एशिया कप 2025 में भारत अपने अभियान की शुरुआत यूएई के खिलाफ 10 सितंबर से करेगा। इस दौरान ऑलराउंडर के जरिए टीम में पर्याप्त संतुलन स्थापित करने की कोशिश करेगा।
हालांकि, भारतीय टीम प्रबंधन के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती संतुलन साधने की है। इस मुकाबले में तीसरे स्पिनर या विशेषज्ञ तेज गेंदबाज के साथ उतरना है या नहीं।
मुख्य कोच गौतम गंभीर के कार्यभार संभालने के बाद से भारत ने सभी प्रारुपों में ऑलराउंडर को प्राथमिकता दी है। ऐसा विशेष कर बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए किया गया है ताकि आठवें नंबर तक उसके पास अच्छे बल्लेबाज रहें।
अमीरात के खिलाफ मैच 14 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले अहम मैच से पहले अभ्यास मैच की तरह होगा। कमजोर मानी जाने वाली यूएई की टीम के साथ मैच भारतीय टीम प्रबंधन को इस बात का अंदाजा देगी कि टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के लिए किस संयोजन के साथ मैदान में उतरना बेहतर होगा।
यूएई के खिलाड़ियों के लिए ये सबसे बड़ा मैच होगा। जसप्रीत बुमराह का सामना करना या शुभमन गिल को गेंदबाजी करना, किसी एसोसिएट देश के क्रिकेटर के जीवन में आम बात नहीं है। एशिया कप उन्हें खेल के वास्तविक माहौल से अवगत कराएगा।
भारतीय टीम में संजू सैमसन बनाम जितेश शर्मा की पहेली फिलहाल सुलझ गई है। जितेशकी फिनिशर की भूमिका को सैमसन की विस्फोटक बल्लेबाजी पर प्राथमिकता मिलना तय है।
शीर्ष क्रम में शुभमन गिल की वापसी से भी सैमसन के लिए अंतिम एकादश में जगह बना पाना मुश्किल हो गया है। गिल अब अभिषेक शर्मा के साथ बल्लेबाजी का आगाज करेंगे।
दोनों की संभावित प्लेइंग 11
भारत- शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, सूर्यकुमार यादव (कप्तान), हार्दिक पंड्या, शिवम दुबे, जितेश शर्मा (विकेटकीपर),अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती/ कुलदीप यादव।
यूएई- मुहम्मद वसीम (कप्तान), अलीशान शराफू, राहुल चोपड़ा (विकेटकीपर), आसिफ खान, ध्रुव पराशर, एथन डिसूजा, हैदर अली, सिमरनजीत सिंह, जुनैद सिद्दीकी, मतीउल्लाह खान, मुहम्मद फारुक।