सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी जुआ खेलते दिखे:लम्भुआ सीएचसी में मरीजों की देख रेख की जगह लापरवाही

सुलतानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) लम्भुआ में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का खुलासा हुआ है। अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी मरीजों का इलाज करने की बजाय जुआ खेलते पकड़े गए। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला सामने आया। बड़ेगांव उपकेंद्र पर तैनात डॉक्टर राम संजीवन, एक्स-रे विभाग के अशोक कुमार, स्वीपर अजमल और प्राची मेडिकल स्टोर के संचालक चंद्रशेखर त्रिपाठी अस्पताल परिसर में खुलेआम जुआ खेल रहे थे। सीएचसी अधीक्षक डॉ अनिल कुमार ने आरोपी डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, रोजाना 200 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उन्हें बिना इलाज लौटना पड़ता है। अस्पताल परिसर में शराब-सिगरेट का सेवन भी किया जाता है। कुछ दिन पहले इसी सीएचसी के गटर से दवाइयों का बड़ा जखीरा मिला था। समाजसेवी कृष्ण कुमार यादव की शिकायत पर जांच में आरोप सही पाए गए। लेकिन कार्रवाई नाममात्र की गई। विपक्ष का कहना है कि सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करती है। लेकिन वास्तविकता में मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। अब स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

Sep 15, 2025 - 20:18
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सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी जुआ खेलते दिखे:लम्भुआ सीएचसी में मरीजों की देख रेख की जगह लापरवाही
सुलतानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) लम्भुआ में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का खुलासा हुआ है। अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी मरीजों का इलाज करने की बजाय जुआ खेलते पकड़े गए। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला सामने आया। बड़ेगांव उपकेंद्र पर तैनात डॉक्टर राम संजीवन, एक्स-रे विभाग के अशोक कुमार, स्वीपर अजमल और प्राची मेडिकल स्टोर के संचालक चंद्रशेखर त्रिपाठी अस्पताल परिसर में खुलेआम जुआ खेल रहे थे। सीएचसी अधीक्षक डॉ अनिल कुमार ने आरोपी डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, रोजाना 200 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उन्हें बिना इलाज लौटना पड़ता है। अस्पताल परिसर में शराब-सिगरेट का सेवन भी किया जाता है। कुछ दिन पहले इसी सीएचसी के गटर से दवाइयों का बड़ा जखीरा मिला था। समाजसेवी कृष्ण कुमार यादव की शिकायत पर जांच में आरोप सही पाए गए। लेकिन कार्रवाई नाममात्र की गई। विपक्ष का कहना है कि सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करती है। लेकिन वास्तविकता में मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। अब स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।