आपदा में भी… आंदोलन में भी… हमेशा ग्राउंड जीरो पर मुख्यसेवक धामी जी।
आपदा में भी… आंदोलन में भी… हमेशा ग्राउंड जीरो पर मुख्यसेवक धामी जी।

“*आपदा में भी… आंदोलन में भी… हमेशा ग्राउंड जीरो पर मुख्यसेवक धामी जी।”*
यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सच्चाई है। जिस प्रकार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी हर चुनौती और हर संकट की घड़ी में खुद जनता के बीच खड़े दिखाई देते हैं, वह उन्हें सामान्य राजनेताओं से अलग करता है। जब आपदा आती है तो वे राहत और बचाव कार्यों का नेतृत्व करने वाले पहले व्यक्ति होते हैं, और जब आंदोलन होता है तो युवाओं और जनता की पीड़ा सुनने वाले भी वही होते हैं।
धामी जी की सबसे बड़ी ताकत यही है कि वे दूर बैठकर आदेश देने वाले नेता नहीं हैं, बल्कि जनता के सुख-दुख में शामिल होकर उनकी समस्याओं को समझने और समाधान करने वाले मुख्यसेवक हैं। यही वजह है कि आज उत्तराखंड की जनता उन पर विश्वास करती है और उन्हें परिवार का हिस्सा मानती है।
उनकी यह कार्यशैली एक संदेश देती है कि सच्चा नेतृत्व वही है, जो मंचों और कागजों पर नहीं, बल्कि ग्राउंड जीरो पर खड़ा होकर जनता के साथ साँस ले, उनकी तकलीफ़ को महसूस करे और उसका समाधान खोजे। मुख्यमंत्री धामी जी ने यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।