद्र बिना बेटे को बताए मोहननगर से मेरठ जाने वाली रोडवेज बस में सवार हो गए। बस जब भैसाली बस स्टैंड पहुंची, तब सभी यात्री उतर गए। एक यात्री के नहीं उतरने पर चालक ने आवाज दी। जब कोई जवाब नहीं मिला तो चालक सीट तक गया। वहां सुरेश चंद्र मृत मिले। चालक ने उनकी जेब में मिले आधार कार्ड से पुलिस ने एड्रेस देख कर परिवार वालों को सूचना दी। मृतक के एक बेटा और एक बेटी है। बेटा, बेटी दोनों दिल्ली में रहते हें। पत्नी मेरठ में रहती हैं। बताया कि बेटी की शादी हो चुकी है। जबकि बेटा मोबाइल शॉप या दुकान में काम करता है। आज मन नहीं लग रहा है कि बात कह कर वहां से बिना बताए मेरठ आ रहे थे। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौत का कारण बीमारी बताया और बिना किसी कानूनी कार्रवाई के शव को घर ले गए।