शिक्षकों ने कॉलेज के सचिव का फूंका पुतला:नालंदा में टीचर बोले- 38 साल से करप्शन, सैलरी के लिए होते अपमानित
बिहारशरीफ पैरू महतो सोमरी महाविद्यालय, पहाड़पुरा के शिक्षकेतर कर्मचारियों ने बुधवार को एक प्रदर्शन किया है। शिक्षकों और कर्मचारियों ने महाविद्यालय के सचिव के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला। संस्थान के शैक्षणिक समुदाय ने एकजुट होकर अपना विरोध प्रदर्शित किया। साथ ही पुतला दहन किया है। प्रदर्शन की शुरुआत श्रम कल्याण मैदान से हुई, जहां सैकड़ों की संख्या में शिक्षक, कर्मचारी और उनके समर्थक एकत्रित हुए। जुलूस में शामिल प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए मोगलकुंआ से होते हुए अस्पताल चौराहे तक पहुंचे, जहां सचिव का पुतला जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया। 38 साल के कुशासन का आरोप अंग्रेजी विभाग के एचओडी डॉ. प्रो. बलराम प्रसाद ने कहा कि सचिव पिछले 38 सालों से महाविद्यालय में लूट, शोषण, तानाशाही और मनमानी कर रहे हैं। शिक्षकों और कर्मचारियों के अनुसार, महाविद्यालय की सालाना आय लगभग दो करोड़ रुपए है, लेकिन सचिव इस राशि का दुरुपयोग करते हुए अपने और अपने परिवार के लिए भारी धन उगाही करते हैं। हमें अपना वेतन लेने के लिए बार-बार अपमानित होना पड़ता है। गाली-गलौज सहनी पड़ती है और राशि वितरण में भी भेदभाव किया जाता है। संस्थान को निजी संपत्ति बनाने का आरोप शिक्षकों का आरोप है कि सचिव ने कॉलेज को अपनी निजी संपत्ति बना लिया है। कॉलेज कोष से गबन, अनुदान की राशि में कमीशनखोरी, और 'फूट डालो-राज करो' की नीति अपनाकर उन्होंने संस्थान को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। एक शिक्षक ने बताया कि सचिव की शिकायत कई बार विभिन्न सक्षम पदाधिकारियों से की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे, शिक्षकों और कर्मचारियों को चुप कराने के लिए सचिव ने उन पर झूठे मुकदमे कर दिए हैं और बाहर करने की नोटिस भेजी है। कानूनी धमकी और हर्जाने की मांग स्थिति की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि कुछ शिक्षकों को 10-10 लाख रुपए का हर्जाना भरने का वकीलनामा नोटिस तक थमाया गया है। यह कदम शिक्षकों को डराने और उनकी आवाज दबाने के लिए उठाया गया माना जा रहा है। फर्जी तरीके से खोला देवशरण महिला कॉलेज कॉलेज के शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सचिव राजेन्द्र प्रसाद ने फर्जी तरीके से अपने पिता के नाम देवशरण महिला कॉलेज खोल रखा है। जिसमे कार्यरत कर्मियों का भी शोषण हो रहा है। कड़ी चेतावनी और आगे की रणनीति कॉलेज कर्मियों ने एक स्वर में चेतावनी दी है कि यदि सचिव ने अविलंब इस्तीफा नहीं दिया, तो यह आंदोलन और भी व्यापक और उग्र रूप लेगा। सभी शिक्षक और कर्मचारी इस निर्णय पर अडिग हैं कि जब तक सचिव को पद से हटाया नहीं जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
बिहारशरीफ पैरू महतो सोमरी महाविद्यालय, पहाड़पुरा के शिक्षकेतर कर्मचारियों ने बुधवार को एक प्रदर्शन किया है। शिक्षकों और कर्मचारियों ने महाविद्यालय के सचिव के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला। संस्थान के शैक्षणिक समुदाय ने एकजुट होकर अपना विरोध प्रदर्शित किया। साथ ही पुतला दहन किया है। प्रदर्शन की शुरुआत श्रम कल्याण मैदान से हुई, जहां सैकड़ों की संख्या में शिक्षक, कर्मचारी और उनके समर्थक एकत्रित हुए। जुलूस में शामिल प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए मोगलकुंआ से होते हुए अस्पताल चौराहे तक पहुंचे, जहां सचिव का पुतला जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया। 38 साल के कुशासन का आरोप अंग्रेजी विभाग के एचओडी डॉ. प्रो. बलराम प्रसाद ने कहा कि सचिव पिछले 38 सालों से महाविद्यालय में लूट, शोषण, तानाशाही और मनमानी कर रहे हैं। शिक्षकों और कर्मचारियों के अनुसार, महाविद्यालय की सालाना आय लगभग दो करोड़ रुपए है, लेकिन सचिव इस राशि का दुरुपयोग करते हुए अपने और अपने परिवार के लिए भारी धन उगाही करते हैं। हमें अपना वेतन लेने के लिए बार-बार अपमानित होना पड़ता है। गाली-गलौज सहनी पड़ती है और राशि वितरण में भी भेदभाव किया जाता है। संस्थान को निजी संपत्ति बनाने का आरोप शिक्षकों का आरोप है कि सचिव ने कॉलेज को अपनी निजी संपत्ति बना लिया है। कॉलेज कोष से गबन, अनुदान की राशि में कमीशनखोरी, और 'फूट डालो-राज करो' की नीति अपनाकर उन्होंने संस्थान को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। एक शिक्षक ने बताया कि सचिव की शिकायत कई बार विभिन्न सक्षम पदाधिकारियों से की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे, शिक्षकों और कर्मचारियों को चुप कराने के लिए सचिव ने उन पर झूठे मुकदमे कर दिए हैं और बाहर करने की नोटिस भेजी है। कानूनी धमकी और हर्जाने की मांग स्थिति की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि कुछ शिक्षकों को 10-10 लाख रुपए का हर्जाना भरने का वकीलनामा नोटिस तक थमाया गया है। यह कदम शिक्षकों को डराने और उनकी आवाज दबाने के लिए उठाया गया माना जा रहा है। फर्जी तरीके से खोला देवशरण महिला कॉलेज कॉलेज के शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सचिव राजेन्द्र प्रसाद ने फर्जी तरीके से अपने पिता के नाम देवशरण महिला कॉलेज खोल रखा है। जिसमे कार्यरत कर्मियों का भी शोषण हो रहा है। कड़ी चेतावनी और आगे की रणनीति कॉलेज कर्मियों ने एक स्वर में चेतावनी दी है कि यदि सचिव ने अविलंब इस्तीफा नहीं दिया, तो यह आंदोलन और भी व्यापक और उग्र रूप लेगा। सभी शिक्षक और कर्मचारी इस निर्णय पर अडिग हैं कि जब तक सचिव को पद से हटाया नहीं जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।