जोधपुर बनेगा वंदेभारत मेंटेनेंस का केंद्र, 195 करोड़ से विस्तार:वंदेभारत स्लीपर वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेंटर शुरू होंगे, रेलमंत्री ने दी मंजूरी
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोधपुर में बनाए जा रहे वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो के विस्तार वाली 195 करोड़ रुपए की परियोजना को सोमवार को मंजूरी दे दी है। इस स्वीकृति के साथ ही अब वंदेभारत स्लीपर सहित सेमी हाई स्पीड बेड़े की सभी ट्रेनों का रखरखाव जोधपुर में संभव होगा। रेलमंत्री द्वारा स्वीकृत बजट से अत्याधुनिक बहुद्देश्यीय वर्कशॉप और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर की भी स्थापना होगी, जो भविष्य की रेलवे आवश्यकताओं को पूर्ण करेगा। क्या-क्या होगा नई परियोजना में उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन ने इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए रेलवे बोर्ड को 195 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था, जिसको मंजूरी मिल गई है। इस बजट से वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के मेंटेनेंस डिपो का विस्तार होगा, साथ ही एक बहुद्देशीय वर्कशॉप और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर बनेगा। ट्रेनिंग सेंटर निर्माण से जोधपुर में ही इन ट्रेनों की देखरेख और उनसे जुड़े इंजीनियरों व सहायक कर्मचारियों को उच्चस्तरीय तकनीक और मशीनरी का प्रशिक्षण देने की सुविधा मिल जाएगी। जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि भगत की कोठी वाशिंग लाइन के पास 167 करोड़ रुपए की लागत से वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में बहुद्देशीय, आधुनिक और आवासीय ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है, जहां वंदे भारत बेड़े की सभी ट्रेनों के रखरखाव और इंजीनियरों व सहायक कर्मचारियों को उच्च स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। रेलमंत्री का बजट अनुमोदन उत्तर पश्चिम रेलवे के लिए बड़ी सौगात है। पहला चरण भगत की कोठी में निर्माणाधीन है और अब दूसरा चरण अत्याधुनिक सुविधाओं सहित शुरू होगा। हाई स्पीड रेल का केंद्र बनेगा जोधपुर जोधपुर में मेंटेनेंस डिपो और ट्रेनिंग सेंटर शुरू होने से यह देश के हाई स्पीड रेल पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। द्वितीय चरण के तहत विशेष विभाग होंगे जो अलग-अलग तकनीकी और परिचालन क्षेत्रों के लिए समर्पित होंगे। रखरखाव, सुविधाओं, केंद्रीकृत संचालन और विश्वस्तरीय प्रशिक्षण अवसंरचना का संयोजन क्षेत्रीय रेल क्षमताओं को सशक्त बनाएगा और भारतीय रेलवे की भविष्य की तैयारियों के लिए नया मानक बनेगा। परिचालन सुविधाएं और विस्तार डिपो के चालू होते ही भारतीय रेलवे पर चलने वाली सभी वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का रखरखाव यहीं होगा। इससे सेवा विश्वसनीयता, टर्नाराउंड समय और रेल परिचालन की दक्षता में जबरदस्त सुधार होगा। भगत की कोठी का डिपो निर्माण अग्रिम चरण में है और यह खुद में अपनी तरह का पहला डिपो होगा। इस डिपो के द्वितीय चरण में कवर्ड वर्कशॉप, ओएचई सुविधा युक्त पिट लाइन, पिट व्हील अनुरक्षण का विस्तार और विभिन्न सर्विस बिल्डिंगों का निर्माण भी होगा। इन सुविधाओं का होगा विस्तार शिलान्यास से अब तक भगत की कोठी (जोधपुर) में स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों के अनुरक्षण के लिए 167 करोड़ रूपए की लागत से मेंटेनेंस डिपो निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 16 फरवरी 2024 को किया था। अब निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है और इसी के साथ आधुनिक ट्रेनिंग सेंटर और अनुरक्षण सुविधाओं का विस्तार भी प्रस्तावित है।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोधपुर में बनाए जा रहे वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो के विस्तार वाली 195 करोड़ रुपए की परियोजना को सोमवार को मंजूरी दे दी है। इस स्वीकृति के साथ ही अब वंदेभारत स्लीपर सहित सेमी हाई स्पीड बेड़े की सभी ट्रेनों का रखरखाव जोधपुर में संभव होगा। रेलमंत्री द्वारा स्वीकृत बजट से अत्याधुनिक बहुद्देश्यीय वर्कशॉप और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर की भी स्थापना होगी, जो भविष्य की रेलवे आवश्यकताओं को पूर्ण करेगा। क्या-क्या होगा नई परियोजना में उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन ने इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए रेलवे बोर्ड को 195 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था, जिसको मंजूरी मिल गई है। इस बजट से वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के मेंटेनेंस डिपो का विस्तार होगा, साथ ही एक बहुद्देशीय वर्कशॉप और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर बनेगा। ट्रेनिंग सेंटर निर्माण से जोधपुर में ही इन ट्रेनों की देखरेख और उनसे जुड़े इंजीनियरों व सहायक कर्मचारियों को उच्चस्तरीय तकनीक और मशीनरी का प्रशिक्षण देने की सुविधा मिल जाएगी। जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि भगत की कोठी वाशिंग लाइन के पास 167 करोड़ रुपए की लागत से वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में बहुद्देशीय, आधुनिक और आवासीय ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है, जहां वंदे भारत बेड़े की सभी ट्रेनों के रखरखाव और इंजीनियरों व सहायक कर्मचारियों को उच्च स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। रेलमंत्री का बजट अनुमोदन उत्तर पश्चिम रेलवे के लिए बड़ी सौगात है। पहला चरण भगत की कोठी में निर्माणाधीन है और अब दूसरा चरण अत्याधुनिक सुविधाओं सहित शुरू होगा। हाई स्पीड रेल का केंद्र बनेगा जोधपुर जोधपुर में मेंटेनेंस डिपो और ट्रेनिंग सेंटर शुरू होने से यह देश के हाई स्पीड रेल पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। द्वितीय चरण के तहत विशेष विभाग होंगे जो अलग-अलग तकनीकी और परिचालन क्षेत्रों के लिए समर्पित होंगे। रखरखाव, सुविधाओं, केंद्रीकृत संचालन और विश्वस्तरीय प्रशिक्षण अवसंरचना का संयोजन क्षेत्रीय रेल क्षमताओं को सशक्त बनाएगा और भारतीय रेलवे की भविष्य की तैयारियों के लिए नया मानक बनेगा। परिचालन सुविधाएं और विस्तार डिपो के चालू होते ही भारतीय रेलवे पर चलने वाली सभी वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का रखरखाव यहीं होगा। इससे सेवा विश्वसनीयता, टर्नाराउंड समय और रेल परिचालन की दक्षता में जबरदस्त सुधार होगा। भगत की कोठी का डिपो निर्माण अग्रिम चरण में है और यह खुद में अपनी तरह का पहला डिपो होगा। इस डिपो के द्वितीय चरण में कवर्ड वर्कशॉप, ओएचई सुविधा युक्त पिट लाइन, पिट व्हील अनुरक्षण का विस्तार और विभिन्न सर्विस बिल्डिंगों का निर्माण भी होगा। इन सुविधाओं का होगा विस्तार शिलान्यास से अब तक भगत की कोठी (जोधपुर) में स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों के अनुरक्षण के लिए 167 करोड़ रूपए की लागत से मेंटेनेंस डिपो निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 16 फरवरी 2024 को किया था। अब निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है और इसी के साथ आधुनिक ट्रेनिंग सेंटर और अनुरक्षण सुविधाओं का विस्तार भी प्रस्तावित है।