कुशीनगर में 4 कैनसेट रॉकेट का सफल प्रक्षेपण:इसरो की रॉकेट्री प्रतियोगिता के पहले दिन छात्र वैज्ञानिकों ने किया प्रदर्शन

कुशीनगर के सेवरही विकासखंड के रकबा जंगली पट्टी गांव में चार दिवसीय रॉकेट्री और कैनसेट लॉन्च प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। प्रतियोगिता के पहले दिन चार कैनसेट रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया गया। ये रॉकेट आसमान में ऊपर उठे और पैराशूट की मदद से सुरक्षित धरती पर लौट आए। इसरो (ISRO) और इन-स्पेस के निर्देशन में आयोजित यह प्रतियोगिता 27 से 30 अक्टूबर तक चलेगी। पहले दिन सुबह 9 बजे इसरो इन-स्पेस के निदेशक डॉ. विनोद कुमार और वरिष्ठ वैज्ञानिकों की देखरेख में कार्यक्रम शुरू हुआ। तकनीकी कारणों से निर्धारित समय से दो घंटे की देरी के बाद सुबह 9:30 बजे पहला रॉकेट प्रक्षेपित किया गया। पहले कैनसेट ने लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई हासिल की और सुरक्षित रूप से नीचे उतरा। इसके बाद दूसरा कैनसेट 600 मीटर, तीसरा 800 मीटर और चौथा 900 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचा। चारों रॉकेटों के सफल परीक्षण पर वैज्ञानिकों और आयोजकों ने एक-दूसरे को बधाई दी। इस अवसर पर इसरो इन-स्पेस निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब एक साथ चार कैनसेट का सफल परीक्षण हुआ है। उन्होंने इसे छात्र वैज्ञानिकों की प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण बताया। डॉ. कुमार ने यह भी जानकारी दी कि यह प्रतियोगिता एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) द्वारा इसरो, इन-स्पेस और एनएसआईएल के सहयोग से आयोजित की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी के प्रति रुचि बढ़ाना है। प्रतियोगिता में शेष छह रॉकेटों का प्रक्षेपण तकनीकी कारणों और प्रतिभागी टीमों की तैयारी के चलते आगामी सत्र में किया जाएगा। इस आयोजन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से आए युवा वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया, जिनमें केरल के श्रीनाथन, मुरली, अश्विन, आदित्य, किरनाथना और वेंकटेश प्रमुख थे।

Oct 27, 2025 - 18:59
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कुशीनगर में 4 कैनसेट रॉकेट का सफल प्रक्षेपण:इसरो की रॉकेट्री प्रतियोगिता के पहले दिन छात्र वैज्ञानिकों ने किया प्रदर्शन
कुशीनगर के सेवरही विकासखंड के रकबा जंगली पट्टी गांव में चार दिवसीय रॉकेट्री और कैनसेट लॉन्च प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। प्रतियोगिता के पहले दिन चार कैनसेट रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया गया। ये रॉकेट आसमान में ऊपर उठे और पैराशूट की मदद से सुरक्षित धरती पर लौट आए। इसरो (ISRO) और इन-स्पेस के निर्देशन में आयोजित यह प्रतियोगिता 27 से 30 अक्टूबर तक चलेगी। पहले दिन सुबह 9 बजे इसरो इन-स्पेस के निदेशक डॉ. विनोद कुमार और वरिष्ठ वैज्ञानिकों की देखरेख में कार्यक्रम शुरू हुआ। तकनीकी कारणों से निर्धारित समय से दो घंटे की देरी के बाद सुबह 9:30 बजे पहला रॉकेट प्रक्षेपित किया गया। पहले कैनसेट ने लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई हासिल की और सुरक्षित रूप से नीचे उतरा। इसके बाद दूसरा कैनसेट 600 मीटर, तीसरा 800 मीटर और चौथा 900 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचा। चारों रॉकेटों के सफल परीक्षण पर वैज्ञानिकों और आयोजकों ने एक-दूसरे को बधाई दी। इस अवसर पर इसरो इन-स्पेस निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब एक साथ चार कैनसेट का सफल परीक्षण हुआ है। उन्होंने इसे छात्र वैज्ञानिकों की प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण बताया। डॉ. कुमार ने यह भी जानकारी दी कि यह प्रतियोगिता एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) द्वारा इसरो, इन-स्पेस और एनएसआईएल के सहयोग से आयोजित की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी के प्रति रुचि बढ़ाना है। प्रतियोगिता में शेष छह रॉकेटों का प्रक्षेपण तकनीकी कारणों और प्रतिभागी टीमों की तैयारी के चलते आगामी सत्र में किया जाएगा। इस आयोजन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से आए युवा वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया, जिनमें केरल के श्रीनाथन, मुरली, अश्विन, आदित्य, किरनाथना और वेंकटेश प्रमुख थे।