करनाल में फैक्ट्री मालिक एंव बैंक कर्मी ने लगाया फंदा:कर्मचारी के नाम पर लिया था 13 लाख का लोन, 3 महीने पहले लिया था लोन
करनाल के रामनगर क्षेत्र में डिस्पोजल की फैक्ट्री के मालिक व बैंक कर्मचारी ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। फैक्ट्री मालिक बैंक में जॉब किया करता था और अपनी ही एक कर्मचारी के नाम पर करीब 13 लाख रुपए का लोन लिया था। वह एक दिन पहले परेशान चल रहे थे, वे फैक्ट्री में आए और उन्होंने कर्मचारियों की छुट्टी कर दी और फैक्ट्री के अंदर फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को फंदे से उतरवाकर मोर्चरी हाउस भेज दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 3 महीने पहले लिया था लोन मृतक की पहचान रविंद्र मेहता के रूप में हुई है। रविंद्र बैंक में भी जॉब करते थे और उनकी डिस्पोजल की फैक्ट्री भी है। जानकारी के अनुसार, रविंद्र ने अपनी फैक्टरी में काम करने वाली कर्मचारी सीमा के डॉक्यूमेंट के आधार पर 3-4 महीने पहले 12-13 लाख रुपए का लोन लिया था। सीमा रामनगर की रहने वाली है। सीमा के भाई व पिता ने बताया कि फैक्ट्री मालिक का सीमा के प्रति विश्वास था और सीमा को भी भरोसा था, लेकिन इसी भरोसे के चलते सीमा के नाम पर इतना बड़ा लोन ले लिया गया, जबकि सीमा की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं, जिसके आधार पर उसे लोन मिल जाए। मंगलवार को बैंक वाले हमारे घर आए और बोले कि सीमा ने लोन लिया हुआ है, और जो गहने गिरवी रखे है वे नकली है। जिस बैंक में रविंद्र काम करता था, उसी बैंक से लोन लिया गया है, रविंद्र ही घर से गहने लेकर गया था और उसी ने गहने बैंक में लोन के लिए रखे थे। अब सवाल तो यह उठता है कि जब लोन हुआ था, उस वक्त गहनों की जांच क्यों नहीं की गई और लोन कैसे दे दिया? अब गलती लोन देने वालो की ही है। बैंक में गोल्ड चेक करने का काम करता था मृतक वहीं सीमा का कहना है कि वह फैक्ट्री में चार साल से काम कर रही है। रविंद्र सोमवार से ही बहुत परेशान हो रहे थे। मंगलवार को 12 बजे आए और बोले कि फैक्ट्री बंद कर दो। जब मैने कारण पूछा तो उन्होंने कि मैने बोला है ना फैक्ट्री बंद कर दो। सीमा ने बताया कि इसके बाद मैने फैक्ट्री बंद कर दी और चाबी लेकर घर की तरफ चलने लगी। मैं थोड़ी सी दूर ही निकली थी कि उन्होंने मेरे को आवाज लगाई और चाबी ले ली। मैने पूछा कि आप कहां जा रहे हो, तो उन्होंने बताया था कि मैं घर जा रहा हूं। मेरी इतनी ही बात रविंद्र से हुई थी। सीमा बोली-मेरे नाम पर लिया गया था लोन सीमा ने बताया कि रविंद्र ने मेरे नाम पर बैंक से लोन लिया था। जिसके बारे में मुझे पता था। बैंक वाले शाम को मेरे घर पर आए और बताया कि आपने नाम पर लोन है और जो गोल्ड बैंक में रखा गया है वह नकली है। सीमा ने बताया कि अब मुझे थोड़े ही पता था कि इन्होंने नकली सोना बैंक में रखा है। सीमा ने बताया कि जिस बैंक में रविंद्र काम करता था, वहां पर वह गोल्ड चेक करने का भी काम करता था। इन्होंने वहां से लोन लिया और गोल्ड रख दिया। पैसे मेरे खाते में आए थे। अब बैंक वाले मेरे घर आए और बोले कि यह लोन का पैसा आपको ही भरना पड़ेगा, क्योंकि लोन आपके नाम पर है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा शव घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस में भेज दिया और बुधवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। रामनगर थाना में पुलिस जांच अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि रविंद्र नाम के व्यक्ति ने सुसाइड किया है। दोपहर बाद रविंद्र ने कर्मचारियों की छुट्टी की और फिर बाहर के मेन घर का ताला लगाया और फिर अंदर छोटे दरवाजे से गए और अंदर से लॉक लगाकर सुसाइड कर लिया। एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
करनाल के रामनगर क्षेत्र में डिस्पोजल की फैक्ट्री के मालिक व बैंक कर्मचारी ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। फैक्ट्री मालिक बैंक में जॉब किया करता था और अपनी ही एक कर्मचारी के नाम पर करीब 13 लाख रुपए का लोन लिया था। वह एक दिन पहले परेशान चल रहे थे, वे फैक्ट्री में आए और उन्होंने कर्मचारियों की छुट्टी कर दी और फैक्ट्री के अंदर फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को फंदे से उतरवाकर मोर्चरी हाउस भेज दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 3 महीने पहले लिया था लोन मृतक की पहचान रविंद्र मेहता के रूप में हुई है। रविंद्र बैंक में भी जॉब करते थे और उनकी डिस्पोजल की फैक्ट्री भी है। जानकारी के अनुसार, रविंद्र ने अपनी फैक्टरी में काम करने वाली कर्मचारी सीमा के डॉक्यूमेंट के आधार पर 3-4 महीने पहले 12-13 लाख रुपए का लोन लिया था। सीमा रामनगर की रहने वाली है। सीमा के भाई व पिता ने बताया कि फैक्ट्री मालिक का सीमा के प्रति विश्वास था और सीमा को भी भरोसा था, लेकिन इसी भरोसे के चलते सीमा के नाम पर इतना बड़ा लोन ले लिया गया, जबकि सीमा की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं, जिसके आधार पर उसे लोन मिल जाए। मंगलवार को बैंक वाले हमारे घर आए और बोले कि सीमा ने लोन लिया हुआ है, और जो गहने गिरवी रखे है वे नकली है। जिस बैंक में रविंद्र काम करता था, उसी बैंक से लोन लिया गया है, रविंद्र ही घर से गहने लेकर गया था और उसी ने गहने बैंक में लोन के लिए रखे थे। अब सवाल तो यह उठता है कि जब लोन हुआ था, उस वक्त गहनों की जांच क्यों नहीं की गई और लोन कैसे दे दिया? अब गलती लोन देने वालो की ही है। बैंक में गोल्ड चेक करने का काम करता था मृतक वहीं सीमा का कहना है कि वह फैक्ट्री में चार साल से काम कर रही है। रविंद्र सोमवार से ही बहुत परेशान हो रहे थे। मंगलवार को 12 बजे आए और बोले कि फैक्ट्री बंद कर दो। जब मैने कारण पूछा तो उन्होंने कि मैने बोला है ना फैक्ट्री बंद कर दो। सीमा ने बताया कि इसके बाद मैने फैक्ट्री बंद कर दी और चाबी लेकर घर की तरफ चलने लगी। मैं थोड़ी सी दूर ही निकली थी कि उन्होंने मेरे को आवाज लगाई और चाबी ले ली। मैने पूछा कि आप कहां जा रहे हो, तो उन्होंने बताया था कि मैं घर जा रहा हूं। मेरी इतनी ही बात रविंद्र से हुई थी। सीमा बोली-मेरे नाम पर लिया गया था लोन सीमा ने बताया कि रविंद्र ने मेरे नाम पर बैंक से लोन लिया था। जिसके बारे में मुझे पता था। बैंक वाले शाम को मेरे घर पर आए और बताया कि आपने नाम पर लोन है और जो गोल्ड बैंक में रखा गया है वह नकली है। सीमा ने बताया कि अब मुझे थोड़े ही पता था कि इन्होंने नकली सोना बैंक में रखा है। सीमा ने बताया कि जिस बैंक में रविंद्र काम करता था, वहां पर वह गोल्ड चेक करने का भी काम करता था। इन्होंने वहां से लोन लिया और गोल्ड रख दिया। पैसे मेरे खाते में आए थे। अब बैंक वाले मेरे घर आए और बोले कि यह लोन का पैसा आपको ही भरना पड़ेगा, क्योंकि लोन आपके नाम पर है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा शव घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस में भेज दिया और बुधवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। रामनगर थाना में पुलिस जांच अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि रविंद्र नाम के व्यक्ति ने सुसाइड किया है। दोपहर बाद रविंद्र ने कर्मचारियों की छुट्टी की और फिर बाहर के मेन घर का ताला लगाया और फिर अंदर छोटे दरवाजे से गए और अंदर से लॉक लगाकर सुसाइड कर लिया। एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया गया है। मामले की जांच की जा रही है।