आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियों की भर्ती के लिए परीक्षा में अहम बदलाव किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, APPSC की योजना के हिसाब से प्रारंभिक परीक्षा तभी आयोजित होगी, जब अधिसूचित पदों की संख्या से प्राप्त आवेदनों की संख्या 200 गुना अधिक हो। जैसे उदाहरण के तौर पर अगर 100 पदों के लिए अधिसूचना जारी की जाती है, तो प्रीलिम्स परीक्षा तब ही आयोजित होगी, जब आवेदन 20,000 से अधिक प्राप्त होंगे। वरना आयोग सीधे एकल-चरणीय भर्ती प्रक्रिया या मुख्य परीक्षा आयोजित कर सकता है।
आपको बता दें कि वर्तमान समय में रिक्तियों की संख्या की परवाह किए बिना APPSC आवेदनों की संख्या 25,000 से ज्यादा होने पर प्रीलिम्स और मुख्य दोनों परीक्षाएं आयोजित करता है। लेकिन आयोग का मानना है कि इससे समय की बर्बादी और अनावश्यक व्यय होता है। इसलिए अब आयोग ने राज्य सरकार के सामने इस नई प्रणाली का प्रस्ताव रखा है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो APPSC कई भर्तियों की जगह सिर्फ एक परीक्षा के साथ आयोजित होगी।
आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग भारतीय संविधान के आर्टिकल 315 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। आंध्र प्रदेश राज्य में विभिन्न सिविल सेवाओं और सरकारी पदों पर यह भर्ती के लिए उत्तरदायी है।
प्रमुख भूमिका और ज़िम्मेदारियां
विभिन्न सरकारी नौकरियों के एग्जाम्स के लिए दिशानिर्देश और पाठ्यक्रम तैयार करना है।
भर्ती के नियमों, पदोन्नति, स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्रवाई से संबंधित मामले पर राज्य सरकार को सलाह देना।
राज्य सेवाओं में भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं, इंटरव्यू और विभागीय परीक्षाएं आयोजित करना है।
समूह-I, समूह-II, समूह-III और समूह-IV सेवाओं के अलावा अन्य तकनीकी और गैर तकनीकी पदों के लिए अधिसूचनाएं जारी करना आदि।