सहरसा में अगस्त में 74.84% बारिश:पिछले साल से बेहतर हालात, किसानों को धान की फसल बचाने की सलाह
सहरसा में इस साल मानसून की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रही है। कृषि अनुसंधान संस्थान अगवानपुर के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. रामानंद पटेल ने बताया कि अब तक जून से अगस्त तक औसत से कम, लेकिन पिछले साल से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सामान्य से कम बारिश, लेकिन पिछले साल से बेहतर उन्होंने बताया कि जून 2025 में 33.1 मिमी (17.49%), जुलाई में 220.7 मिमी (65.27%) और अगस्त में 21 तारीख तक 236.5 मिमी (74.84%) बारिश हुई है। जबकि, सामान्य तौर पर जून में 189.2 मिमी, जुलाई में 338.1 मिमी और अगस्त में 316.0 मिमी बारिश का औसत है। पिछले वर्ष 2024 में जून में 91.0 मिमी, जुलाई में 184.0 मिमी और अगस्त में 300.8 मिमी वर्षा हुई थी। इस हिसाब से इस साल बारिश की स्थिति सुधरी है। किसानों को दिए महत्वपूर्ण सुझाव डॉ. पटेल ने किसानों से खेतों में धान की फसल को बचाने के लिए जलजमाव बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि बारिश कम होने पर पंपसेट से सिंचाई करें। सुबह 10 बजे से शाम तक खेत में अधिक देर तक पानी न रखें। धूप में पानी गर्म होने से फसल को नुकसान होता है। इसलिए पुराना पानी निकालकर शाम के समय सिंचाई करना ज्यादा फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि इन उपायों को अपनाकर किसान धान की अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
Aug 22, 2025 - 09:16
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सहरसा में इस साल मानसून की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रही है। कृषि अनुसंधान संस्थान अगवानपुर के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. रामानंद पटेल ने बताया कि अब तक जून से अगस्त तक औसत से कम, लेकिन पिछले साल से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सामान्य से कम बारिश, लेकिन पिछले साल से बेहतर उन्होंने बताया कि जून 2025 में 33.1 मिमी (17.49%), जुलाई में 220.7 मिमी (65.27%) और अगस्त में 21 तारीख तक 236.5 मिमी (74.84%) बारिश हुई है। जबकि, सामान्य तौर पर जून में 189.2 मिमी, जुलाई में 338.1 मिमी और अगस्त में 316.0 मिमी बारिश का औसत है। पिछले वर्ष 2024 में जून में 91.0 मिमी, जुलाई में 184.0 मिमी और अगस्त में 300.8 मिमी वर्षा हुई थी। इस हिसाब से इस साल बारिश की स्थिति सुधरी है। किसानों को दिए महत्वपूर्ण सुझाव डॉ. पटेल ने किसानों से खेतों में धान की फसल को बचाने के लिए जलजमाव बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि बारिश कम होने पर पंपसेट से सिंचाई करें। सुबह 10 बजे से शाम तक खेत में अधिक देर तक पानी न रखें। धूप में पानी गर्म होने से फसल को नुकसान होता है। इसलिए पुराना पानी निकालकर शाम के समय सिंचाई करना ज्यादा फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि इन उपायों को अपनाकर किसान धान की अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
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