पंजाब के 1000 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का कहर, जानिए कैसा है देश का मौसम?
Weather Update : पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में रविवार को भी बारिश का दौर जारी है। भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर है और सड़कें पानी से लबालब है। पंजाब के 1000 से ज्यादा गांव पानी की चपेट में है ...
Weather Update : पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में रविवार को भी बारिश का दौर जारी है। भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर है और सड़कें पानी से लबालब है। पंजाब के 1000 से ज्यादा गांव पानी की चपेट में है तो इंदौर की सड़कों पर मानों जल सैलाब आ गया।
पंजाब के 8 जिलों में भारी बारिश : पंजाब के 8 जिलों में भारी बारिश के बाद 1000 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। 11 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। लगातार हो रही बारिश की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर गुरदासपुर जिले में दिखाई दे रहा है।
दिल्ली में बारिश : दिल्ली-NCR में जोरदार बारिश हो रही है। बारिश के चलते कई इलाकों और सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग ने आज आज पूर्वी दिल्ली, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली, मध्य दिल्ली और शाहदरा जैसे इलाकों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया था।
इंदौर में सड़कों पर सैलाब : इंदौर शहर और आसपास के इलाकों में शनिवार को तेज बारिश हुई। सड़कों पर पानी ही पानी नजर आ रहा था। शहर के प्रजापत नगर में गणेश पंडाल बह गया। एक कार भी बहते हुए नजर आई। एक जानकारी के मुताबिक शहर में करीब 3 इंच पानी गिर गया। बारिश के कारण हुए जलजमाव की वजह से शहर के यातायात पर भी असर हुआ।
हिमाचल में बाढ़ से तबाही : हिमाचल प्रदेश में शनिवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। शिमला के 2 गांवों में भूस्खलन की वजह से 5 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। राज्य में 20 जून से 30 अगस्त के बीच वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम 320 लोगों की मौत हो गई। राज्य में 91 अचानक बाढ़ आने, 45 बादल फटने और 93 बड़े भूस्खलन की घटनाओं के कारण 3,040 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
मुबंई में भारी बारिश का अलर्ट : मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को हल्की से मध्यम और कुछ जगहों पर तेज बारिश की संभावना है। 2 से 5 सितंबर के बीच वर्षा की तीव्रता और बढ़ेगी। भारी बारिश व गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की भी संभावना है।
मौसम एजेंसी स्कायमेट के अनुसार, मध्य प्रदेश के मध्य भाग पर बना लो-प्रेशर क्षेत्र अब कमजोर हो चुका है, लेकिन इसका अवशेष चक्रवातीय घेरा ऊपरी स्तर तक बना हुआ है। यह सिस्टम अगले 3 दिन तक धीरे-धीरे पश्चिम की ओर खिसकते हुए वहीं डटा रहेगा। इसके बाद 2 से 5 सितंबर के बीच यह दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश, दक्षिण राजस्थान और उत्तर गुजरात के त्रि-जंक्शन पर पहुंच जाएगा। इस सिस्टम की स्थिति कोकण क्षेत्र और खासकर मुंबई में भारी वर्षा के लिए अनुकूल मानी जाती है।
इसी बीच, 1–2 सितंबर को उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर एक और लो-प्रेशर एरिया बनने की संभावना है। जब मानसून ट्रफ के दोनों सिरों पर चक्रवातीय गतिविधियां सक्रिय होती हैं तो इसे ‘डम्बल इफेक्ट’ कहा जाता है। यह स्थिति दोनों सिस्टम को मजबूत करती है और मानसून की गति व ताकत को और बढ़ा देती है। ऐसे में मुंबई और उपनगरों में बारिश की तीव्रता और तेज हो जाएगी।
edited by : Nrapendra Gupta
photo source : Western Command - Indian Army