शेयर बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को आईपीओ नियमों, विदेशी निवेशकों के लिए सरल प्रवेश और सार्वजनिक निर्गमों में एंकर निवेशकों के लिए एक नए ढांचे पर केंद्रित महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी। सेबी प्रमुख तुहिन कांता पांडे, जिन्होंने 1 मार्च को पदभार ग्रहण किया था, की अध्यक्षता में यह तीसरी बोर्ड बैठक थी। स्वीकृत प्रस्तावों में बहुत बड़ी कंपनियों के लिए न्यूनतम आईपीओ आवश्यकताओं में ढील देना और न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों को पूरा करने के लिए उनके लिए समय-सीमा बढ़ाना शामिल था। अपनी बोर्ड बैठक में सेबी ने एकल खिड़की पहुँच की शुरुआत के साथ कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय प्रतिभूति बाजार में भागीदारी को आसान बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और एक निवेश गंतव्य के रूप में देश के आकर्षण को बढ़ाना है।
सेबी के निदेशक मंडल ने बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ नियमों को आसान बनाया, न्यूनतम शेयरधारिता जरूरतों को पूरा करने के लिए समयसीमा बढ़ाकर 10 साल तक किया। सेबी ने संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए आईपीओ में एंकर निवेशकों के लिए शेयर-आवंटन ढांचे में बदलाव का फैसला किया। चेयरमैन ने कहा कि सेबी के निदेशक मंडल ने निवेश प्रवाह बढ़ाने के लिए एकल खिड़की व्यवस्था की शुरुआत कर भारतीय पूंजी बाजारों में एफपीआई के प्रवेश को आसान बनाया। निदेशक मंडल ने मान्यता-प्राप्त निवेशकों वाले वैकल्पिक निवेश कोषों के लिए नियामकीय ढांचे को आसान बनाया।
सेबी रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) को इक्विटी उत्पादों के रूप में वर्गीकृत करेगा। इसके अलावा, निदेशक मंडल ने शेयर बाजार समेत बाजार अवसंरचना संस्थानों की परिचालन निगरानी को मजबूत करने के लिए दो कार्यकारी निदेशकों (ईडी) की नियुक्ति को अनिवार्य करने का भी फैसला किया। इसके साथ ही, बाजार नियामक ने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) को इक्विटी उत्पादों के रूप में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया है।