झज्जर में 12 साल बाद बना रोड़ बारिश से टूटा:पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान बनी थी सड़क, एक ही मानसून में खस्ताहाल

झज्जर में पिछले साल बनी सड़क की हालत एक ही मानसून में खस्ता हो चुकी है। झज्जर जिले में 500 एमएम के करीब बारिश इस मानसून में हुई है। बारिश के कारण इस बार सड़कों पर ज्यादा असर देखने को मिला है। मानसून की इस बारिश में झज्जर-छुछकवास रोड़ जो कि पिछले साल चुनाव के समय बनकर पूरा हुआ था। करीब साढ़े 13 किलोमीटर को रोड़ एक मानसून की बारिश भी नहीं झेल पाया और वाहनों ड्राइवरों के लिए फिर से परेशानी बनने लगा है। झज्जर से करीब साढ़े 13 किलोमीटर की सड़क 12 साल बाद बनी थी और उसमें भी कई गड्‌डे हो चुके हैं। छुछकवास में एंट्री के दौरान तो पैदल राहगीर को भी गड्‌डों के किनारों पर से होते हुए जाने के लिए रास्ता ढूंढना पड़ता है। दो दिन पहले ही उन गड्‌डों को ठेकेदार द्वारा भरवाया गया था लेकिन स्थाई समाधान न होने के कारण बीते दिन हुई बारिश से फिर से गहरे गड्‌डे हो गए। एक मानसून भी नहीं झेल पाया रोड़ दिन भर में इस रूट से हजारों की संख्या में बड़े ट्रक, लोडेड वाहन यहां से गुजरते हैं। झज्जर से छुछकवास सड़क पर, छुछकवास एंट्री करते समय करीब 100 मीटर के दायरे तक गहरे गड्‌डे हो गए हैं, बड़े वाहनों के गुजरते समय पलटने का भय और छोड़ी गाड़ियां तो इसमें फंस ही जाती हैं। वहीं साढ़े किलोमीटर की इस सड़क में करीब 50 गड्‌डे हो चुके हैं। पिछले साल चुनाव से ठीक पहले बनकर तैयार हुआ था बल्कि चुनाव के बाद ही रोड़ की फिनिशिंग हुई थी। 12 साल बाद बनाया गया था रोड़ इस रोड़ को बनाने के लिए लोगों ने सरकारी दफ्तरों और नेताओं के कार्यालयों पर चक्कर काटकर बनवाया था। यह रोड़ 2012 में बना था और उसके बाद 12 साल के अंतराल के बाद पिछले साल बनकर तैयार हुआ था। टेंडर छूट चुका था और ठेकेदार ने काम करना शुरू कर दिया था उसी दौरान आचार संहिता भी लग गई थी। आचार संहिता के दौरान चुनाव के से ठीक पहले ही रोड़ को बनाया गया था। लेकिन इस रोड़ में एक ही मानसून से गड्‌डे हो गए हैं।

Aug 25, 2025 - 09:14
 0
झज्जर में 12 साल बाद बना रोड़ बारिश से टूटा:पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान बनी थी सड़क, एक ही मानसून में खस्ताहाल
झज्जर में पिछले साल बनी सड़क की हालत एक ही मानसून में खस्ता हो चुकी है। झज्जर जिले में 500 एमएम के करीब बारिश इस मानसून में हुई है। बारिश के कारण इस बार सड़कों पर ज्यादा असर देखने को मिला है। मानसून की इस बारिश में झज्जर-छुछकवास रोड़ जो कि पिछले साल चुनाव के समय बनकर पूरा हुआ था। करीब साढ़े 13 किलोमीटर को रोड़ एक मानसून की बारिश भी नहीं झेल पाया और वाहनों ड्राइवरों के लिए फिर से परेशानी बनने लगा है। झज्जर से करीब साढ़े 13 किलोमीटर की सड़क 12 साल बाद बनी थी और उसमें भी कई गड्‌डे हो चुके हैं। छुछकवास में एंट्री के दौरान तो पैदल राहगीर को भी गड्‌डों के किनारों पर से होते हुए जाने के लिए रास्ता ढूंढना पड़ता है। दो दिन पहले ही उन गड्‌डों को ठेकेदार द्वारा भरवाया गया था लेकिन स्थाई समाधान न होने के कारण बीते दिन हुई बारिश से फिर से गहरे गड्‌डे हो गए। एक मानसून भी नहीं झेल पाया रोड़ दिन भर में इस रूट से हजारों की संख्या में बड़े ट्रक, लोडेड वाहन यहां से गुजरते हैं। झज्जर से छुछकवास सड़क पर, छुछकवास एंट्री करते समय करीब 100 मीटर के दायरे तक गहरे गड्‌डे हो गए हैं, बड़े वाहनों के गुजरते समय पलटने का भय और छोड़ी गाड़ियां तो इसमें फंस ही जाती हैं। वहीं साढ़े किलोमीटर की इस सड़क में करीब 50 गड्‌डे हो चुके हैं। पिछले साल चुनाव से ठीक पहले बनकर तैयार हुआ था बल्कि चुनाव के बाद ही रोड़ की फिनिशिंग हुई थी। 12 साल बाद बनाया गया था रोड़ इस रोड़ को बनाने के लिए लोगों ने सरकारी दफ्तरों और नेताओं के कार्यालयों पर चक्कर काटकर बनवाया था। यह रोड़ 2012 में बना था और उसके बाद 12 साल के अंतराल के बाद पिछले साल बनकर तैयार हुआ था। टेंडर छूट चुका था और ठेकेदार ने काम करना शुरू कर दिया था उसी दौरान आचार संहिता भी लग गई थी। आचार संहिता के दौरान चुनाव के से ठीक पहले ही रोड़ को बनाया गया था। लेकिन इस रोड़ में एक ही मानसून से गड्‌डे हो गए हैं।