संसद सुरक्षा चूक मामले में नीलम आजाद को मिली जमानत:18 महीने बाद आई जेल से बाहर, शर्तें लगाई, हरियाणा नहीं आ पाएगी

संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार की गई जींद के घासो गांव की नीलम आजाद को करीब 18 महीने बाद जमानत मिली है। नीलम आजाद और उसके एक साथी को शर्तों के साथ 50 हजार के मुचलके पर जमानत पर रिहा किया गया है। इस दौरान वह दिल्ली नहीं छोड़ेगी। मीडिया को इंटरव्यू नहीं देगी और सोशल मीडिया पर किसी तरह की पोस्ट नहीं करेगी। हरियाणा भी नहीं आ सकेगी। इस दौरान नीलम आजाद को दिल्ली में ही रहना होगा और सप्ताह में दो दिन संबंधित पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगानी होगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत दी है। इससे पहले उनकी जमानत याचिकाएं ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थीं। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने जमानत आदेश के तहत सख्त शर्तें लगाई हैं। आरोपियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने, मीडिया को इंटरव्यू देने या घटना के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर रोक लगाई गई है। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने दोनों व्यक्तियों को प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह 10 बजे संबंधित पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। साथ ही, उनके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।

Jul 2, 2025 - 14:04
 0
संसद सुरक्षा चूक मामले में नीलम आजाद को मिली जमानत:18 महीने बाद आई जेल से बाहर, शर्तें लगाई, हरियाणा नहीं आ पाएगी
संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार की गई जींद के घासो गांव की नीलम आजाद को करीब 18 महीने बाद जमानत मिली है। नीलम आजाद और उसके एक साथी को शर्तों के साथ 50 हजार के मुचलके पर जमानत पर रिहा किया गया है। इस दौरान वह दिल्ली नहीं छोड़ेगी। मीडिया को इंटरव्यू नहीं देगी और सोशल मीडिया पर किसी तरह की पोस्ट नहीं करेगी। हरियाणा भी नहीं आ सकेगी। इस दौरान नीलम आजाद को दिल्ली में ही रहना होगा और सप्ताह में दो दिन संबंधित पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगानी होगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत दी है। इससे पहले उनकी जमानत याचिकाएं ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थीं। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने जमानत आदेश के तहत सख्त शर्तें लगाई हैं। आरोपियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने, मीडिया को इंटरव्यू देने या घटना के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर रोक लगाई गई है। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने दोनों व्यक्तियों को प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह 10 बजे संबंधित पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। साथ ही, उनके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।