SIR पर आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई:65 लाख से अधिक नाम हटाने को लेकर होगी चर्चा, आपत्ति होने पर फॉर्म-6 के जरिए कर सकते दावा
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख से अधिक नामों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय में अनुपालन हलफनामा दाखिल करते हुए बताया है कि कोर्ट के 14 अगस्त के आदेश के अनुसार हटाए गए सभी नामों की बूथवार सूची जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई है। आयोग ने अपने हलफनामे में कहा है कि बिहार के सभी 38 जिलों में सूची ऑनलाइन उपलब्ध है और जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनके हटाए जाने का कारण भी स्पष्ट किया गया है। मृत्यु, स्थानांतरण और डुप्लीकेट प्रविष्टियां मुख्य कारण बताए गए हैं। साथ ही, यह स्पष्ट किया गया है कि जिन लोगों का नाम हटाया गया है, वे अपने आधार कार्ड की प्रति संलग्न कर फॉर्म-6 के जरिए दावा दाखिल कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और आयोग की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कहा था कि मृतक, दो जगहों पर रहने वाले और स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की सूची के साथ-साथ हटाए गए मतदाताओं की पूरी जानकारी ड्राफ्ट रोल में डाली जानी चाहिए। आयोग ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम बिना सूचना और सुनवाई का अवसर दिए नहीं हटाया जाएगा। 1 सितंबर तक दावा और आपत्तियां कर सकते हैं दर्ज विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा हो चुका है। 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची जारी कर दी गई है। इस दौरान बूथ स्तर अधिकारियों ने घर-घर जाकर नामों का सत्यापन किया। कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने अपने नाम की पुष्टि कर आवश्यक फॉर्म जमा किया। ड्राफ्ट सूची पर दावा और आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 1 सितंबर 2025 तय की गई है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। सभी जगहों पर विशेष कैंप भी लगाया गया है जहां पर लोग जाकर अपना फॉर्म भर सकते है।
Aug 22, 2025 - 09:16
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बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख से अधिक नामों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय में अनुपालन हलफनामा दाखिल करते हुए बताया है कि कोर्ट के 14 अगस्त के आदेश के अनुसार हटाए गए सभी नामों की बूथवार सूची जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई है। आयोग ने अपने हलफनामे में कहा है कि बिहार के सभी 38 जिलों में सूची ऑनलाइन उपलब्ध है और जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनके हटाए जाने का कारण भी स्पष्ट किया गया है। मृत्यु, स्थानांतरण और डुप्लीकेट प्रविष्टियां मुख्य कारण बताए गए हैं। साथ ही, यह स्पष्ट किया गया है कि जिन लोगों का नाम हटाया गया है, वे अपने आधार कार्ड की प्रति संलग्न कर फॉर्म-6 के जरिए दावा दाखिल कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और आयोग की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कहा था कि मृतक, दो जगहों पर रहने वाले और स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की सूची के साथ-साथ हटाए गए मतदाताओं की पूरी जानकारी ड्राफ्ट रोल में डाली जानी चाहिए। आयोग ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम बिना सूचना और सुनवाई का अवसर दिए नहीं हटाया जाएगा। 1 सितंबर तक दावा और आपत्तियां कर सकते हैं दर्ज विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा हो चुका है। 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची जारी कर दी गई है। इस दौरान बूथ स्तर अधिकारियों ने घर-घर जाकर नामों का सत्यापन किया। कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने अपने नाम की पुष्टि कर आवश्यक फॉर्म जमा किया। ड्राफ्ट सूची पर दावा और आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 1 सितंबर 2025 तय की गई है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। सभी जगहों पर विशेष कैंप भी लगाया गया है जहां पर लोग जाकर अपना फॉर्म भर सकते है।
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