बाढ़, सुखाड़, गर्मी, आग से बचाव की तैयारी शुरू:आपदा प्रबंधन को लेकर हुई बैठक; राहत शिविर, सामुदायिक रसोई के लिए स्थान चिह्नित करने का निर्देश

भीमराव अंबेडकर सभागार में मंगलवार को आपदा प्रबंधन को लेकर अहम बैठक हुई। अध्यक्षता अपर समाहर्ता सलीम अख्तर ने की। बैठक में बाढ़, सुखाड़, भीषण गर्मी और अग्निकांड से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की गई। सभी विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। अपने-अपने विभागों की तैयारियों की जानकारी दी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आदित्य कुमार ने बताया कि जिले में 18 चापाकल मरम्मति दल काम कर रहे हैं। अब तक 165 बंद चापाकल चालू किए जा चुके हैं। नए चापाकल लगाने की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अगले दो महीने में जलस्तर से प्रभावित इलाकों में चापाकल लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। 328 मेडिकल टीमों का गठन स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि विभाग के पास 23 तरह की जरूरी दवाएं और 13 लाख 84 हजार 243 ओआरएस पैकेट उपलब्ध हैं। इन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में जल्द बांटा जाएगा। 328 मेडिकल टीमों का गठन हो चुका है। हीट वेव को देखते हुए सभी अस्पतालों में एक-एक आइसोलेशन वार्ड आरक्षित करने का निर्देश दिया गया है। कृषि पदाधिकारी को निर्देश मिला कि संभावित आपदा को ध्यान में रखते हुए ऑप्शनल फसलों की पहचान पहले से कर लें। ताकि किसानों को राहत दी जा सके। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए खुले और लटके तारों को दुरुस्त किया जा रहा है। ग्रामीण, शहरी और कृषि फीडर में औसतन 22 घंटे बिजली दी जा रही है। राहत शिविर व सामुदायिक रसोई के लिए स्थान चिह्नित करने का निर्देश सभी अंचलाधिकारी और नगर निकायों के कार्यपालक अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में प्याऊ की व्यवस्था करने को कहा गया है। जनप्रतिनिधियों और हितधारकों के साथ बैठक कर लोगों को जागरूक करने का निर्देश भी दिया गया है। संभावित बाढ़ को देखते हुए सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में संसाधनों का आकलन करने, ऊंचे शरण स्थलों की पहचान करने और राहत शिविर व सामुदायिक रसोई के लिए स्थान चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है। पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग को जलकुंभी की सफाई जल्द कराने को कहा गया है। ताकि जलजमाव की स्थिति से निपटा जा सके। बैठक के अंत में बताया गया कि 14 से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान माइकिंग, नुक्कड़ नाटक, मॉक ड्रिल और अन्य माध्यमों से लोगों को आग से बचाव के उपाय बताए जाएंगे। सभी पदाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया है।

Apr 7, 2025 - 20:32
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बाढ़, सुखाड़, गर्मी, आग से बचाव की तैयारी शुरू:आपदा प्रबंधन को लेकर हुई बैठक; राहत शिविर, सामुदायिक रसोई के लिए स्थान चिह्नित करने का निर्देश
भीमराव अंबेडकर सभागार में मंगलवार को आपदा प्रबंधन को लेकर अहम बैठक हुई। अध्यक्षता अपर समाहर्ता सलीम अख्तर ने की। बैठक में बाढ़, सुखाड़, भीषण गर्मी और अग्निकांड से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की गई। सभी विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। अपने-अपने विभागों की तैयारियों की जानकारी दी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आदित्य कुमार ने बताया कि जिले में 18 चापाकल मरम्मति दल काम कर रहे हैं। अब तक 165 बंद चापाकल चालू किए जा चुके हैं। नए चापाकल लगाने की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अगले दो महीने में जलस्तर से प्रभावित इलाकों में चापाकल लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। 328 मेडिकल टीमों का गठन स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि विभाग के पास 23 तरह की जरूरी दवाएं और 13 लाख 84 हजार 243 ओआरएस पैकेट उपलब्ध हैं। इन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में जल्द बांटा जाएगा। 328 मेडिकल टीमों का गठन हो चुका है। हीट वेव को देखते हुए सभी अस्पतालों में एक-एक आइसोलेशन वार्ड आरक्षित करने का निर्देश दिया गया है। कृषि पदाधिकारी को निर्देश मिला कि संभावित आपदा को ध्यान में रखते हुए ऑप्शनल फसलों की पहचान पहले से कर लें। ताकि किसानों को राहत दी जा सके। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए खुले और लटके तारों को दुरुस्त किया जा रहा है। ग्रामीण, शहरी और कृषि फीडर में औसतन 22 घंटे बिजली दी जा रही है। राहत शिविर व सामुदायिक रसोई के लिए स्थान चिह्नित करने का निर्देश सभी अंचलाधिकारी और नगर निकायों के कार्यपालक अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में प्याऊ की व्यवस्था करने को कहा गया है। जनप्रतिनिधियों और हितधारकों के साथ बैठक कर लोगों को जागरूक करने का निर्देश भी दिया गया है। संभावित बाढ़ को देखते हुए सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में संसाधनों का आकलन करने, ऊंचे शरण स्थलों की पहचान करने और राहत शिविर व सामुदायिक रसोई के लिए स्थान चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है। पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग को जलकुंभी की सफाई जल्द कराने को कहा गया है। ताकि जलजमाव की स्थिति से निपटा जा सके। बैठक के अंत में बताया गया कि 14 से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान माइकिंग, नुक्कड़ नाटक, मॉक ड्रिल और अन्य माध्यमों से लोगों को आग से बचाव के उपाय बताए जाएंगे। सभी पदाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया है।