खगड़िया गोशाला में 10 दिवसीय गोपाष्टमी मेला शुरू:प्रभारी डीएम अभिषेक पलासिया ने किया उद्घाटन, 3 महीनों तक चलता है 'काष्ठ मेला'
खगड़िया गोशाला परिसर में शुक्रवार शाम 10 दिवसीय गोपाष्टमी मेला शुरू हो गया। प्रभारी जिलाधिकारी अभिषेक पलासिया ने पारंपरिक विधि से इसका उद्घाटन किया। यह मेला 137 वर्षों की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा है। उद्घाटन समारोह में एडीएम आपदा विजयंत, एसडीओ सह गौशाला कमेटी के अध्यक्ष धनंजय कुमार, एएसपी सह सदर डीएसपी मुकल कुमार रंजन, गौशाला सचिव प्रदीप दहलान, सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी पूरण साह, और चित्रगुप्त नगर थाना अध्यक्ष अमित कुमार कान्त सहित कई गणमान्य व्यक्ति तथा गोशाला कमेटी के सदस्य उपस्थित थे। गोपाष्टमी मेला खगड़िया की धार्मिक आस्था, स्थानीय संस्कृति, व्यापार और लोक परंपराओं का संगम है। यह मेला इन सभी पहलुओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग यहां पहुंचकर विभिन्न कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं। गोपाष्टमी के बाद 3 महीनों तक चलता है इस मेले की एक खास पहचान 'काष्ठ मेला' है, जो गोपाष्टमी के बाद लगातार तीन महीनों तक चलता है। इसमें लकड़ी से बने फर्नीचर जैसे टेबल, कुर्सी, पलंग और चौकी आदि की बड़े पैमाने पर खरीदारी होती है। विवाह के मौसम की शुरुआत के कारण यह मेला लोगों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है। ऐतिहासिक रूप से, गोपाष्टमी मेला पहले राजेंद्र सरोवर के किनारे तीन दिनों के लिए आयोजित होता था। इसकी आय का उपयोग गोशाला में गायों के पालन-पोषण के लिए किया जाता था। वर्ष 1989 में तत्कालीन जिलाधिकारी अजीत कुमार ने मेले को गोशाला के पूर्वी मैदान में स्थानांतरित कर इसे प्रशासनिक नियंत्रण में लिया। 10 दिवसीय आयोजन के रूप में स्थापित पिछले तीन वर्षों से इस मेले का विस्तार किया गया है और अब यह 10 दिवसीय आयोजन के रूप में स्थापित हो चुका है, जिससे इसकी भव्यता और आकर्षण में और वृद्धि हुई है। यह गोपाष्टमी मेला आने वाले दिनों में भी जिले की संस्कृति, व्यापार और लोक परंपरा को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
खगड़िया गोशाला परिसर में शुक्रवार शाम 10 दिवसीय गोपाष्टमी मेला शुरू हो गया। प्रभारी जिलाधिकारी अभिषेक पलासिया ने पारंपरिक विधि से इसका उद्घाटन किया। यह मेला 137 वर्षों की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा है। उद्घाटन समारोह में एडीएम आपदा विजयंत, एसडीओ सह गौशाला कमेटी के अध्यक्ष धनंजय कुमार, एएसपी सह सदर डीएसपी मुकल कुमार रंजन, गौशाला सचिव प्रदीप दहलान, सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी पूरण साह, और चित्रगुप्त नगर थाना अध्यक्ष अमित कुमार कान्त सहित कई गणमान्य व्यक्ति तथा गोशाला कमेटी के सदस्य उपस्थित थे। गोपाष्टमी मेला खगड़िया की धार्मिक आस्था, स्थानीय संस्कृति, व्यापार और लोक परंपराओं का संगम है। यह मेला इन सभी पहलुओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग यहां पहुंचकर विभिन्न कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं। गोपाष्टमी के बाद 3 महीनों तक चलता है इस मेले की एक खास पहचान 'काष्ठ मेला' है, जो गोपाष्टमी के बाद लगातार तीन महीनों तक चलता है। इसमें लकड़ी से बने फर्नीचर जैसे टेबल, कुर्सी, पलंग और चौकी आदि की बड़े पैमाने पर खरीदारी होती है। विवाह के मौसम की शुरुआत के कारण यह मेला लोगों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है। ऐतिहासिक रूप से, गोपाष्टमी मेला पहले राजेंद्र सरोवर के किनारे तीन दिनों के लिए आयोजित होता था। इसकी आय का उपयोग गोशाला में गायों के पालन-पोषण के लिए किया जाता था। वर्ष 1989 में तत्कालीन जिलाधिकारी अजीत कुमार ने मेले को गोशाला के पूर्वी मैदान में स्थानांतरित कर इसे प्रशासनिक नियंत्रण में लिया। 10 दिवसीय आयोजन के रूप में स्थापित पिछले तीन वर्षों से इस मेले का विस्तार किया गया है और अब यह 10 दिवसीय आयोजन के रूप में स्थापित हो चुका है, जिससे इसकी भव्यता और आकर्षण में और वृद्धि हुई है। यह गोपाष्टमी मेला आने वाले दिनों में भी जिले की संस्कृति, व्यापार और लोक परंपरा को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।