काशी विश्वनाथ मंदिर में मनाया गया शनि जयंती:न्यास द्वारा किया गया विशेष पूजा,शनि चालीसा पाठ का हुआ आयोजन, हजारों भक्तों ने किया दर्शन पूजन

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा शनि जयंती पर विशेष धार्मिक आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर परिसर में विराजमान न्याय के देवता शनि महाराज की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। इस भव्य और श्रद्धा से परिपूर्ण आयोजन में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, मंदिर न्यास के पदाधिकारियों और भारी संख्या में श्रद्धालुजनों ने भाग लिया। शनि जयंती का महत्व हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, शनि देव सूर्य और छाया के पुत्र हैं तथा नवग्रहों में विशेष स्थान रखते हैं। वे कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता माने जाते हैं। शनि जयंती पर पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाली बाधाओं, कष्टों, दुर्भाग्य और पापों से मुक्ति मिलती है। इसी विशेष उद्देश्य से श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं, शनि मंत्रों का जाप करते हैं और शनि देव की पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर में हुआ विशेष अनुष्ठान काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। प्रातःकाल शुद्धिकरण और पंचामृत स्नान के उपरांत शनि देव की विशेष आरती और पूजन संपन्न हुआ। वैदिक ब्राह्मणों द्वारा वेदमंत्रों के उच्चारण के साथ पूजा प्रक्रिया आरंभ हुई। पूजा में विशेष रूप से तेल, नीले फूल, काले तिल, और उड़द की दाल का उपयोग किया गया — जो शनि देव को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं। इस आयोजन में विधायक नीलकंठ तिवारी भी शामिल हुए। शनि चालीसा पाठ का हुआ आयोजन, भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने कहा-शनि जयंती के शुभ अवसर पर मंदिर परिसर में विधिवत पूजा का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं के लिए दर्शन, पूजा और प्रसाद वितरण की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। शनि जयंती के अवसर पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कई भक्तों ने व्रत रखा और पूरे दिन शनि देव के मंत्रों का जाप करते हुए उनका स्मरण किया। मंदिर प्रशासन द्वारा भक्तों के लिए लाइन में दर्शन, जलपान व्यवस्था और प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई थी, जिससे सभी श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ पूजा में सम्मिलित हो सके। पूरे दिन मंदिर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें शनि चालीसा पाठ, भजन-कीर्तन, दीप प्रज्वलन, और हवन-यज्ञ शामिल रहे। सायंकाल भव्य आरती के साथ आयोजन का समापन हुआ, जिसमें भक्तों ने दीप जलाकर शनि देव से अपने जीवन में शांति, समृद्धि और संतुलन की कामना की।

May 27, 2025 - 19:07
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काशी विश्वनाथ मंदिर में मनाया गया शनि जयंती:न्यास द्वारा किया गया विशेष पूजा,शनि चालीसा पाठ का हुआ आयोजन, हजारों भक्तों ने किया दर्शन पूजन
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा शनि जयंती पर विशेष धार्मिक आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर परिसर में विराजमान न्याय के देवता शनि महाराज की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। इस भव्य और श्रद्धा से परिपूर्ण आयोजन में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, मंदिर न्यास के पदाधिकारियों और भारी संख्या में श्रद्धालुजनों ने भाग लिया। शनि जयंती का महत्व हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, शनि देव सूर्य और छाया के पुत्र हैं तथा नवग्रहों में विशेष स्थान रखते हैं। वे कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता माने जाते हैं। शनि जयंती पर पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाली बाधाओं, कष्टों, दुर्भाग्य और पापों से मुक्ति मिलती है। इसी विशेष उद्देश्य से श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं, शनि मंत्रों का जाप करते हैं और शनि देव की पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर में हुआ विशेष अनुष्ठान काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। प्रातःकाल शुद्धिकरण और पंचामृत स्नान के उपरांत शनि देव की विशेष आरती और पूजन संपन्न हुआ। वैदिक ब्राह्मणों द्वारा वेदमंत्रों के उच्चारण के साथ पूजा प्रक्रिया आरंभ हुई। पूजा में विशेष रूप से तेल, नीले फूल, काले तिल, और उड़द की दाल का उपयोग किया गया — जो शनि देव को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं। इस आयोजन में विधायक नीलकंठ तिवारी भी शामिल हुए। शनि चालीसा पाठ का हुआ आयोजन, भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने कहा-शनि जयंती के शुभ अवसर पर मंदिर परिसर में विधिवत पूजा का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं के लिए दर्शन, पूजा और प्रसाद वितरण की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। शनि जयंती के अवसर पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कई भक्तों ने व्रत रखा और पूरे दिन शनि देव के मंत्रों का जाप करते हुए उनका स्मरण किया। मंदिर प्रशासन द्वारा भक्तों के लिए लाइन में दर्शन, जलपान व्यवस्था और प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई थी, जिससे सभी श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ पूजा में सम्मिलित हो सके। पूरे दिन मंदिर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें शनि चालीसा पाठ, भजन-कीर्तन, दीप प्रज्वलन, और हवन-यज्ञ शामिल रहे। सायंकाल भव्य आरती के साथ आयोजन का समापन हुआ, जिसमें भक्तों ने दीप जलाकर शनि देव से अपने जीवन में शांति, समृद्धि और संतुलन की कामना की।