कोसी नदी में रिकॉर्ड जलस्तर:मधेपुर में बराज पर 1.93 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज, खेतों में भरा पानी
नेपाल की तराई और कोसी नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कोसी बराज पर सोमवार रात 10 बजे पानी का डिस्चार्ज 2.77 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। यह इस वर्ष का अब तक का सर्वाधिक डिस्चार्ज है। मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड में कोसी की मुख्य और शाखा धाराएं पानी से भर गई हैं। गढ़वाल, बसीपट्टी, भरगामा और बकुआ पंचायत क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। हालांकि, अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। कोसी दियारे के कुछ पंचायतों में पानी खेतों तक पहुंच गया है। गढ़गांव, असुरगढ़, गेवाल टोल, मेनाही और परियाही में धान के खेतों में पानी फैल गया है। स्थानीय प्रतिनिधियों के अनुसार, पिछले 10 दिनों से बारिश नहीं होने से खेतों में दरारें पड़ने लगी थीं। अब यह पानी धान की फसल के लिए वरदान साबित हो रहा है। कोसी बराज कंट्रोल रूम भीमनगर-बीरपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम 5 बजे बराज पर 1.93 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया। इसी समय नेपाल के बराह क्षेत्र में 1.12 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड हुआ। दोनों स्थानों पर जलस्तर में कमी आ रही है।
Sep 2, 2025 - 22:18
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नेपाल की तराई और कोसी नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कोसी बराज पर सोमवार रात 10 बजे पानी का डिस्चार्ज 2.77 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। यह इस वर्ष का अब तक का सर्वाधिक डिस्चार्ज है। मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड में कोसी की मुख्य और शाखा धाराएं पानी से भर गई हैं। गढ़वाल, बसीपट्टी, भरगामा और बकुआ पंचायत क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। हालांकि, अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। कोसी दियारे के कुछ पंचायतों में पानी खेतों तक पहुंच गया है। गढ़गांव, असुरगढ़, गेवाल टोल, मेनाही और परियाही में धान के खेतों में पानी फैल गया है। स्थानीय प्रतिनिधियों के अनुसार, पिछले 10 दिनों से बारिश नहीं होने से खेतों में दरारें पड़ने लगी थीं। अब यह पानी धान की फसल के लिए वरदान साबित हो रहा है। कोसी बराज कंट्रोल रूम भीमनगर-बीरपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम 5 बजे बराज पर 1.93 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया। इसी समय नेपाल के बराह क्षेत्र में 1.12 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड हुआ। दोनों स्थानों पर जलस्तर में कमी आ रही है।
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