भ्रष्टाचार, सत्ता के अहंकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाले Gen Z कौन हैं? जानें इस ‘डिजिटल जेनरेशन’ की पूरी A-B-C-D

कलम से जो तहरीरे लिखनी थी वो सीने पर गोलियां झेलकर लिख रहे हैं। ये नेपाल के वो युवा हैं जो खामोशी से नहीं लहू से इंकलाब लिख रहे हैं। नेपाल के युवा छाती ठोक कर फौज और सत्ता को चुनौती देते नजर आए। फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की कार्रवाई के रूप में शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन काठमांडू और पोखरा, बुटवल, भैरहवा, भरतपुर, इटाहारी और दमक सहित अन्य प्रमुख शहरों में व्यापक सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बदल गया। युवाओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाए जाने के साथ ही हिंसक होते गए। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंसू गैस, पानी की बौछारें और यहाँ तक कि गोलियां भी चलाईं। नेपाली कांग्रेस के गृह मंत्री रमेश लेखक ने  इस्तीफा दे दिया और उसके तुरंत बाद कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल ने भी इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के आवास पर भी धावा बोला और तोड़फोड़ की। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री केपी ओली दुबई जाने पर विचार कर रहे हैं। वित्त मंत्री को दौड़ा दौड़ा कर पीटने का वीडियो भी वायरल हुआ। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री के आवास को आग के हवाले कर दिया गया। बताया गया कि उस वक्त पूर्व पीएम की पत्नी घर में ही थी। इसे भी पढ़ें: Emergency In Nepal: पूर्व पीएम की पत्नी को जिंदा जलाया, पूरे नेपाल में इमरजेंसी!नेपाल में 8 सितंबर 2025 को शुरू हुए जेन जेड के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन ने देश की सियासी जमीन हिला दी है। नेपाल की सड़कों पर जो कुछ हो रहा वो सिर्फ सोशल मीडिया के खिलाफ आवाज वाला बैन नहीं है। ये भ्रष्टाचार, सत्ता के अहंकार और नेपाल में पीढ़ियों के उम्मीदों के आर्थिक दमन और तबाही के खिलाफ खड़ा एक ऐसा आंदोलन है, जिसने एक नए सिरे से इतिहास लिखा है। वो जो श्रीलंका में हुआ था, वो जो बांग्लादेश में हुआ था वो अब नेपाल में भी हो गया है। नेपाल में बच्चों ने सड़कों पर खून बहाया तो ओली सरकार को उखाड़ कर फेक दिया। सरकार गिर चुकी है। 4 सितंबर 2025 को सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि ये कंपनियां नेपाल में रजिस्टर नहीं थीं।  जेन जेड ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला माना. सड़कों पर उतर आए। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है जेनरेशन जेड, दुनियाभर में ये किस रूप में जानी जाती है। इसे भी पढ़ें: नेपाली संसद और SC भी आग के हवाले, Gen Z प्रदर्शनकारियों ने देश में क्या-क्या फूंक डाला?जेन जेड किसे कहते हैंजेन जेड (Gen Z) उन लोगों को कहा जाता है जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। इन्हें जूमर ( zoomers) भी कहा जाता है। ये मिलेनियल्स ( 1981-1996) के बाद की पीढ़ी है। जेन जेड को तकनीक से परिचित, डिजिटल युग में पले पढ़े और साजाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक माना जाता है। आज के समय की ये सबसे चर्चित और प्रभावशाली जेनरेशन है। टेक्नोलॉजी उनके डीएनए में है। वो नए ऐप्स और ट्रेंड्स को बहुत तेजी से अपनाते हैं। सोशल मीडिया, एआई, गेमिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल पेमेंट, रिमोट वर्क, OTT प्लेटफॉर्म्स यह सब इनकी लाइफ़ का हिस्सा है। जेन जेड को यूट्यूब, इंस्टा, स्नैपचैट, टिकटॉक जैसी प्लेटफॉर्म का ज्यादा अनुभव है। जेन जेड की सोच खुली, क्रिएटिव और टेक फ्रेंडली होती है। ये पारंपरिक करियर और जीवनशैली की बजाय फ्रीलांसिंग, स्टार्टअप, कंटेंट क्रिएशन, क्रिप्टो, AI जैसी नई चीजों में ज्यादा रुचि रखते हैं। क्लाइमेट चेंज, LGBTQ+ राइट्स, जेंडर इक्वालिटी जैसे सामाजिक मुद्दों पर ज्यादा जागरूक होते हैं।

Sep 9, 2025 - 19:53
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भ्रष्टाचार, सत्ता के अहंकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाले Gen Z कौन हैं? जानें इस ‘डिजिटल जेनरेशन’ की पूरी A-B-C-D
कलम से जो तहरीरे लिखनी थी वो सीने पर गोलियां झेलकर लिख रहे हैं। ये नेपाल के वो युवा हैं जो खामोशी से नहीं लहू से इंकलाब लिख रहे हैं। नेपाल के युवा छाती ठोक कर फौज और सत्ता को चुनौती देते नजर आए। फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की कार्रवाई के रूप में शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन काठमांडू और पोखरा, बुटवल, भैरहवा, भरतपुर, इटाहारी और दमक सहित अन्य प्रमुख शहरों में व्यापक सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बदल गया। युवाओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाए जाने के साथ ही हिंसक होते गए। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंसू गैस, पानी की बौछारें और यहाँ तक कि गोलियां भी चलाईं। नेपाली कांग्रेस के गृह मंत्री रमेश लेखक ने  इस्तीफा दे दिया और उसके तुरंत बाद कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल ने भी इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के आवास पर भी धावा बोला और तोड़फोड़ की। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री केपी ओली दुबई जाने पर विचार कर रहे हैं। वित्त मंत्री को दौड़ा दौड़ा कर पीटने का वीडियो भी वायरल हुआ। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री के आवास को आग के हवाले कर दिया गया। बताया गया कि उस वक्त पूर्व पीएम की पत्नी घर में ही थी। 

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नेपाल में 8 सितंबर 2025 को शुरू हुए जेन जेड के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन ने देश की सियासी जमीन हिला दी है। नेपाल की सड़कों पर जो कुछ हो रहा वो सिर्फ सोशल मीडिया के खिलाफ आवाज वाला बैन नहीं है। ये भ्रष्टाचार, सत्ता के अहंकार और नेपाल में पीढ़ियों के उम्मीदों के आर्थिक दमन और तबाही के खिलाफ खड़ा एक ऐसा आंदोलन है, जिसने एक नए सिरे से इतिहास लिखा है। वो जो श्रीलंका में हुआ था, वो जो बांग्लादेश में हुआ था वो अब नेपाल में भी हो गया है। नेपाल में बच्चों ने सड़कों पर खून बहाया तो ओली सरकार को उखाड़ कर फेक दिया। सरकार गिर चुकी है। 4 सितंबर 2025 को सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि ये कंपनियां नेपाल में रजिस्टर नहीं थीं।  जेन जेड ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला माना. सड़कों पर उतर आए। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है जेनरेशन जेड, दुनियाभर में ये किस रूप में जानी जाती है। 

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जेन जेड किसे कहते हैं

जेन जेड (Gen Z) उन लोगों को कहा जाता है जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। इन्हें जूमर ( zoomers) भी कहा जाता है। ये मिलेनियल्स ( 1981-1996) के बाद की पीढ़ी है। जेन जेड को तकनीक से परिचित, डिजिटल युग में पले पढ़े और साजाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक माना जाता है। आज के समय की ये सबसे चर्चित और प्रभावशाली जेनरेशन है। टेक्नोलॉजी उनके डीएनए में है। वो नए ऐप्स और ट्रेंड्स को बहुत तेजी से अपनाते हैं। सोशल मीडिया, एआई, गेमिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल पेमेंट, रिमोट वर्क, OTT प्लेटफॉर्म्स यह सब इनकी लाइफ़ का हिस्सा है। जेन जेड को यूट्यूब, इंस्टा, स्नैपचैट, टिकटॉक जैसी प्लेटफॉर्म का ज्यादा अनुभव है। जेन जेड की सोच खुली, क्रिएटिव और टेक फ्रेंडली होती है। ये पारंपरिक करियर और जीवनशैली की बजाय फ्रीलांसिंग, स्टार्टअप, कंटेंट क्रिएशन, क्रिप्टो, AI जैसी नई चीजों में ज्यादा रुचि रखते हैं। क्लाइमेट चेंज, LGBTQ+ राइट्स, जेंडर इक्वालिटी जैसे सामाजिक मुद्दों पर ज्यादा जागरूक होते हैं।