पेंशनभोगियों का हिमाचल के मुख्यमंत्री से महंगाई राहत को संशोधित कर 46 प्रतिशत करने का अनुरोध
हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से महंगाई राहत (डीआर) को एक प्रतिशत बढ़ाकर 46 प्रतिशत करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में समिति के चेयरमैन सुरेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने महंगाई राहत (डीआर) को तीन प्रतिशत बढ़ाकर 42 प्रतिशत से 45 प्रतिशत कर दिया है। मुख्यमंत्री ने 15 अक्टूबर को कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) जारी करने की घोषणा की थी, जो अक्टूबर के वेतन और पेंशन में जमा किया जाएगा और यह नवंबर में देय होगा। सुरेश ठाकुर ने कहा कि यह बताते हुए दुख हो रहा है कि राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता, केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को स्वीकृत 46 प्रतिशत महंगाई भत्ते से एक प्रतिशत कम है। समिति के सदस्यों ने कहा, पेंशनभोगियों के रूप में हम अपनी आजीविका के लिए पेंशन पर निर्भर हैं और डीआर हमारी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्र सरकार की दर की तुलना में एक प्रतिशत की कटौती से काफी चिंता पैदा हुई है, क्योंकि यह हमारी क्रय शक्ति और वित्तीय स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। यह कटौती न्यायसंगत और उचित नहीं है। समिति ने अनुरोध किया कि पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत को संशोधित कर 46 प्रतिशत किया जाए और एक जुलाई, 2023 से 31 मार्च, 2025 तक की अवधि के लिए महंगाई राहत का बकाया जल्द से जल्द जारी किया जाए।
हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से महंगाई राहत (डीआर) को एक प्रतिशत बढ़ाकर 46 प्रतिशत करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में समिति के चेयरमैन सुरेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने महंगाई राहत (डीआर) को तीन प्रतिशत बढ़ाकर 42 प्रतिशत से 45 प्रतिशत कर दिया है। मुख्यमंत्री ने 15 अक्टूबर को कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) जारी करने की घोषणा की थी, जो अक्टूबर के वेतन और पेंशन में जमा किया जाएगा और यह नवंबर में देय होगा।
सुरेश ठाकुर ने कहा कि यह बताते हुए दुख हो रहा है कि राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता, केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को स्वीकृत 46 प्रतिशत महंगाई भत्ते से एक प्रतिशत कम है।
समिति के सदस्यों ने कहा, पेंशनभोगियों के रूप में हम अपनी आजीविका के लिए पेंशन पर निर्भर हैं और डीआर हमारी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्र सरकार की दर की तुलना में एक प्रतिशत की कटौती से काफी चिंता पैदा हुई है, क्योंकि यह हमारी क्रय शक्ति और वित्तीय स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। यह कटौती न्यायसंगत और उचित नहीं है।
समिति ने अनुरोध किया कि पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत को संशोधित कर 46 प्रतिशत किया जाए और एक जुलाई, 2023 से 31 मार्च, 2025 तक की अवधि के लिए महंगाई राहत का बकाया जल्द से जल्द जारी किया जाए।



