जीवित होने के सबूत लेकर मृत व्यक्ति पहुंचा निर्वाचन आयोग:आरा के मंटू बोले- BLO को फॉर्म देने बोला है, तभी नाम जुड़ने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी

बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी के मामले थम नहीं रहे। एसएआर की नई ड्राफ्ट सूची में आरा के रहने वाले मंटू पासवान को मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि वे जीवित हैं और पूरी तरह स्वस्थ भी। आज मंटू पासवान अपने कागजात के साथ निर्वाचन आयोग पहुंचा और अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए फॉर्म 6 भरकर दिया। आयोग ने BLO को फॉर्म जमा करने का दिया सलाह फॉर्म 6 भरकर निर्वाचन आयोग पहुंचे मंटू पासवान ने बताया कि हाल ही में जब उन्होंने अपना नाम वोटर लिस्ट में खोजा, तो पाया कि उनका नाम गायब है। उन्होंने BLO से संपर्क किया, तब उन्हें जानकारी मिली कि उन्हें आधिकारिक रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान भी मंटू पासवान मौजूद रहे थे। उन्होंने बताया, मैं जिंदा हूं, फिर भी वोटर लिस्ट में मेरा नाम हटा दिया गया और मुझे मरा हुआ बता दिया गया। यह किसी की बड़ी लापरवाही है। आज निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने उन्हें सलाह दी कि वे अपने मूल निवास क्षेत्र के BLO को ही यह फॉर्म जमा करें, जहां से प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। मंटू पासवान ने कहा कि वे अब वापस आरा जाकर इस प्रक्रिया को पूरी करेंगे, लेकिन सवाल यह है कि जिन लोगों के पास इतनी जागरूकता या साधन नहीं हैं उनका क्या होगा। SIR पर उठ रहा है सवाल हाल के महीनों में बिहार के कई जिलों से मतदाता सूची में नाम कटने, दो वोटर लिस्ट और मृत घोषित करने जैसी शिकायतें लगातार सामने आई हैं। विपक्ष ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं जबकि आयोग का कहना है कि आपत्तियों और सुधारों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि इससे बड़ी संख्या में मतदाताओं के अधिकार प्रभावित होने की बात कही जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई और इन घटनाओं के बीच संबंध इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बना रहा है।

Aug 14, 2025 - 17:25
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जीवित होने के सबूत लेकर मृत व्यक्ति पहुंचा निर्वाचन आयोग:आरा के मंटू बोले- BLO को फॉर्म देने बोला है, तभी नाम जुड़ने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी
बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी के मामले थम नहीं रहे। एसएआर की नई ड्राफ्ट सूची में आरा के रहने वाले मंटू पासवान को मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि वे जीवित हैं और पूरी तरह स्वस्थ भी। आज मंटू पासवान अपने कागजात के साथ निर्वाचन आयोग पहुंचा और अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए फॉर्म 6 भरकर दिया। आयोग ने BLO को फॉर्म जमा करने का दिया सलाह फॉर्म 6 भरकर निर्वाचन आयोग पहुंचे मंटू पासवान ने बताया कि हाल ही में जब उन्होंने अपना नाम वोटर लिस्ट में खोजा, तो पाया कि उनका नाम गायब है। उन्होंने BLO से संपर्क किया, तब उन्हें जानकारी मिली कि उन्हें आधिकारिक रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान भी मंटू पासवान मौजूद रहे थे। उन्होंने बताया, मैं जिंदा हूं, फिर भी वोटर लिस्ट में मेरा नाम हटा दिया गया और मुझे मरा हुआ बता दिया गया। यह किसी की बड़ी लापरवाही है। आज निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने उन्हें सलाह दी कि वे अपने मूल निवास क्षेत्र के BLO को ही यह फॉर्म जमा करें, जहां से प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। मंटू पासवान ने कहा कि वे अब वापस आरा जाकर इस प्रक्रिया को पूरी करेंगे, लेकिन सवाल यह है कि जिन लोगों के पास इतनी जागरूकता या साधन नहीं हैं उनका क्या होगा। SIR पर उठ रहा है सवाल हाल के महीनों में बिहार के कई जिलों से मतदाता सूची में नाम कटने, दो वोटर लिस्ट और मृत घोषित करने जैसी शिकायतें लगातार सामने आई हैं। विपक्ष ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं जबकि आयोग का कहना है कि आपत्तियों और सुधारों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि इससे बड़ी संख्या में मतदाताओं के अधिकार प्रभावित होने की बात कही जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई और इन घटनाओं के बीच संबंध इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बना रहा है।