दुनिया भर में अपनी दादागिरी दिखाने वाले ट्रंप को हर दिन एक नया झटका मिल रहा है। हाल ही में ट्रंप की अपने ही देश में जबरदस्त हार हुई है। न्यूयॉर्क की जनता ने जोहरान ममदानी को अपना मेयर चुनकर ट्रंप को सबसे बड़ा झटका दिया है। इसके बाद पुतिन और साउथ अमेरिकी देश वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस माधुरों ने मिलकर ट्रंप के होश उड़ा दिए हैं। आपने यह कहावत तो सुनी होगी कि दुश्मन का दोस्त दुश्मन होता है। यह बात रूस और वेनेजुएला के संबंधों पर सटीक बैठी। दरअसल यह दावा किया जा रहा है कि अमेरिका जल्द ही वेनेजुएला पर हमला कर सकता है। लेकिन वेनेजुएला ने भी पलटवार करने की पूरी तैयारी कर ली है और इसी के साथ ही रूस के साथ मिलकर मिसाइलें भी तैनात कर दी है। अमेरिका वेनेजुएला से निकोलस माधुर का तख्तापलट करवाना चाहता है। निकोलस मादुरो 2013 से वेनेजुएला के राष्ट्रपति हैं। वेनेजुएला के पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार है। जिन पर दशकों से अमेरिका की नजर है।
ऐसे में दुनिया भर में लोकतंत्र बचाने की ठेकेदारी ले चुके अमेरिकी डीप स्टेट ने अब यह ऐलान कर दिया है कि माधुरों के जाने का वक्त आ गया है। मगर अब अमेरिका को बर्बाद करने के लिए निकोलस मादुरों ने बड़ी जंग की तैयारी कर ली है। इस सबके बीच रूस ने वेनेजुएला के साथ मिलकर यूएस को चौंका दिया है। इससे पहले खबर आई थी कि रूस का सैन ट्रांसपोर्ट विमान मॉस्को से उड़ान भरकर वेनेजुएला की राजधानी काराकास पहुंचा। दो दिन तक चली यह जटिल यात्रा जिसमें विमान ने कई देशों में रुककर ईंधन भरा जो कि अब चर्चा का विषय बन गया है कि क्या रूस अपने पुराने सहयोगी निकोलस की सरकार को गुप्त सैन्य मदद भेज रहा है। जानकारी के मुताबिक रूसी वायुसेना का विमान 24 अक्टूबर को मॉस्को से रवाना हुआ और 26 अक्टूबर को वेनेजुला की राजधानी काराकास पहुंचा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि काराकास में विमान लगभग 45 घंटे तक रुका रहा जो कि संकेत देता है कि इस दौरान माल की अनलोडिंग या ट्रांसफर हुआ होगा।
एक सीनियर रूसी अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह खुलासा तक कर दिया कि रूस वास्तव में वेनेजुएला के प्रमुख सैन्य तकनीकी साझेदारों में से एक है। हम देश को छोटे हथियारों से लेकर विमान तक लगभग सभी प्रकार के हथियार उपलब्ध करवाते हैं। यह कहना है रूस के एक सीनियर अधिकारी का। आपको यह भी जानकारी बता दें कि निकोलस मादुरो अमेरिका का कट्टर दुश्मन है। उन्होंने वेनेजुएला के तेल भंडारों पर कब्जा नहीं करने दिया। इसके अलावा अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा रखे हैं ताकि निकोलस की सत्ता चली जाए और अमेरिका वेनेजुएला पर कब्जा कर ले।