फरीदाबाद में नगर निगम कर्मचारियों का प्रदर्शन:भेदभाव के आरोपों पर आयुक्त ऑफिस का किया घेराव, 7 दिन की चेतावनी

फरीदाबाद जिले में बुधवार को नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के नेतृत्व में नगर निगम कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने निगम आयुक्त पर भेदभावपूर्ण नीति अपनाने, पदोन्नति और एसीपी लाभ रोकने, तथा ‘लुक आफ्टर’ चार्ज हटाने जैसे फैसलों को मनमाना करार देते हुए आयुक्त कार्यालय का घेराव किया और आंदोलन का नोटिस सौंप दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला प्रधान दिलीप सिंह बोहत ने किया, जबकि राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, उप महासचिव सुनील चंडालिया, सचिव अनूप वाल्मीकि, जिला सचिव अनिल चंडालिया और सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलबीर बाल गोहेर मौजूद रहे। मंत्री के दबाव में कर्मचारी को रेगुलर किया नेताओं ने आरोप लगाया कि निगम आयुक्त ने एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को एक मंत्री के दबाव में रेगुलर कर दिया, जबकि बाकी कर्मचारी कोर्ट के आदेशों और वर्षों की सेवा के बावजूद नियमितीकरण के इंतजार में हैं। संघ का कहना है कि आयुक्त “टरकाऊ नीति” अपनाकर कर्मचारियों को जानबूझकर पक्का नहीं कर रहे। 100 से ज्यादा कर्मचारी का लुक-आफ्टर चार्ज वापस संघ नेताओं ने बताया कि लगभग 100 सफाई कर्मचारी सफाई दरोगा और सह-निरीक्षक पदों पर लुक आफ्टर चार्ज की जिम्मेदारी निभा रहे थे और सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चला रहे थे, लेकिन निगम आयुक्त ने अचानक उनका चार्ज हटाकर उन्हें मूल पदों पर भेजने के आदेश दे दिए, जिस पर यूनियन ने सख्त आपत्ति जताई। कर्मचारियों का कहना है कि यह फैसला मनमाना और कर्मचारियों के मनोबल को गिराने वाला है। एसीपी व पदोन्नति में भेदभाव के आरोप यूनियन ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रिशियन हेल्पर, रोड मेट और कई अन्य श्रेणियों को एसीपी का स्केल नहीं दिया जा रहा, न ही पदोन्नति की जा रही है। वहीं दूसरी ओर समान वेतनमान वाले कर्मचारियों को शर्तों में ढील देकर एसीपी व पदोन्नति का लाभ दे दिया गया है। उन्होंने इसे खुला भेदभाव करार दिया। नेताओं-अधिकारियों के घर काम कर रहे कर्मचारी कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कई कर्मचारी आज भी नेताओं और उच्च अधिकारियों के घरों में निजी काम जैसे चूल्हा-चौका करने में लगाए जाते हैं। यूनियन ने मांग की, कि ऐसे सभी कर्मचारियों को तुरंत जनता की सेवा में लगाया जाए, क्योंकि यह व्यवस्था कर्मचारियों का शोषण है। निलंबन वापसी की मांग और नोटिस सौंपा प्रदर्शनकारियों ने सफाई निरीक्षक ओमप्रकाश शर्मा का निलंबन आदेश रद्द करने, सभी मांगों को पूरा करने और भेदभावपूर्ण निर्णयों को वापस लेने की मांग रखी। संघ ने निगम आयुक्त को मांग पत्र सौंपते हुए 7 दिनों की समय सीमा दी है। नेताओं ने साफ कहा कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं, तो विरोध प्रदर्शन निगम मुख्यालय पर लगातार जारी रहेगा और आंदोलन तेज किया जाएगा।

Dec 3, 2025 - 16:33
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फरीदाबाद में नगर निगम कर्मचारियों का प्रदर्शन:भेदभाव के आरोपों पर आयुक्त ऑफिस का किया घेराव, 7 दिन की चेतावनी
फरीदाबाद जिले में बुधवार को नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के नेतृत्व में नगर निगम कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने निगम आयुक्त पर भेदभावपूर्ण नीति अपनाने, पदोन्नति और एसीपी लाभ रोकने, तथा ‘लुक आफ्टर’ चार्ज हटाने जैसे फैसलों को मनमाना करार देते हुए आयुक्त कार्यालय का घेराव किया और आंदोलन का नोटिस सौंप दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला प्रधान दिलीप सिंह बोहत ने किया, जबकि राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, उप महासचिव सुनील चंडालिया, सचिव अनूप वाल्मीकि, जिला सचिव अनिल चंडालिया और सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलबीर बाल गोहेर मौजूद रहे। मंत्री के दबाव में कर्मचारी को रेगुलर किया नेताओं ने आरोप लगाया कि निगम आयुक्त ने एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को एक मंत्री के दबाव में रेगुलर कर दिया, जबकि बाकी कर्मचारी कोर्ट के आदेशों और वर्षों की सेवा के बावजूद नियमितीकरण के इंतजार में हैं। संघ का कहना है कि आयुक्त “टरकाऊ नीति” अपनाकर कर्मचारियों को जानबूझकर पक्का नहीं कर रहे। 100 से ज्यादा कर्मचारी का लुक-आफ्टर चार्ज वापस संघ नेताओं ने बताया कि लगभग 100 सफाई कर्मचारी सफाई दरोगा और सह-निरीक्षक पदों पर लुक आफ्टर चार्ज की जिम्मेदारी निभा रहे थे और सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चला रहे थे, लेकिन निगम आयुक्त ने अचानक उनका चार्ज हटाकर उन्हें मूल पदों पर भेजने के आदेश दे दिए, जिस पर यूनियन ने सख्त आपत्ति जताई। कर्मचारियों का कहना है कि यह फैसला मनमाना और कर्मचारियों के मनोबल को गिराने वाला है। एसीपी व पदोन्नति में भेदभाव के आरोप यूनियन ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रिशियन हेल्पर, रोड मेट और कई अन्य श्रेणियों को एसीपी का स्केल नहीं दिया जा रहा, न ही पदोन्नति की जा रही है। वहीं दूसरी ओर समान वेतनमान वाले कर्मचारियों को शर्तों में ढील देकर एसीपी व पदोन्नति का लाभ दे दिया गया है। उन्होंने इसे खुला भेदभाव करार दिया। नेताओं-अधिकारियों के घर काम कर रहे कर्मचारी कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कई कर्मचारी आज भी नेताओं और उच्च अधिकारियों के घरों में निजी काम जैसे चूल्हा-चौका करने में लगाए जाते हैं। यूनियन ने मांग की, कि ऐसे सभी कर्मचारियों को तुरंत जनता की सेवा में लगाया जाए, क्योंकि यह व्यवस्था कर्मचारियों का शोषण है। निलंबन वापसी की मांग और नोटिस सौंपा प्रदर्शनकारियों ने सफाई निरीक्षक ओमप्रकाश शर्मा का निलंबन आदेश रद्द करने, सभी मांगों को पूरा करने और भेदभावपूर्ण निर्णयों को वापस लेने की मांग रखी। संघ ने निगम आयुक्त को मांग पत्र सौंपते हुए 7 दिनों की समय सीमा दी है। नेताओं ने साफ कहा कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं, तो विरोध प्रदर्शन निगम मुख्यालय पर लगातार जारी रहेगा और आंदोलन तेज किया जाएगा।