बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को हीरो एशिया कप 2025 जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के प्रत्येक सदस्य को 10 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है। कुमार ने टीम के प्रत्येक सहयोगी स्टाफ को 5 लाख रुपये देने की भी घोषणा की। गौरतलब है कि भारतीय हॉकी टीम ने रविवार को राजगीर में हीरो एशिया कप में कोरिया को 4-1 से हराया। नीतीश ने एक्स पर लिखा कि राजगीर में अवस्थित राज्य खेल अकादमी-सह-बिहार खेल विश्वविद्यालय के परिसर में पहली बार आयोजित हीरो एशिया कप 2025 में भारतीय हॉकी टीम ने विलक्षण जीत दर्ज कर पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हीरो एशिया कप 2025 जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों एवं सहयोगी स्टाफ के उत्साहवर्द्धन हेतु राज्य सरकार ने सम्मान राशि प्रदान करने का निर्णय लिया है। हीरो एशिया कप 2025 की विजेता भारतीय टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को 10 लाख रुपए और प्रत्येक सहयोगी स्टाफ को 5 लाख रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। भारतीय हॉकी टीम को भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रविवार को राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में कोरिया को 4-1 से हराकर हीरो एशिया कप राजगीर, बिहार 2025 का खिताब अपने नाम किया। स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था और स्थानीय लोग टीम को जोरदार समर्थन देने पहुंचे थे। इस जीत के साथ भारत ने एशिया में अपनी सत्ताधारी स्थिति वापस हासिल कर आठ वर्षों का इंतजार समाप्त कर लिया। साथ ही, भारत एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप 2026 (नीदरलैंड और बेल्जियम में) के लिए क्वालीफाई कर गया।
भारत ने आखिरी बार 2017 में ढाका में एशिया कप जीता था। आज के फाइनल में भारत के लिए गोल दिलप्रीत सिंह (28’, 45’), सुखजीत सिंह (1’) और अमित रोहिदास (50’) ने किए। इस ऐतिहासिक जीत के बाद हॉकी इंडिया ने खिलाड़ियों को प्रत्येक को ₹3 लाख और सपोर्ट स्टाफ को ₹1.5 लाख देने की घोषणा की। भारत ने शानदार शुरुआत की और मैच शुरू होने के सिर्फ 30 सेकंड के भीतर ही सुखजीत सिंह ने गोल कर दिया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह की बेहतरीन पासिंग से गेंद मिली और सुखजीत ने जोरदार टॉमहॉक शॉट मारते हुए कोरियाई गोलकीपर जाएहान किम को चकमा दे दिया। पहले क्वार्टर में काफी एक्शन देखने को मिला। लगभग छह मिनट बाकी रहते भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला। यह अवसर मनीप सिंह द्वारा गोल पर शॉट मारते समय कोरियाई डिफेंडर द्वारा स्टिक से रोके जाने पर मिला था। लेकिन यह मौका गंवा दिया गया और जुगराज सिंह का प्रयास जाएहान ने रोक लिया।
दूसरे क्वार्टर में कोरिया ने भारत की गति धीमी कर दी। जुगराज को ग्रीन कार्ड मिला लेकिन युवा मिडफील्डर राजिंदर सिंह ने भारत को 19वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर दिलाया। हालांकि, कोरिया की अच्छी समीक्षा के बाद भारत का यह प्रयास अस्वीकार कर दिया गया। दूसरे क्वार्टर में दोनों टीमों के बीच थोड़ी देर तक गोल की कोशिशें रुक गईं। लेकिन 28वें मिनट में दिलप्रीत सिंह ने गोल कर भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई। यह मौका कप्तान हरमनप्रीत सिंह की लंबी पास से मिला, जिसे संजय ने आगे बढ़ाकर दिलप्रीत तक पहुंचाया। उन्होंने थोड़ी देर रुककर गोलकीपर के बीच से गेंद निकाल दी।
हाफ टाइम के बाद तीसरे क्वार्टर में भारत ने खेल की शुरुआत की, हालांकि संजय को ग्रीन कार्ड मिलने के कारण भारत को सिर्फ 10 खिलाड़ी मैदान में रहकर खेलना पड़ा। तीसरे क्वार्टर की शुरुआत के तीन मिनट बाद भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन मनीप के शिन से गेंद लगने के बाद निर्णय पलट दिया गया। इसके बाद भारत ने कई हमले किए लेकिन गोल नहीं हो पाया। अंततः 45वें मिनट में दिलप्रीत सिंह ने शानदार गोल कर बढ़त बढ़ा दी। हरमनप्रीत की शानदार पास से राज कुमार पाल ने शॉट लगाया लेकिन अंतिम रूप से गोल दिलप्रीत ने किया।
दिलप्रीत भारतीय आक्रमण की धुरी बने रहे और उन्होंने एक और पेनल्टी कॉर्नर तैयार किया जिसे अमित रोहिदास ने बेहतरीन तरीके से गोल में बदला। चौथे क्वार्टर की शुरुआत में कोरिया ने पेनल्टी कॉर्नर की अच्छी रणनीति से एक गोल कर दिया। यांग जीहून ने फेक खेलते हुए गेंद को इंजेक्टर ली जंगजुन को पास किया, जिसने सोन दैन को गेंद दी और उसने गोल कर स्कोर 4-1 कर दिया। लेकिन यह स्कोर भारत की जीत की भूख को कम नहीं कर सका और उन्होंने अंतिम मिनटों तक बढ़त बनाए रखते हुए आठ वर्षों के इंतजार का अंत किया।