लखनऊ में बर्खास्त राजकीय शिक्षकों पर FIR दर्ज:फर्जी दस्तावेज से 9 साल पहले पाई थी नौकरी, 20 अगस्त को किया गया था बर्खास्त
लखनऊ में फर्जी अंकपत्र, प्रमाणपत्र के आधार पर 9 वर्ष से नौकरी कर रहे राजकीय इंटर कॉलेज के बर्खास्त दो शिक्षकों के खिलाफ सोमवार को FIR दर्ज हुई है। इनके वेतन-भत्तों की वसूली की जाएगी। यह दोनों शिक्षक एक वर्ष पहले आजमगढ़ से लखनऊ तबादले में आए थे। DIOS की तहरीर पर पुलिस ने सैरपुर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के गणित विज्ञान के शिक्षक राज रतन वर्मा और बेहटा स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में अंग्रेजी की शिक्षिका रोहिणी शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने 20 अगस्त को इन दोनों शिक्षकों समेत प्रदेश के 22 शिक्षकों की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया था। 21 अप्रैल 2014 को निकले विज्ञापन के आधार पर 2016 में आजमगढ़ मंडल में सहायक अध्यापक (पुरुष-महिला) के रिक्त पदों पर स्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक एवं प्रशिक्षण अर्हता के आधार पर तैयार गुणांक के मेरिट के आधार पर इनका चयन हुआ था। शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन और जांच 22 अभ्यर्थियों के अंकपत्र, प्रमाणपत्र कूटरचित एवं फर्जी पाए गए। वेतन वसूली के दिए निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर इन सभी से वेतन-भत्तों की वसूली करने के साथ ही FIR दर्ज कराने के आदेश दिए थे। DIOS राकेश कुमार ने बताया कि सोमवार को बर्खास्त शिक्षक राज रतन वर्मा के खिलाफ सैरपुर थाने में रोहिणी शर्मा के खिलाफ गुडंबा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
