CM डॉ. मोहन यादव ने कही मन की बात, बोले- हर कीमत पर करेंगे प्रदेश का विकास
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड ग्राउंड, भोपाल में 79वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया। उन्होंने प्रदेशवासियों को विकास की नई दिशा में ले जाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब, युवा, किसान और महिलाओं को सशक्त बनाने के ...

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड ग्राउंड, भोपाल में 79वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया। उन्होंने प्रदेशवासियों को विकास की नई दिशा में ले जाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब, युवा, किसान और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करेगी।
उन्होंने रोजगार, निवेश, खेल, पर्यटन और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बताया। मोहन यादव ने कहा कि हर कीमत पर प्रदेश का विकास करेंगे। मुख्यमंत्री यादव ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए भाषण शुरू किया। उन्होंने टंट्या मामा, रानी दुर्गावती, चंद्रशेखर आजाद और रानी लक्ष्मीबाई जैसे वीरों का नाम लिया। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति हुई है, वहीं नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल की गई। आत्म-निर्भर भारत कोई साधारण नारा नहीं, यह 140 करोड़ भारतीयों का अटल संकल्प है। यह संकल्प है, अपने बलबूते खड़े होने का, नवाचार से अपनी जरूरतें पूरी करने का और अपनी क्षमता को विश्व के साथ साझा करने का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में यह मात्र सरकारी योजना नहीं, एक जीवंत जन-आंदोलन है। “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” का रास्ता स्वदेशी के प्रति समर्पण से ही होगा।
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देशवासियों को बस अपनी शक्ति और सामर्थ्य पहचानने की आवश्यकता है। आज मुझे ये कहते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारा मध्यप्रदेश उन करोड़ों भारतवासियों के उस संकल्प को पूर्ण करने का माध्यम बन रहा है, जिस स्वप्न को हम “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” कहते हैं। सीएम डॉ. यादव ने गीत गाया, 'संकट तमाम झेले हैं, हम बाधाओं से खेले हैं, किसी ने साथ दिया कि नहीं दिया,पथ के पर्वत हमने धकेले हैं...।'
स्वदेशी से मिलेगी देश को नई पहचान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज इस संकल्प का भी दिन है कि हमारा पुरुषार्थ और हमारा पराक्रम स्वदेश के हित में स्वदेशी को स्वीकारे और स्वदेशी का प्रसार करें। भारत की आत्मा में बसा "स्वदेशी" केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आत्म-निर्भरता और वैश्विक नेतृत्व का मंत्र है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘ लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के साथ हमें हर क्षेत्र-टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप, कृषि, ऊर्जा और रक्षा में स्वदेशी को आधार बनाना है।
इसका अर्थ है कि हर उत्पाद हमारे कौशल, हमारे श्रम और हमारे संसाधनों से निर्मित हों। प्राकृतिक खेती से लेकर सेमीकंडक्टर मिशन तक, अंतरिक्ष अनुसंधान से लेकर स्वदेशी युद्धपोत निर्माण तक, हमें भारत को नवाचार और उत्पादन की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करना है। जिस तरह खादी के एक धागे ने स्वतंत्रता संग्राम को शक्ति दी थी, वैसे ही स्वदेशी का प्रत्येक कदम हमें विकसित भारत के संकल्प की ओर ले जाएगा। Edited by : Sudhir Sharma