समालखा में छठ पूजा पर डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य:सूर्य नारायण मंदिर में भीड़ उमड़ी, पानी में खड़े होकर की पूजा अर्चना

पानीपत के समालखा के सूर्य नारायण एवं नवग्रह मंदिर में सोमवार शाम छठ महापर्व पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, विशेषकर महिलाएं और उनके परिवारजन एकत्र हुए। पूरे मंदिर परिसर में श्रद्धा और भक्ति का माहौल था। छठ घाट को दीपों, फूलों और रंग-बिरंगी सजावट से सुंदर रूप दिया गया था। पारंपरिक वेशभूषा में व्रत रखने वाली महिलाएं भगवान सूर्य को नमन करती दिखीं। सूर्यास्त के समय छठी मइय्या के गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। परिवार की सुख-समृद्धि तथा आरोग्य की कामना श्रद्धालुओं ने तालाब किनारे खड़े होकर पूजा-अर्चना की और सूर्य देवता से परिवार की सुख-समृद्धि तथा आरोग्य की कामना की। छोटे बच्चों ने दीप जलाकर पानी में प्रवाहित किए, जिससे पूरा दृश्य अत्यंत मनमोहक हो गया। मंदिर समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद, सुरक्षा और सफाई की विशेष व्यवस्था की थी। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी यातायात नियंत्रण और सुरक्षा के उचित प्रबंध सुनिश्चित किए। छठ व्रती मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय महापर्व का समापन करेंगे। सोमवार शाम को भी मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ देर तक बनी रही। समालखा में इस छठ पूजा ने धार्मिक एकता और सामूहिक श्रद्धा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।

Oct 27, 2025 - 18:58
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समालखा में छठ पूजा पर डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य:सूर्य नारायण मंदिर में भीड़ उमड़ी, पानी में खड़े होकर की पूजा अर्चना
पानीपत के समालखा के सूर्य नारायण एवं नवग्रह मंदिर में सोमवार शाम छठ महापर्व पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, विशेषकर महिलाएं और उनके परिवारजन एकत्र हुए। पूरे मंदिर परिसर में श्रद्धा और भक्ति का माहौल था। छठ घाट को दीपों, फूलों और रंग-बिरंगी सजावट से सुंदर रूप दिया गया था। पारंपरिक वेशभूषा में व्रत रखने वाली महिलाएं भगवान सूर्य को नमन करती दिखीं। सूर्यास्त के समय छठी मइय्या के गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। परिवार की सुख-समृद्धि तथा आरोग्य की कामना श्रद्धालुओं ने तालाब किनारे खड़े होकर पूजा-अर्चना की और सूर्य देवता से परिवार की सुख-समृद्धि तथा आरोग्य की कामना की। छोटे बच्चों ने दीप जलाकर पानी में प्रवाहित किए, जिससे पूरा दृश्य अत्यंत मनमोहक हो गया। मंदिर समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद, सुरक्षा और सफाई की विशेष व्यवस्था की थी। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी यातायात नियंत्रण और सुरक्षा के उचित प्रबंध सुनिश्चित किए। छठ व्रती मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय महापर्व का समापन करेंगे। सोमवार शाम को भी मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ देर तक बनी रही। समालखा में इस छठ पूजा ने धार्मिक एकता और सामूहिक श्रद्धा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।