सुप्रीम कोर्ट बोला- हर थाने में CCTV जरूरी:रिकॉर्डिंग जांचने के लिए कंट्रोल रूम बनें, जिसमें इंसानी दखल कम हो; फैसला 26 सितंबर को

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे की कमी से जुड़े मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि थानों में CCTV न होने से निगरानी में मुश्किल हो रही है। कोर्ट ने राजस्थान से जुड़ी दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट पर एक्शन लेते हुए सुनवाई की। इस मामले में फैसला 26 सितंबर को आएगा। बेंच अपने आदेश में पुलिस स्टेशन और जांच एजेंसियों के दफ्तरों में CCTV कैमरे लगवाने को लेकर राज्यों और केंद्र सरकार को भी निर्देश दे सकती है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि यह मुद्दा निगरानी का है। कल को अधिकारी थाने में कैमरे बंद कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा कंट्रोल रूम चाहते हैं, जिसमें इंसानी दखल कम से कम हो। जस्टिस संदीप मेहता ने कहा- पुलिस थानों की भी प्राइवेट एजेंसी से जांच करवानी चाहिए। हम IIT's को शामिल कर ऐसी सिस्टम बनाने पर विचार कर सकते हैं। वे हमें ऐसा सॉफ्टवेयर दें, जिससे हर सीसीटीवी फीड की निगरानी की जा सके। यह निगरानी भी मानवीय न होकर, पूरी तरह से AI बेस्ड हो।" दरअसल, 4 सितंबर 2025 को दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में राजस्थान में पिछले 8 महीनों में पुलिस कस्टडी में हुई 11 मौतों का जिक्र था। उनमें से 7 सिर्फ उदयपुर डिवीजन में हुई थीं। सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश... दैनिक भास्कर की वह खबर, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका लगाने को कहा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता ने पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे काम नहीं करने के मुद्दे पर एक्शन लिया था और 4 सितंबर को दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर को आधार बनाकर जनहित याचिका दर्ज करने के निर्देश दिए थे। रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में करीब 8 महीने के दौरान पुलिस हिरासत में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी खबर पढ़ें... ---------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... सीसीटीवी कैमरे लगे लेकिन नहीं रुकी थानों में पिटाई, पुलिसकर्मी किसके साथ क्या सलूक कर रहे, फुटेज ही नहीं मिलते कटनी के जीआरपी थाने में दलित महिला और उसके 15 साल के पोते की बेरहमी से पिटाई का वीडियो 27 अगस्त को वायरल हुआ। इस वीडियो के सामने आने के बाद सवाल उठा है कि आखिर थाना प्रभारी के कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगा था तो भी पुलिसकर्मियों में इस बात का डर क्यों नहीं था कि उनकी करतूत कैमरे में कैद हो रही है? पूरी खबर पढ़ें...

Sep 15, 2025 - 19:26
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सुप्रीम कोर्ट बोला- हर थाने में CCTV जरूरी:रिकॉर्डिंग जांचने के लिए कंट्रोल रूम बनें, जिसमें इंसानी दखल कम हो; फैसला 26 सितंबर को
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे की कमी से जुड़े मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि थानों में CCTV न होने से निगरानी में मुश्किल हो रही है। कोर्ट ने राजस्थान से जुड़ी दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट पर एक्शन लेते हुए सुनवाई की। इस मामले में फैसला 26 सितंबर को आएगा। बेंच अपने आदेश में पुलिस स्टेशन और जांच एजेंसियों के दफ्तरों में CCTV कैमरे लगवाने को लेकर राज्यों और केंद्र सरकार को भी निर्देश दे सकती है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि यह मुद्दा निगरानी का है। कल को अधिकारी थाने में कैमरे बंद कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा कंट्रोल रूम चाहते हैं, जिसमें इंसानी दखल कम से कम हो। जस्टिस संदीप मेहता ने कहा- पुलिस थानों की भी प्राइवेट एजेंसी से जांच करवानी चाहिए। हम IIT's को शामिल कर ऐसी सिस्टम बनाने पर विचार कर सकते हैं। वे हमें ऐसा सॉफ्टवेयर दें, जिससे हर सीसीटीवी फीड की निगरानी की जा सके। यह निगरानी भी मानवीय न होकर, पूरी तरह से AI बेस्ड हो।" दरअसल, 4 सितंबर 2025 को दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में राजस्थान में पिछले 8 महीनों में पुलिस कस्टडी में हुई 11 मौतों का जिक्र था। उनमें से 7 सिर्फ उदयपुर डिवीजन में हुई थीं। सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश... दैनिक भास्कर की वह खबर, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका लगाने को कहा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता ने पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे काम नहीं करने के मुद्दे पर एक्शन लिया था और 4 सितंबर को दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर को आधार बनाकर जनहित याचिका दर्ज करने के निर्देश दिए थे। रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में करीब 8 महीने के दौरान पुलिस हिरासत में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी खबर पढ़ें... ---------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... सीसीटीवी कैमरे लगे लेकिन नहीं रुकी थानों में पिटाई, पुलिसकर्मी किसके साथ क्या सलूक कर रहे, फुटेज ही नहीं मिलते कटनी के जीआरपी थाने में दलित महिला और उसके 15 साल के पोते की बेरहमी से पिटाई का वीडियो 27 अगस्त को वायरल हुआ। इस वीडियो के सामने आने के बाद सवाल उठा है कि आखिर थाना प्रभारी के कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगा था तो भी पुलिसकर्मियों में इस बात का डर क्यों नहीं था कि उनकी करतूत कैमरे में कैद हो रही है? पूरी खबर पढ़ें...