लालबाग में बहुत खराब श्रेणी में एयर क्वालिटी:सांस संबंधित लंबी बीमारी होने का खतरा, अलीगंज में भी खराब हालात
लखनऊ में सुबह से एयर क्वालिटी बहुत खराब स्थिति में पहुंच चुकी है। लालबाग में AQI 312 के साथ में रेड जोन में दर्ज किया गया। इससे सांस संबंधित लंबी बीमारी का खतरा बना हुआ है। अलीगंज में भी हालात खराब हो गए हैं। सुबह के समय यहां का AQI 210 के साथ में ऑरेंज जोन में दर्ज किया गया। तालकटोरा में 191, कुकरैल 117, अंबेडकर यूनिवर्सिटी 103 और गोमतीनगर का AQI 101 के साथ में मॉडरेट स्थिति में बना हुआ है। लखनऊ के 6 मॉनिटरिंग स्टेशनों का औसत AQI सुबह के समय में 172 के साथ मॉडरेट बना हुआ है। लगातार मॉडरेट स्थिति में हवा लखनऊ में बीते तीन दिनों से AQI मॉडरेट स्थिति में दर्ज किया जा रहा। दीपावली के बाद 21 अक्टूबर को लखनऊ का AQI ऑरेंज जोन में दर्ज किया गया था। शुक्रवार शाम 4 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़े के मुताबिक लखनऊ का AQI 172 दर्ज किया गया। अक्टूबर में अभी तक 16 दिन मॉडरेट, आठ दिन संतोषजनक और एक दिन ऑरेंज जोन में प्रदूषण का स्तर हवा में दर्ज किया गया। लखनऊ में सुबह से मौसम साफ बना हुआ है मौसम विभाग का अनुमान है कि आज राजधानी का अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री के आसपास दर्ज किया जाएगा। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 1.7 डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 5 डिग्री अधिक रहा। 29 अक्टूबर से बारिश के आसार प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है। मौसम विभाग वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में कोई सक्रिय मौसम तंत्र नहीं होने से 28 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहेगा और आसमान साफ रहेगा। सतही हवाओं के उत्तर-पूर्वी होने से तापमान में कमी का सिलसिला जारी रहेगा।हालांकि, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दाब क्षेत्र 27 अक्टूबर की सुबह तक दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसका मुख्य प्रभाव पूर्वी तटीय राज्यों पर होगा, लेकिन इसका आंशिक असर प्रदेश पर भी पड़ सकता है। इसके चलते 29-30 अक्टूबर को प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में छिटपुट बारिश की संभावना है। साथ ही, बादलों की आवाजाही बढ़ने से अधिकतम तापमान में भी कमी आ सकती है। मौसम तंत्र के पूरी तरह विकसित होने और समय नजदीक आने पर स्थिति और स्पष्ट होगी।
लखनऊ में सुबह से एयर क्वालिटी बहुत खराब स्थिति में पहुंच चुकी है। लालबाग में AQI 312 के साथ में रेड जोन में दर्ज किया गया। इससे सांस संबंधित लंबी बीमारी का खतरा बना हुआ है। अलीगंज में भी हालात खराब हो गए हैं। सुबह के समय यहां का AQI 210 के साथ में ऑरेंज जोन में दर्ज किया गया। तालकटोरा में 191, कुकरैल 117, अंबेडकर यूनिवर्सिटी 103 और गोमतीनगर का AQI 101 के साथ में मॉडरेट स्थिति में बना हुआ है। लखनऊ के 6 मॉनिटरिंग स्टेशनों का औसत AQI सुबह के समय में 172 के साथ मॉडरेट बना हुआ है। लगातार मॉडरेट स्थिति में हवा लखनऊ में बीते तीन दिनों से AQI मॉडरेट स्थिति में दर्ज किया जा रहा। दीपावली के बाद 21 अक्टूबर को लखनऊ का AQI ऑरेंज जोन में दर्ज किया गया था। शुक्रवार शाम 4 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़े के मुताबिक लखनऊ का AQI 172 दर्ज किया गया। अक्टूबर में अभी तक 16 दिन मॉडरेट, आठ दिन संतोषजनक और एक दिन ऑरेंज जोन में प्रदूषण का स्तर हवा में दर्ज किया गया। लखनऊ में सुबह से मौसम साफ बना हुआ है मौसम विभाग का अनुमान है कि आज राजधानी का अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री के आसपास दर्ज किया जाएगा। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 1.7 डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 5 डिग्री अधिक रहा। 29 अक्टूबर से बारिश के आसार प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है। मौसम विभाग वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में कोई सक्रिय मौसम तंत्र नहीं होने से 28 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहेगा और आसमान साफ रहेगा। सतही हवाओं के उत्तर-पूर्वी होने से तापमान में कमी का सिलसिला जारी रहेगा।हालांकि, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दाब क्षेत्र 27 अक्टूबर की सुबह तक दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसका मुख्य प्रभाव पूर्वी तटीय राज्यों पर होगा, लेकिन इसका आंशिक असर प्रदेश पर भी पड़ सकता है। इसके चलते 29-30 अक्टूबर को प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में छिटपुट बारिश की संभावना है। साथ ही, बादलों की आवाजाही बढ़ने से अधिकतम तापमान में भी कमी आ सकती है। मौसम तंत्र के पूरी तरह विकसित होने और समय नजदीक आने पर स्थिति और स्पष्ट होगी।