बरवाला में एसडीएम ऑफिस पर किसानों का प्रदर्शन 27 को:डीएपी खाद का संकट, धान रोपाई का कार्य अटका, चेतावनी दी

हिसार जिले के उकलाना-बरवाला क्षेत्र के किसान इस समय गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। हाल ही में हुई अच्छी बारिश के बाद किसानों ने धान, बाजरा, दलहन और सब्जियों की बिजाई शुरू कर दी है, लेकिन डीएपी व अन्य खाद की भारी कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खाद के अभाव में किसानों को खेतों की तैयारी में दिक्कत आ रही है और धान रोपाई का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। दर-दर भटकने को मजबूर किसान इस दौरान किसान संदीप, रमेश कुमार, कृष्ण कुमार आदि ने कहा कि धान की फसल की रोपाई से पहले खेत की तैयारी के दौरान डीएपी खाद का इस्तेमाल किया जाता है। प्रति एकड़ एक बैग डीएपी डाला जाता है, जिससे फसल का तना मजबूत होता है और बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जाती है, लेकिन वर्तमान में डीएपी की उपलब्धता न होने से किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं। उनकी धान रोपाई का कार्य अटका हुआ है। सरकारी खाद की कोई ठोस व्यवस्था नहीं किसान नेता दयानंद चमारखेड़ा और मियां सिंह बिठमड़ा ने बताया कि सरकार की ओर से खाद की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। इस वजह से ब्लैक मार्केट में खाद की जमकर कालाबाजारी हो रही है और किसानों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। इतना ही नहीं इस संकट का फायदा उठाकर क्षेत्र में नकली खाद और दवाइयों की बिक्री भी बढ़ गई है, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। समाधान नहीं होने पर बढ़ेगा आंदोलन किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन और सरकार इस गंभीर समस्या को लेकर पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है। किसानों की आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे गांव-गांव में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं किया गया, तो 27 जून को बरवाला स्थित एसडीएम कार्यालय के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल शुरुआत होगी, अगर हालात नहीं सुधरे, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।

Jun 24, 2025 - 17:13
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बरवाला में एसडीएम ऑफिस पर किसानों का प्रदर्शन 27 को:डीएपी खाद का संकट, धान रोपाई का कार्य अटका, चेतावनी दी
हिसार जिले के उकलाना-बरवाला क्षेत्र के किसान इस समय गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। हाल ही में हुई अच्छी बारिश के बाद किसानों ने धान, बाजरा, दलहन और सब्जियों की बिजाई शुरू कर दी है, लेकिन डीएपी व अन्य खाद की भारी कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खाद के अभाव में किसानों को खेतों की तैयारी में दिक्कत आ रही है और धान रोपाई का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। दर-दर भटकने को मजबूर किसान इस दौरान किसान संदीप, रमेश कुमार, कृष्ण कुमार आदि ने कहा कि धान की फसल की रोपाई से पहले खेत की तैयारी के दौरान डीएपी खाद का इस्तेमाल किया जाता है। प्रति एकड़ एक बैग डीएपी डाला जाता है, जिससे फसल का तना मजबूत होता है और बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जाती है, लेकिन वर्तमान में डीएपी की उपलब्धता न होने से किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं। उनकी धान रोपाई का कार्य अटका हुआ है। सरकारी खाद की कोई ठोस व्यवस्था नहीं किसान नेता दयानंद चमारखेड़ा और मियां सिंह बिठमड़ा ने बताया कि सरकार की ओर से खाद की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। इस वजह से ब्लैक मार्केट में खाद की जमकर कालाबाजारी हो रही है और किसानों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। इतना ही नहीं इस संकट का फायदा उठाकर क्षेत्र में नकली खाद और दवाइयों की बिक्री भी बढ़ गई है, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। समाधान नहीं होने पर बढ़ेगा आंदोलन किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन और सरकार इस गंभीर समस्या को लेकर पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है। किसानों की आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे गांव-गांव में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं किया गया, तो 27 जून को बरवाला स्थित एसडीएम कार्यालय के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल शुरुआत होगी, अगर हालात नहीं सुधरे, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।